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उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिले की माधुरी कहती हैं कि गेहूं के आटे में काले चने का मिलाकर रोटी बनाएं यदि मधुमेह रोगी रक्त शर्करा को नियंत्रित करना चाहते हैं , तो गेहूं के आटे में काले चने का आटा मिलाकर रोटी बनाएं । चने का आटा पोषक तत्वों का खजाना है , जो प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होता है । यह आटा घुलनशील और अघुलनशील होता है । दोनों प्रकार के फाइबर मजबूत होते हैं , जो रक्त शर्करा को सामान्य रखने में मदद करते हैं । अपने आटे में एक कप चने का आटा मिलाएँ और रक्त शर्करा सामान्य हो जाएगी । अपोलो अस्पताल नोएडा के मधुमेह विशेषज्ञ डॉ . बी . के . रॉय के अनुसार दिन में तीन बार फाइबर और प्रोटीन से भरपूर और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर भोजन लें । यदि आप रक्त शर्करा को सामान्य रखना चाहते हैं , तो आपको पहले उस अनाज पर ध्यान देना चाहिए जिसे आप खा रहे हैं । मधुमेह एक पुरानी बीमारी है जिसे केवल नियंत्रित किया जा सकता है । इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है । आहार का ध्यान रखना , शरीर को सक्रिय रखना और तनाव से बचना महत्वपूर्ण है । मधुमेह रोगियों को रक्त शर्करा को नियंत्रित करने के लिए नियमित रूप से रक्त शर्करा की जांच करनी चाहिए और आहार में खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए । अनाज की बात करें तो गेहूं हमारे आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है , जिसका सेवन हम दिन में दो से तीन बार रोटी बनाकर करते हैं । गेहूँ एक ऐसा अनाज है जिसका अधिकांश लोग सेवन करते हैं ।

भारत में बाढ़ प्रतिवर्ष लगभग 75 लाख हेक्टेयर भूमि क्षेत्र को प्रभावित करती है और फसलों, घरों एवं सार्वजनिक उपयोगिताओं की क्षति के रूप में 1,805 करोड़ रुपए मूल्य की हानि का कारण बनती है।

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