फ़तेहपुर। 22 जनवरी को धर्म नगरी अयोध्या में आयोजित होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को दृष्टिगत रखते हुए शहर में शांति एवं कानून ब्यवस्था को बनाए रखने के लिए एसपी उदय शंकर सिंह ने भारी पुलिस फोर्स के साथ कोतवाली व शहर क्षेत्रान्तर्गत स्थित सिद्धपीठ ताँबेश्वर मन्दिर, हनुमान मंदिर चौक, मोटेश्वर महादेव समेत शहर के सभी गलियों एवं चौराहे का भृमण करते हुए शांति एवं कानून ब्यवस्था का जायजा लेते हुए आवाम को पुलिसिया सुरक्षा का एहसास दिलाया। साथ ही सुरक्षा ड्यूटी में लगाए गए पुलिस कर्मियों की ड्यूटी मुस्तैदी की सत्यता को भी परख उन्हें सुरक्षा ब्यवस्था को और अधिक बेहतर बनाए जाने के दिशा निर्देश दिये। एसपी श्री सिंह ने लोगो से 22 जनवरी यानी धर्म नगरी अयोध्या में होने वाले श्री राम प्राण प्रतिष्ठा उत्सव को आपसी प्रेम व सौहार्द पूर्वक ढंग से गंगा यमुनी तहजीब के साथ दीपोत्सव के रूप में मनाए जाने की अपील की। इस अवसर पर एसपी उदय शंकर सिंह, सीओ सिटी वीर सिंह, शहर कोतवाली प्रभारी समेत कोतवाली व पुलिस लाइन में तैनात महिला पुरुष पुलिस बल के जवान मौजूद रहे।

कार्यवाहक सींच पर्यवेक्षक लक्ष्मी शंकर यादव कार्यवाहक जिलेदार महेश शंकर शुक्ला, विजय गुप्ता आदि को प्रत्येक महीने बिना जांच पड़ताल के फर्जी टी0ए0 का भुगतान कई सालों से चल रहा है। राज्य सरकार को प्रत्येक महीने 50 हजार से अधिक का चूना लगाया जा रहा है। यदि इसकी विजिलेंस से जांच हो जाय तो पर्दाफाश हो सकता है।

अमौली/फ़तेहपुर अमौली गांव में ग्राम प्रधान व पँचायत मित्र की शय पर ग्राम समाज की जमीन पर किये जा रहे अवैध भवन निर्माण कार्य मे रोक लगाते हुए क्षेत्रीय लेखपाल ने आरोपित भवन निर्माण कर्ता को आइंदा की दशा में सख्त विधिक कार्यवाही के लिए भी चेताया है। अमौली ग्राम पंचायत के प्रजापति मुहल्ले में ग्राम समाज की खाली पड़ी जमीन में विगत कुछ दिनों पूर्व से ग्राम प्रधान पति व पँचायत मित्र की शय से गांव के आरोपी आशाराम तिवारी द्वारा जमीन का समतलीकरण करवा उसमें जबरन भवन निर्माण कार्य कराया जा रहा था। जिसकी लिखित शिकायत ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से डीएम इंदुमती एसडीएम बिन्दकी व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश शासन से कर अवैध निर्माण कार्य मे रोक लगवा दोषी जनो के खिलाफ कार्यवाही की मांग की थी। जिसका डीएम इंदुमती ने संज्ञान लेते हुए एसडीएम बिन्दकी को मामले की जांच कर कार्यवाही के आदेश दिये थे। एसडीएम बिन्दकी ने मामले की जांच सर्किल के कानूनगो व क्षेत्रीय लेखपाल को दी थी। जिसके अनुपालन में क्षेत्रीय लेखपाल ने मौके पर पहुंच अवैध निर्माण कार्य का जायजा लेते हुए निर्माण कार्य में तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाते हुए आरोपी निर्माणकर्ता को पुनः निर्माण कार्य कराए जाने की दशा में सख्त विधिक कार्यवाही करने की चेतावनी दी है।

