हांगकांग के फूड सेफ्टी विभाग सेंटर फॉर फूड सेफ्टी ने एमडीएच कंपनी के मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला मिक्स्ड पाउडर और करी पाउडर मिक्स्ड मसाला में कीटनाशक एथिलीन ऑक्साइड पाया है और लोगों को इसका इस्तेमाल न करने को कहा है. ऐसा क्यों? जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें

मध्य प्रदेश राज्य के सतना जिले से संध्या विश्वकर्मा ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि गर्मियों में तरबूज संजीवनी बूटी है। गर्मियों के मौसम में तरबूज को स्वास्थ्य के लिए एक वरदान माना जाता है, यह रसदार फल न केवल आपको गर्मियों में तरोताजा रख सकता है बल्कि आपको हृदय रोग और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों से भी बचा सकता है।

कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर की गृह विज्ञान की वैज्ञानिक डॉक्टर विद्या गुप्ता ने बताया कि गर्मी में मिलने वाली तोरई में कैलोरी, फाइबर, विटामिन ए, विटामिन सी, आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम और सेलेनियम से भरपूर मात्रा में होते हैं. तोरई में एंटी इन्फ्लेमेटरी, एनाल्जेसिक और एंटीबैक्टीरियल गुण भी पाए जाते हैं। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

भुने हुए चने को छिलके के सहि खाना सेहत के लिए कई प्रकार से फायदेमंद है। ये फाइबर से भरपूर है और पाचन क्रिया को तेज करने में मदद करता है।भुने हुए चने को छिलके सहित खाने के हैं अलग फायदे, जान लेंगे तो हमेशा ऐसे ही खाएंगे। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

अमरूद के पोषक तत्वों और इसके गुणों के बारे में आपने अक्सर सुना ही होगा। वहीं, अमरूद के पेड़ की पत्तियों में भी बहुत से गुण होते हैं जो आपकी हेल्थ को बहुत अधिक फायदे पहुंच सकते हैं। अमरूद की पत्तियों में एंटीफंगल और एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं। दांत दर्द दांत के दर्द और तकलीफों में आराम पाने के लिए अमरूद की कुछ पत्तियां चबाएं। इसी तरह दर्द से आराम पाने के लिए अमरूद की पत्तियों को उबालकर इस पानी से गरारे कर सकते हैं। अमरूद की पत्तियों की चाय भी दांत दर्द से राहत दिलाती है।माउथ अल्सर मुंह के छालों से आराम पाने के लिए भी अमरूद की पत्तियों का इस्तेमाल करें। अमरूद की पत्तियों का काढ़ा बनाए और उसे पीएं। कुछ दिनों में छाले कम हो जाएंगे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल कुछ स्टडीज में पाया गया कि अमरूद खाने और अमरूद की पत्तियां का सेवन करने से डायबिटीज मरीजों को ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद होती

हम सभी रोज़ाना स्वास्थ्य और बीमारियों से जुड़ी कई अफवाहें या गलत धारणाएं सुनते है। कई बार उन गलत बातों पर यकीन कर अपना भी लेते हैं। लेकिन अब हम जानेंगे उनकी हकीकत के बारे में, वो भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद से, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में। याद रखिए, हमारा उद्देश्य किसी बीमारी का इलाज करना नहीं, बल्कि लोगों को उत्तम स्वास्थ्य के लिए जागरूक करना है। सेहत और बीमारी को लेकर अगर आपने भी कोई गलत बात या अफवाह सुनी है, तो फ़ोन में नंबर 3 दबाकर हमें ज़रूर बताएं। हम अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञों से जानेंगे उन गलत बातों की वास्तविकता, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में।

गाय-भैंसों की दूध देने की क्षमता बढ़ाने के लिए आप चाहें तो घर पर खुद ही प्रोटीन युक्त चारा तैयार कर सकते हैं। इसके लिए आपको गेहूं का दलिया, गुड़, मेथी, कच्चा नारियल, जीरा, अजवाइन लेना होगा. इसके बाद सभी चीजों को मिलाकर मिश्रण तैयार कर लीजिए. फिर बच्चा पैदा होने के बाद 3 दिन तक गाय-भैंस को चारा खिलाएं। इससे गाय-भैंसों की दूध देने की क्षमता बढ़ती है।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

बहुत अधिक गुजिया खाने से पहले इसके नुकसान को जान लें । भारतीय घरों में गुजिया बनाने की परंपरा है और होली के दिन लोग बहुत खुशी से गुजिया खाते हैं क्योंकि कई लोग बड़ी मात्रा में गुजिया खाते हैं । आइए हम आपको अधिक गुजिया खाने से होने वाले स्वास्थ्य नुकसान के बारे में बताते हैं ,विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

हम सभी रोज़ाना स्वास्थ्य और बीमारियों से जुड़ी कई अफवाहें या गलत धारणाएं सुनते है। कई बार उन गलत बातों पर यकीन कर अपना भी लेते हैं। लेकिन अब हम जानेंगे उनकी हकीकत के बारे में, वो भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद से, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में। याद रखिए, हमारा उद्देश्य किसी बीमारी का इलाज करना नहीं, बल्कि लोगों को उत्तम स्वास्थ्य के लिए जागरूक करना है। सेहत और बीमारी को लेकर अगर आपने भी कोई गलत बात या अफवाह सुनी है, तो फ़ोन में नंबर 3 दबाकर हमें ज़रूर बताएं। हम अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञों से जानेंगे उन गलत बातों की वास्तविकता, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में।

भारत गंभीर भुखमरी और कुपोषण के से जूझ रहा है इस संबंध में पिछले सालों में अलग-अलग कई रिपोर्टें आई हैं जो भारत की गंभीर स्थिति को बताती है। भारत का यह हाल तब है जब कि देश में सरकार की तरफ से ही राशन मुफ्त या फिर कम दाम पर राशन दिया जाता है। उसके बाद भी भारत गरीबी और भुखमरी के मामले में पिछड़ता ही जा रहा है। ऐसे में सरकारी नीतियों में बदलाव की सख्त जरूरत है ताकि कोई भी बच्चा भूखा न सोए। आखिर बच्चे किसी भी देश का भविष्य होते हैं।स्तों क्या आपको भी लगता है कि सरकार की नीतियों से देश के चुनिंदा लोग ही फाएदा उठा रहे हैं, क्या आपको भी लगता है कि इन नीतियों में बदलाव की जरूरत है जिससे देश के किसी भी बच्चे को भूखा न सोना पड़े। किसी के व्यक्तिगत लालच पर कहीं तो रोक लगाई जानी चाहिए जिससे किसी की भी मानवीय गरिमा का शोषण न किया जा सके।