आपका पैसा आपकी ताकत की आज की कड़ी में हम सुनेंगे और जानेंगे सरकारी बीमा योजना से जुड़ी जानकारी

उत्तर प्रदेश राज्य के हरदोई जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता अनुराग गुप्ता ने जानकारी दी कि उत्तर प्रदेश में जातीय, धार्मिक और क्षेत्रवाद के प्रभाव में आकर मतदाता वोट करता है। वही महाराष्ट्र में तमाम कामगार संगठन अपने हितों को लेकर वोट करते हैं। यूपी के हरदोई में अभी तक कभी भी नागरिक संगठनों के द्वारा चुनाव के दौरान सियासी दलों के बीच घोषणा पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया। हरदोई में मतदाता अपनी विचारधारा के दल या प्रत्याशी से प्रभावित होकर वोट करता है। क्षेत्रीय समस्याएं तो बहुतायात में यहां होती हैं, लेकिन लोकल स्तर पर नागरिक समूह इन्हें उठाने से कतराते रहते हैं। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के दौरान हरदोई जनपद में एक बड़ी समस्या अन्ना मवेशियों की रही है, इसके अलावा कई अन्य समस्याएं भी है। लेकिन किसी भी नागरिक समूह के द्वारा इन समस्याओं को एक घोषणा पत्र के रूप में परिवर्तित करने की पहल नहीं की जा सकी है । जिसतरह चुनाव के दौरान तमाम राजनीतिक पार्टियां अपना-अपना घोषणा पत्र जारी कर जनता से तमाम वायदे करती हैं। उसी तरह नागरिकों को भी नागरिक समूह बनाकर उसकी ओर से चुनाव के दौरान घोषणा पत्र जारी करना चाहिए, ताकि प्रमुख स्थानीय समस्याओं को सभी राजनीतिक दलों के समक्ष लाया जा सके।

उत्तर प्रदेश राज्य के हरदोई जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता अनुराग गुप्ता ने जानकारी दी कि लिंग के आधार पर घर, समाज दोनों जगहों पर शोषण, अपमान और भेदभाव करना लैंगिक असमानता कहलाता हैं, जो 21 वीं सदी में भी भारतीय समाज में गहराई तक फैला हुआ हैं । हाई सोसायटी में अब लैंगिक असमानता काफी हद तक दम तोड़ती नजर आ रही हैं। लेकिन समाज का एक बड़ा तबका अभी भी लैंगिक असमानता की जद में हैं। लैंगिक असमानता को मिटाने के लिए उत्तर प्रदेश के हरदोई में लोगों को सबसे पहले लिंग के आधार पर भेदभाव को खत्म करना होगा, और इसके लिए लोगों को अपने घर से ही पहल करनी होगी । लड़के और लड़की को एक नजर से देखना होगा । दोनों को बराबर महत्व देना होगा । लैंगिक असमानता को खत्म करने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान पर जोर देना होगा, और इस अभियान से हर एक व्यक्ति और परिवार को अनिवार्य रूप से जोड़ना होगा। समाज में मिशन शक्ति और महिला सशक्तिकरण को लेकर भी जागरूकता फैलानी होगी । तभी लैंगिक समानता भारतीय समाज का हिस्सा बन सकती है। हालांकि उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार मिलकर कई ऐसी योजनाएं चल रही है, जिससे लैंगिक असमानता की दर में कमी आ रही है। हरदोई जनपद की अगर बात की जाए तो यहां लैंगिक असमानता को खत्म करने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, सुरक्षा और रोजगार जैसे सही कारणों का समर्थन करना होगा ।

इस भीषण गर्मी की चपेट में आने से बचना है, तो मौसम विभाग या सरकार द्वारा दी जाने वाली जानकारी और चेतावनी को गभीरता से समझना है और उन बातों का पालन करना है. सावधानी और सतर्कता, इन दोनों बातों का हमें ध्यान रखना है |इस भीषण गर्मी से जुड़ी चेतावनी आपको कहाँ से मिलती है ? चेतावनी सुनने या देखने के बाद आप क्या कदम उठाते है ? आप या आपके आसपास लोग इस भीषण गर्मी से बचने के लिए क्या करते है ?

यह नौकरी उन लोगों के लिए है कर्मचारी चयन आयोग के कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल के 17727 पदों पर काम करने के लिए इच्छुक हैं। वैसे उम्मीदवार इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिन्होंने किसी भी स्ट्रीम से स्नातक पास किया हो , इसके साथ ही उम्मीदवार की न्यूनतम आयु सीमा 18 वर्ष और अधिकतम आयु सीमा 32 वर्ष होनी चाहिए। इन पदों पर वेतनमान नियम अनुसार दिया जाएगा।ओबीसी व सामान्य वर्ग के लिए आवेदन शुल्क 100 रुपये व अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लिए आवेदन निशुल्क है, इच्छुक उम्मीदवार अपना आवेदन ऑनलाइन भर सकते हैं।अधिक जानकारी के लिए आवेदनकर्ता इस वेबसाइट पर जा सकते हैं। वेबसाइट है https://www.sarkariresult.com/ssc/ssc-cgl-2024/ योग्य उम्मीदवारों का चयन ऑनलाइन परीक्षा के बाद किया जाएगा। याद रखिए इन पदों पर आवेदन करने की अंतिम तिथि 24/07/2024 है ।

हरदोई जनपद की बात की जाए तो यहां भूमि अधिकार के मामले में लैंगिक असमानता साफ दिखाई देती है। दरअसल हरदोई शैक्षिक दृष्टि से बेहद पिछड़ा जिला माना जाता है। हालांकि गत वर्षो में सरकार और तमाम सामाजिक संस्थाओं के द्वारा जागरूकता कार्यक्रम चलाए गए। जिसके चलते यहां शिक्षा का स्तर धीरे-धीरे बढ़ने लगा है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

साथियों, हमें बताएं कि क्या आपके क्षेत्र के सरकारी जिला अस्पतालों, उपस्वास्थ्य केन्द्रों, स्वास्थ्य केन्द्रों, आंगनबाडी में पानी की कमी है? क्या वहां प्रशासन ने पानी की सप्लाई व्यवस्था दुरूस्त नहीं की है? अगर अस्पताल में पानी नहीं मिल रहा है तो मरीज कैसे इलाज करवा रहे हैं? क्या पानी की कमी के कारण बीमार होते हुए भी लोग इलाज करवाने अस्पताल नहीं जा रहे? या फिर आपको अपने साथ घर से पानी लेकर अस्पताल जाना पड़ रहा है? अपनी बात अभी रिकॉर्ड करें, फोन में नम्बर 3 दबाकर.

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

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"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ जीव दास साहू , मानसून पूर्व पौधो की नर्सरी लगाने के बारे में जानकारी दे रहे हैं।नर्सरी लगाने में किसानों को कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है। इसकी पूरी जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.