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फतेहपुर/खागा,। जल ही जीवन जल सा जीवन, जल्दी ही जल जाओगे, अगर बची नहीं जल की बूंदें, कैसे प्यास बुझाओगे... किसी कवि की लिखी यह चंद लाइनें लोगों की समझ में आती नहीं दिख रही हैं क्योंकि जिले में पानी की बर्बादी का आलम थम नहीं रहा है। अपनी जेबें भरने के लिए पानी के कारोबारी रोज लाखों लीटर पानी नालियों में बहा रहे हैं। कई सालों से जिले में पानी बेचने का धंधा जोर पकड़ रहा है। एक के बाद एक दर्जनों आरओ वाटर प्लान्टों के जरिए रोजाना धरती की कोख से अरबों लीटर पानी निकाला जा रहा है। जिससे जनपद में पहले से ही गिर रहे भूजल स्तर को और अधिक खतरा पैदा हो गया है। सूत्र बताते हैं कि आरओ वाटर प्लान्टों को लगाने के पहले न तो जल संरक्षण की मानक अनुसार व्यवस्था की गई और न ही नियमों व दूसरे मानकों का पालन किया गया। घर घर पानी की सप्लाई कर कारोबारी अपनी माली हालत तो दुरूस्त कर रहे हैं लेकिन पर्यावरण को गंभीर बीमारी दे रहे हैं। तीनों तहसीलों में स्थापित किए गए वाटर प्लांटों से रोजाना करोड़ों लीटर पानी जल संरक्षण की उचित व्यवस्था नहीं होने से नालियों में बह रहा है। 70 फीसदी सिंचाई भूगर्भ जल पर निर्भर सूबे के दूसरे जिलों की तरह फतेहपुर में भी सिचाई के साधनों में भूगर्भ जल का अत्यधिक महत्व है। अनुमान के मुताबिक करीब सत्तर फीसदी सिचाई भूगर्भ जल साधनों द्वारा की जाती है। नहरी में पानी की कमी और नहर आच्छादित क्षेत्रों की कमी के कारण खेतों की सिचाई के लिए निजी और सरकारी नलकूपों पर अधिक निर्भरता है। मानसूनी बारिश कम होने पर यह निर्भरता काफी अधिक बढ़ जाती है। पेयजल व्यवस्था तो सौ फीसदी भूगर्भ जल पर ही निर्भर है। कम लागत में होती अधिक कमाई, बढ़ रहे प्लांट आरओ वाटर प्लांटों की संख्या में बढ़ोतरी का कारण कम पूंजी में अधिक कमाई को माना जा रहा है। दो हजार लीटर से दस हजार लीटर तक के वाटर प्लांट करीब पांच लाख से पंद्रह लाख तक की पूंजी में स्थापित किए जा सकते हैं। इन प्लान्टों में पूंजी का एक बार निवेश करने के बाद रखरखाव और मरम्मत की अधिक आवश्यकता नहीं होती है।

