उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से सायरा बानो मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि भूमि पर अधिकार बेटियों का क़ानूनी हक़ होता है। यह अधिकार संविधान में दो हजार पाँच से पहले उन्नीस सौ छप्पन में दिया गया था, लेकिन इसे संपत्ति पर दावों और अधिकारों के प्रावधान से पूरा किया गया था। इसे कानून की उन्नीसवीं शताब्दी से बढ़ाया गया है और उन्नीस सौ छप्पन से बनाया गया है, लेकिन इसके अनुसार पिता की संपत्ति पर केवल बेटे का उतना ही अधिकार है जितना कि बेटों का, यानी अगर दो बेटे और एक बेटी के पांच बच्चे हों। यदि तीन बीघा जमीन है तो एक बीघा पर तीनों का अधिकार एक प्रकार है। उन्नीस सौ छप्पन में संविधान बनाया गया है कि बेटी का उस संपत्ति पर उतना ही अधिकार है जितना बेटे का है।

उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से सायरा बानो मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि बेटा -बेटी में कोई अंतर नहीं है ,लेकिन आज भी बेटियों को उनका अधिकार नहीं मिलता है। पुरुषों को लड़कियों की तुलना में अधिक उपयोगी माना जाता है

उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से सायरा बानो मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि राजीव की डायरी कार्यक्रम सुनकर महिलाये जागरूक हो रही है और अपने अधिकारों को जानकारी है। इससे महिलाओं को अनेक तरह की जानकारियां मिलती है , जिससे वो अपने भविष्य को लेकर पूर्ण रूप से सोच सकती है

उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से सायरा बानो मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि महिलाओं को भी भूमि अधिकार मिलना चाहिए

उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से सायरा बानो मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि पक्ष और विपक्ष कार्यक्रम सुनकर महिलायें जागरूक हो रही है

उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से सायरा बानो मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि महिलाओं के सशक्त बनाने के लिए उन्हें जागरूक करना बहुत जरुरी है

उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से सायरा बानो मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि समाज में महिलाओं की भागीदारी बहुत अधिक है, कुछ स्थानों पर महिलाएं अपने अधिकारों का अधिक उपयोग कर रही हैं, जैसे कि रोजगार, शिक्षा, संपत्ति के अधिकार, राशन कार्ड और मतदान का अधिकार।

उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से सायरा बानो मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि राष्ट्र की प्रगति में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। कृषि को बढ़ावा देने के लिए महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं। खेती-बाड़ी से लेकर हवाई जहाज उड़ाने और अंतरिक्ष यात्रा तक पुरुषो के साथ महिलायें रही हैं।

उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से मनु सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं की पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण हेतु पूरे विश्व में 5 जून को मनाया जाता है। वर्ष 1972 में पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और सामाजिक जागृति लाने हेतु इस दिवस को मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र ने की थी।

उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से मनु सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं की प्राचीन भारत में नारी की सामाजिक स्थिति उच्च थी। समाज में नारी को सम्मानजनक पद भी प्राप्त होते थे और प्रतिष्ठा भी । पुरुष वर्ग की प्रेरणा का स्रोत भी नारी ही होती थी । नारी का नाम पुरुष के साथ बड़े आदर से और पुरुष से पहले लिया जाता था,