Transcript Unavailable.
Transcript Unavailable.
Transcript Unavailable.
Transcript Unavailable.
Transcript Unavailable.
गाजीपुर से विजई पुर मार्ग करीब बीस वर्ष से जर्ज़र है,वाहन,बाइक सवार,साइकिल सवार इस रास्ते से जाने में घबराते है
फतेहपुर खखरेरू। सीएचसी में अधीक्षक समेत कई डाक्टरों के ड्यूटी से नदारद रहने से मरीजों का समुचित इलाज नहीं मिल रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि अधीक्षक डॉ.राजेश सहित डॉ. रफत दंत विशेषज्ञ, सहायक मोहम्मद तलहा,महिला विशेषज्ञ डॉ. वंदना आए दिन गैर हाजिर रहते हैं। केवल एक डॉक्टर के सहारे नगर वासियों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिल पा रही हैं। बुधवार को सीएचसी में करीब 22 मरीज इलाज के लिए पहुंचे लेकिन इस दौरान केवल एक डॉक्टर मौजूद रहे। मरीज गरिमा शाहू पत्नी हरिश्चंद निवासी कालूपुर, मोहम्मद तौकीर पुत्र नईम निवासी खखरेरू ,रोशनी चौधरी पुत्री देव राखन निवासी दरियामऊ, आदि मरीजों ने बताया कि दो घंटे से इंतजार करने भी डॉक्टर नहीं आये।
फतेहपुर विजयीपुर ।कोर्ट के जरिए भाई ने मृतक की सास, ससुर समेत सात लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। बांदा के देबिन का डेरा मजरे जलालपुर थाना बबेरू निवासी रामखेलावन निषाद ने बताया कि भाई कल्लू की शादी नरौली मजरे गढ़ा थाना किशनपुर में सूरजभान के पुत्री गीता देवी के साथ हुई थी। भाई कल्लू पंजाब में नौकरी करता था उसकी पत्नी गीता पिता के घर रहती थी। 17 जुलाई को गीता की प्रसव पीड़ा हुई। मायके वाले अच्छे अस्पताल में लेकर नहीं गए। जिसके कारण जच्चा बच्चा की मौत हो गई थी। सूचना पर भाई कल्लू अपनी ससुराल नरौली पहुंचा। शव गांव लाने की बात कही जिस पर सास, ससुर, साला व साढू ने शव लाने नहीं दिया। वहीं पर अंतिम संस्कार किया। भाई ससुराल में ही रुक गया था। 19 जुलाई को ससुराल वालो ने सूचना दी कि भाई ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। हम लोग मौके पर पहुंचे तब पता चला कि सास, ससुर,साले, साढ़ू आदि ने मिलकर हत्या कर शव को पेड़ पर टांग दिया है। थाने में तहरीर दी लेकिन सुनवाई नहीं हुई। तब कोर्ट की शरण ली। थाना प्रभारी जेपी शाही ने बताया कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज कर जांच की जा रही है।
उत्तरप्रदेश राज्य के फतेहपुर जिले केराहुल कुमार ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया की बीमारियों को दूर करने के लिए बनी दवाएं आप को दूसरी गंभीर बीमारियों की जद में ले रही हैं। बिना डाक्टर के परामर्श के मेडिकल स्टोर से दवा लेकर खा रहे लोग बीमारियों को न्योता दे रहे हैं। अंधेर यह है कि तमाम नियम कानून होने के बावजूद स्टोर्स से खुलेआम नशे वाली दवाएं बिना डाक्टर के पर्चे पर बेची जा रही हैं। बुधवार को ड्रग इंस्पेकटर ने मेडिकल स्टोर्स पर छापेमारी कर भारी मात्रा में गड़बड़ियां पकड़ी हैं। सभी को नोटिस की कार्रवाई की गई है। बुधवार दोपहर जिला अस्पताल के नजदीक स्थित मेडिकल स्टोर्स पर डीआई के छापेमारी की कार्रवाई शुरू हुई तो संचालकों में हड़कंप मच गया। कई संचालकों ने स्टोर से एनआरएक्स श्रेणी की दवाओं को छिपा दिया। रजिस्टर मेनटेन करना शुरू कर दिया। कार्रवाई के दौरान डीआई ने रजिस्टर की चेकिंग की। स्टोर में उपलब्ध दवाओं का रजिस्टर से मिलान किया जिसमें भारी अनियमिता मिली। एनआरएक्स श्रेणी की दवाओं की बिक्री पर संचालकों से संबंधित डाक्टरों के पर्चे, नाम आदि की डिटेल मांगी जो संचालक उपलब्ध नहीं करा पाए। किडनी, लीवर डैमेज कर सकती हैं ऐ दवाएं कुछ दवाओं को एनआरएक्स श्रेणी में रखा गया है। इन दवाओं के साइड इफेक्ट के चलते यह दवा मेडिकल स्टोर्स पर बिना डॉक्टर के पर्चे के नहीं बेची जा सकती है। यानी, दवा के पैकेट पर एनआरएक्स लिखा है तो यह डॉक्टर के पर्चे के बगैर नहीं दी जा सकती है। ऐसी दवाओं का दुरुपयोग नशे के लिए भी किया जाता है और इसके ओवर डोज से किडनी-लिवर तक डैमेज हो सकते हैं। नियम विरुद्व बिक रहीं एनआरएक्स श्रेणी की दवाएं डीआई की छापेमारी से मचा हड़कंप, पकड़ी अनिमितता मेडिकल स्टोर्स पर नियमित चेंकिग की जाती है। चेंकिग के दौरान प्रकाश मेडिकल स्टोर में बड़ी मात्रा में अनियमिता मिली है। नोटिस की कार्रवाई की गई है। निरीक्षण कार्रवाई लगातार चलती रहेगी। -राहुल कुमार, डीआई
Transcript Unavailable.