आई थी नौबत, हाईकोर्ट जाने की तैयारी शिक्षक बीएलओ का तबादला नहीं फतेहपुर/खागा,। कई साल बाद जिले के भीतर तबादले की नौबत आने के बाद भी आखिरी क्षणों में उन शिक्षकों का पारस्परिक तबादला नहीं हो सका जो बीएलओ के पद का भी निर्वहन कर रहे थे। शुक्रवार व शनिवार को ब्लॉकों से तमाम शिक्षकों को रिलीविंग दे दी गई लेकिन उन शिक्षकों को रोक लिया गया जो बीएलओ थे। शनिवार शाम बेसिक शिक्षा परिषद सचिव का भी आदेश आ गया जिसमें उन्होंने बीएलओ पद पर कार्यरत शिक्षकों के तबादले पर रोक लगा दी। बीएलओ का काम देख रहे शिक्षकों के पारस्परिक स्थानान्तरण को लेकर बीते दो दिनों से ऊहापोह की स्थिति बनी रही। शिक्षक संघों के नेता व शिक्षक बीएसए व बीईओ दफ्तरों का चक्कर काट रहे थे। नेताओं ने उम्मीद बंधाई थी कि शनिवार शाम तक कुछ हल निकल आएगा लेकिन बेसिक शिक्षा परिषद सचिव के आदेश ने तबादले की मंशा पर पानी फेर दिया। मजे की बात यह है कि कई ऐसे शिक्षकों को भी कार्यमुक्त कर दिया गया जो परिषद की गाइडलाइन के अनुरूप नहीं थे। अब सवाल यह है कि क्या इन्हें फिर से विभाग वापस बुलाएगा। इनका नहीं होगा पारस्परिक तबादला जो शिक्षक व शिक्षिका जो बीएलओ व निर्वाचन सम्बन्धी कार्यों का निर्वहन कर रहे हैं। अंग्रेजी माध्यम विद्यालय के ऐसे शिक्षक जिन्होंने अपना जोड़ा अंग्रेजी माध्यम से भिन्न विद्यालय में कार्यरत शिक्षक के साथ बनाया है। ऐसे शिक्षक जो एआरपी हैं और उन्होंने अपना जोड़ा एआरपी से भिन्न शिक्षकों के साथ पेयर बनाया है। ऐसे शिक्षक एवं शिक्षिका जो अवकाश पर हैं या निलंबित हैं तो तबादला नहीं होगा। हम काम भी करें और तबादला भी न मिले बीएलओ का कार्य कर शिक्षकों की पीड़ा आदेश आने के बाद सतह पर आ गई। उन्होंने कहा कि एक तो हम चुनाव आयोग का काम भी करें और जब किसी तरह हमारे तबादले की नौबत आई तो उसे रोक दिया गया। नाम न छापने की शर्त पर शिक्षकों ने कहा कि ऐसा लगता है कि बीएलओ का काम करना गुनाह हो गया है।

फतेहपुर, । अफसर की फटकार से तिलमिलाए बीडीओ हसवां ने गरीब महिला पर अपनी भड़ास निकाली। कह दिया कि गरीब हो तो इतने बच्चे क्यों पैदा किए? पन्नी की झोपड़ी में रह रहे गरीब का कुसूर इतना कि उसने पीएम आवास की मांग की है। पीडी ने बीडीओ से जवाब तलब किया है। हसवां ब्लाक की ग्राम पंचायत रामपुर थरियांव में मजरे लक्ष्मणपुर गांव निवासिनी प्रेमा पत्नी बाबादीन ने बताया कि शनिवार को बीडीओ घर (झोपड़ी) की जांच को आए थे। तो उसने अपनी गरीबी बता कर आवास की मांग कर ली। पारिवारिक सदस्यों के बारे में बीडीओ ने पूछा तो उसने बताया कि उसके पांच पुत्र रहे। दो पुत्रों की मृत्यु हो गई है, तीन जीवित हैं। चार बेटों के परिवार अलग रहते हैं। एक बेटा उनके साथ रहता है। इतना सुनकर बीडीओ भड़क उठे और बोले, इतने बच्चे क्यों पैदा किए? जाओ सभी लोग मिलकर रहो। तुमको कोई लाभ नहीं मिलेगा। लक्ष्मणपुर गांव निवासी गुलाब का सूची से नाम काटने एवं बाबादीन का पन्नी की झोपड़ी में गुजर बसर को लेकर खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया है। जिसपर पीडी ने बीडीओ हसवां को फटकार लगाते हुए मामले की विस्तृत जांच कर तत्काल रिपोर्ट देने को कहा। साथ ही संबंधित पर कड़ी कार्रवाई का अल्टीमेटम दिया है। वहीं बीडीओ हसवां सतीश चंद्र पांडेय ने बताया कि महिला के आरोप गलत है। उन्होंने कितने बच्चे हैं और मिल कर रहने की बात कही है। जांच के दौरान मौजूद पुरुष नशे की हालत में थे और तमाम तरह की बातें कर रहे थे। हालात को भांप हम लौट आए और अपनी जांच रिपोर्ट पीडी को भेज दी है। जांच को बीडीओ हसवां को भेजा गया है। कच्चे मकान पाए गए हैं। एक बेटे फूलचंद्र का पीएम आवास निर्माणाधीन है। बाबादीन समेत उसके बच्चों के नाम प्रतीक्षा सूची में दर्ज करने को कहा है। समय आने पर सभी पात्रों को आवास का लाभ दिया जाएगा। शेषमणि सिंह, पीडी डीआरडीए