आई थी नौबत, हाईकोर्ट जाने की तैयारी शिक्षक बीएलओ का तबादला नहीं फतेहपुर/खागा,। कई साल बाद जिले के भीतर तबादले की नौबत आने के बाद भी आखिरी क्षणों में उन शिक्षकों का पारस्परिक तबादला नहीं हो सका जो बीएलओ के पद का भी निर्वहन कर रहे थे। शुक्रवार व शनिवार को ब्लॉकों से तमाम शिक्षकों को रिलीविंग दे दी गई लेकिन उन शिक्षकों को रोक लिया गया जो बीएलओ थे। शनिवार शाम बेसिक शिक्षा परिषद सचिव का भी आदेश आ गया जिसमें उन्होंने बीएलओ पद पर कार्यरत शिक्षकों के तबादले पर रोक लगा दी। बीएलओ का काम देख रहे शिक्षकों के पारस्परिक स्थानान्तरण को लेकर बीते दो दिनों से ऊहापोह की स्थिति बनी रही। शिक्षक संघों के नेता व शिक्षक बीएसए व बीईओ दफ्तरों का चक्कर काट रहे थे। नेताओं ने उम्मीद बंधाई थी कि शनिवार शाम तक कुछ हल निकल आएगा लेकिन बेसिक शिक्षा परिषद सचिव के आदेश ने तबादले की मंशा पर पानी फेर दिया। मजे की बात यह है कि कई ऐसे शिक्षकों को भी कार्यमुक्त कर दिया गया जो परिषद की गाइडलाइन के अनुरूप नहीं थे। अब सवाल यह है कि क्या इन्हें फिर से विभाग वापस बुलाएगा। इनका नहीं होगा पारस्परिक तबादला जो शिक्षक व शिक्षिका जो बीएलओ व निर्वाचन सम्बन्धी कार्यों का निर्वहन कर रहे हैं। अंग्रेजी माध्यम विद्यालय के ऐसे शिक्षक जिन्होंने अपना जोड़ा अंग्रेजी माध्यम से भिन्न विद्यालय में कार्यरत शिक्षक के साथ बनाया है। ऐसे शिक्षक जो एआरपी हैं और उन्होंने अपना जोड़ा एआरपी से भिन्न शिक्षकों के साथ पेयर बनाया है। ऐसे शिक्षक एवं शिक्षिका जो अवकाश पर हैं या निलंबित हैं तो तबादला नहीं होगा। हम काम भी करें और तबादला भी न मिले बीएलओ का कार्य कर शिक्षकों की पीड़ा आदेश आने के बाद सतह पर आ गई। उन्होंने कहा कि एक तो हम चुनाव आयोग का काम भी करें और जब किसी तरह हमारे तबादले की नौबत आई तो उसे रोक दिया गया। नाम न छापने की शर्त पर शिक्षकों ने कहा कि ऐसा लगता है कि बीएलओ का काम करना गुनाह हो गया है।