अधिकतर लोगों के दिन की शुरुआत सुबह की चाय के साथ होती है. इसे बनाने के लिए जिन दो सामानों का सबसे ज्यादा योगादन रहता है वो हैं दूध और चीनी. दूध और चीनी दोनों की कीमतों में पिछले वित्त वर्ष के दौरान इजाफा हुआ है.

अमरूद के पोषक तत्वों और इसके गुणों के बारे में आपने अक्सर सुना ही होगा। वहीं, अमरूद के पेड़ की पत्तियों में भी बहुत से गुण होते हैं जो आपकी हेल्थ को बहुत अधिक फायदे पहुंच सकते हैं। अमरूद की पत्तियों में एंटीफंगल और एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं। दांत दर्द दांत के दर्द और तकलीफों में आराम पाने के लिए अमरूद की कुछ पत्तियां चबाएं। इसी तरह दर्द से आराम पाने के लिए अमरूद की पत्तियों को उबालकर इस पानी से गरारे कर सकते हैं। अमरूद की पत्तियों की चाय भी दांत दर्द से राहत दिलाती है।माउथ अल्सर मुंह के छालों से आराम पाने के लिए भी अमरूद की पत्तियों का इस्तेमाल करें। अमरूद की पत्तियों का काढ़ा बनाए और उसे पीएं। कुछ दिनों में छाले कम हो जाएंगे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल कुछ स्टडीज में पाया गया कि अमरूद खाने और अमरूद की पत्तियां का सेवन करने से डायबिटीज मरीजों को ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद होती

ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करने के लिए आप खास तरह की चटनी तैयार करके खा सकते हैं। आइए जानते हैं आज के समय में लोगों को तरह-तरह की समस्याएं हो रही हैं, जिसमें हाई ब्लड शुगर की परेशानी शामिल है। शरीर में फास्टिंग शुगर का स्तर 99 मिलीग्राम/डीएल या उससे कम सामान्य है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

प्रदेश के 10 जिलों में फैला संक्रमण इंसानों और पशुओं दोनों को संक्रमित करने वाले संक्रामक रोग लेप्टोस्पायरोसिस यानी रैट फीवर का संक्रमण सतना भी आ पहुंचा है। इस संक्रामक बीमारी से पीड़ित मरीज प्रदेश के 10 जिलों समेत सतना में भी पाए गए हैं। सतना के सीएमएचओ कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय जनजाति स्वास्थ्य अनुसंधान लैब जबलपुर से आई रिपोर्ट में प्रदेश के 10 जिलों में लेप्टोस्पायरोसिस के 21 मरीज मिले हैं, जिनमें सतना का भी मरीज शामिल है। ये मरीज 5 से 24 फरवरी के बीच कराए गए सैंपल टेस्ट में पाए गए हैं। हालांकि अभी मरीज के नाम और निवास स्थान के बारे में जानकारी साझा नहीं की गई है, लेकिन यह जानकारी मिलते ही सतना का स्वास्थ्य अमला अलर्ट मोड पर आ गया है। कैसे फैलता है संक्रमण चिकित्सकों ने बताया कि लेप्टोस्पायरोसिस को रैट फीवर के नाम से भी जाना जाता है। यह एक जीवाणु संक्रमण है जो बग लेप्टोस्पायरा के कारण होता है। इसका संक्रमण संक्रमित पशुओं के यूरिन से फैलता है। बीमारी के लक्षण - लेप्टोस्पायरोसिस नाम की बीमारी से संक्रमित मरीज के लक्षण 5 से 14 दिन में दिखते हैं। इसमे संक्रमित को बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, आंखों में लालिमा, उल्टी-दस्त, पेट दर्द, पीलिया और शरीर मे लाल चकत्ते निकलने की समस्या भी हो सकती है। कई मामलों में इसका असर गुर्दों और लीवर पर भी पड़ता है।

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में।

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा असली डीएपी की पहचान करने के बारे में जानकारी दे रहे है अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

मध्य प्रदेश राज्य के सतना जिले से मकबूल कुरैशी बताते हैं की उनके यहाँ नाला की सफाई नहीं होती है अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें और पूरी जानकारी सुनें

हमारी सूखती नदियां, घटता जल स्तर, खत्म होते जंगल और इसी वजह से बदलता मौसम शायद ही कभी चुनाव का मुद्दा बनता है। शायद ही हमारे नागरिकों को इससे फर्क पड़ता है। सोच कर देखिए कि अगर आपके गांव, कस्बे या शहर के नक्शे में से वहां बहने वाली नदी, तालाब, पेड़ हटा दिये जाएं तो वहां क्या बचेगा। क्या वह मरुस्थल नहीं हो जाएगा... जहां जीवन नहीं होता। अगर ऐसा है तो क्यों नहीं नागरिक कभी नदियों-जंगलों को बचाने की कवायद को चुनावी मुद्दा नहीं बनाते। ऐसे मुद्दे राजनीति का मुद्दा नहीं बनते क्योंकि हम नागरिक इनके प्रति गंभीर नहीं हैं, जी हां, यह नागरिकों का ही धर्म है क्योंकि हमारे इसी समाज से निकले नेता हमारी बात करते हैं।

मध्य प्रदेश राज्य के सतना जिले से मोहम्मद आरिफ ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि इनके इलाके में सफाई कर्मचारी कूड़ा उठाने नहीं आ रहे हैं। इस वजह से बहुत गन्दगी है। सहायता चाहिए

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