ग्रामीण क्षेत्रों में पुत्र की इच्छा से कुछ अशिक्षित लोग लिंग पहचान कर समय से पहले नष्ट करते हैं इस विषय में सीएचसी अमेठी के अधिक्षक डाक्टर आलोक तिवारी से बात चीत

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला अमेठी से एम पी मिश्रा , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि घरेलू हिंसा समाज केलिए एक कंलक है। कई महिलाएं घरेलु हिंसा का शिकार होती है। वह सामाजिक भेद भाव के कारण वह कानून का सहारा भी नहीं ले पाती है। घरेलु हिंसा को रोकने के लिए हमें शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए। दहेज़ के कारण ससुराल में महिलाओं के साथ हिंसा होती है।अगर संतान नहीं हो रही है तो इसके कारण भी महिलाओं को ससुराल में प्रताड़ित किया जाता है। अगर हिंसा से मुक्ति पाना है तो शिक्षा और रोजगार पर ध्यान देना चाहिए। महिलाओं को हिंसा से बचने के लिए कानून का सहारा लेना चाहिए

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उत्तरप्रदेश राज्य के अमेठी ज़िला से प्रवीण यादव ,मोबाइल वाणी के माध्यम से अधिवक्ता उषा यादव से बात हो रही है। ये कहती है कि शिक्षा के अभाव के कारण महिला हिंसा की शिकार हो रही है। अगर महिलाएं शिक्षित हो जाएगी तो घरेलु हिंसा से बच जाएगी। साथ ही नशीले पदार्थ में रोक लगानी ज़रूरी है। क्योंकि नशा घर में हिंसा ले कर आता है। नशा मुक्ति होना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा शिक्षा का प्रचार हो ,ताकि महिलाएँ घरेलु हिंसा से बच सके। महिलाएं जो भी कोर्ट आती है ,उन्हें मदद मिलती है। महिलाओं के लिए महिला आयोग और कई ऐसे पोर्टल है जो महिलाओं की मदद करते है

नमस्ते , आप सुन रहे हैं । अमेठी से मोबाइल बदनी धीर दूबे मागरा तक की सड़क गड्ढों से भरी गंदगी में बदल गई है । इन गड्ढों में गिरने से लोग घायल हो रहे हैं और हर दिन हजारों लोग इस मॉल में आते हैं और उनकी गाड़ी भी क्षतिग्रस्त हो जाती है । आइए हम ग्रामीणों से बात करें जो हमें बताएँगे कि इन सड़कों पर आना - जाना कैसे मुश्किल है । अब दुबे जैसे गाँव वालों से बात करें । हां , वह सड़क जो मोहैया से मंगला तक जाती है । जो टूटा हुआ है , जिसमें गड्ढे भर गए हैं , गिट्टी उखड़ गई है , लोगों को आने - जाने में परेशानी हो रही है , जिसमें कारें गिर रही हैं , लोगों के हाथ - पैर टूट रहे हैं , अब आप सो रहे थे जो दुबे जी को बता रहा था कि इस तरह से

उत्तरप्रदेश राज्य के अमेठी ज़िला से एमपी मिश्रा ,मोबाइल वाणी के माध्यम से रणजीत सिंह से बात हो रही है। ये कहते है कि पहले के युग में बैलेट पेपर से चुनाव होता था। पहले गुंडई ज़्यादा होती थी। जब से ईवीएम आया ये सारी समस्याओं का समाधान हो गया। वही मनसा राम कहते है कि बैलेट पेपर की अपेक्षा ईवीएम ज्यादा सस्ती ,सुविधाजनक और मतदाताओं के लिए सुलभ है। हरिकेश के अनुसार भी ईवीएम से सुविधा अच्छी होती है और बूथ कैप्चरिंग की गुंजाईश नहीं होती है

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रेलवे बजट में अमेठी के नई रेलवे लाइन के लिए कोई बजट नहीं मिला है जिसके चलते अमेठी वासियों में मायूसी छा गई है

अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कोरारी प्रधान ने शोभायात्रा के बाद भंडारा का आयोजन किया