दोस्तों, गरीबी के खिलाफ भारत की लड़ाई में महिला भूमि अधिकार एक निर्णायक कदम साबित हो सकता है। यह केवल संपत्ति का हस्तांतरण नहीं, बल्कि शक्ति का हस्तांतरण है। तब तक आप हमें बताइए कि , *---- क्या आपको लगता है कि महिलाओं के नाम जमीन होने से परिवार की आय बढ़ती है? अपना अनुभव बताएं। *---- आपके गाँव में महिलाओं को जमीन के कागज़ात मिलने से किस तरह के बदलाव आए हैं? *---- क्या आपके परिवार या समुदाय में ऐसी कोई महिला है, जिसकी ज़िंदगी जमीन मिलने के बाद बदली हो?
उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला के भरतपुर से 30 वर्षीय निशा मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती हैं कि महिलाओं को हिस्सा मिलना चाहिए
उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से कांति सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती हैं कि महिलाओं को अधिकार मिलना चाहिए।
उत्तर प्रदेश राज्य के परसपुर गोंडा जिला से गोल्डी सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं को अधिकार मिलना चाहिए।
उत्तर प्रदेश राज्य के परसपुर गोंडा जिला से सुहांसि सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि सभी महिलाओं को बराबर अधिकार मिलना चाहिए ।
ज़मीन मिलने के बाद विमला ने अपनी जरूरतों और नए तरीकों को अपना कर खेती का नक्शा ही बदल दिया है- क्योंकि अब वह सिर्फ मज़दूर नहीं, एक किसान है। इस विषय पर आप क्या सोचते हैं, महिलाएं अपने हक को कैसे हासिल कर सकती हैं. क्या आप नहीं चाहते की आपके आस पास विमला जैसी कई महिलाएं हों? मुझे उम्मीद है कि आप निश्चित देखना चाहते हैं. तो आप हमें बताइये आप अपने इलाके में कैसे अनेकों विमलाएं बनाएंगे उनको उनका भूमि अधिकार देकर आपकी राय इसके उलट भी हो सकती है. इसलिए पक्ष-विपक्ष के इस कार्यक्रम में अपनी राय ज़रूर रिकॉर्ड करें हमें बताएं कि आप इस मसले पर क्या सोचते हैं. राय रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं अपने फोन से तीन नंबर का बटन दबाकर या फिर मोबाईलवाणी के जरिए.
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उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से संध्या सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं को अधिकार मिलना चाहिए।
उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से 28 वर्षीय संध्या सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती हैं कि महिलाओं को अधिकार मिलना चाहिए।
