उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से सायरा बानो मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि महिलाओं को समाज में पुरुष के बराबर सम्मान मिलना बहुत जरुरी है। कई क्षेत्र में महिलाओं को सम्मान नहीं मिलता है, महिलायें हमेशा अपने परिवार के प्रति समर्पित रहती है। इस लिए हमें महिलाओं का सम्मान करना चाहिए

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि ग्रामीण महिलाओं से बातचीत के दौरान उन्हें यह जानकारी मिली कि वो पैतृक सम्पत्ति में महिलाओं का भी हक होता है जैसे कानूनों की जानकारी है लेकिन खुद पर पड़ने वले सामाजिक दबाव के कारण महिलाओं को उसका हक़ नहीं दे पाते हैं। सामाजिक दबाव के कारण ये महिलायें अपना अधिकार भी नहीं मांग पाती हैं। महिलाओं को अपना हक मांगने में इस बात का डर लगता है कि अपना हक़ मांगने पर परिवार के भीतर मनमुटाव की भावना पैदा हो जाएगी

उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से महिलाओं को भूमि से वंचित नहीं करना चाहिए। एक समूह पर काम करने से महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा मिलती है इससे केंद्रित सोच का उन पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है। तथा सीमाओं के तय होने के कारण भूमि आधारित प्राकृतिक संसाधनों तक उनकी पहुँच और उन पर नियंत्रण सवालों के घेरे में आ जाता है। परम्परागत रूपों से संसाधन को मिलजुलाकर साझा करने वाले बीच टकराव और तनाव की स्थिति पैदा हुयी है

उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि महिलाओं को भूमि अधिकार संयुक्त स्वामित्व के माध्यम से व्यक्तिगत मिल सकता है।मान्यता देकर यह भूमि पर पुरुषों के हक के बराबर महिलाओं के हक़ को मान्यता देता है।पति और पत्नी दोनों का हक़ होना चाहिए। बताया जाता है कि महिलाओं का एक तिहाई प्रतिनिधित्व होना चाहिए इससे पुख्ता में उन्हें आजीविका में मदद मिलती है। क़ानूनी दावों का सत्यापन और अनुमोदन प्रक्रिया में ग्राम को सलाह देता है'दुनिया भर में भारत की महिलायें सामाजिक आर्थिक रूप से सबसे अधिक पिछड़ी हुयी हैं। ऐसे में अगर महिलाओं के पास जमीन का अधिकार रहता है तो वे अपना जीवन अच्छे से चला सकती हैं

उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि महिलाओं को भूमि अधिकार जरूरी है। जिससे वे अपने आर्थिक रूप से मजबूती प्रदान कर सके। भूमि पर निर्भर है भूमि पर निर्भर रहने वाले को शामिल कर लिया है। भूमि हिन् महिलाओं के बड़े तबके को अपने दायरे में लाता है जो खेती पशु पालन म,अध्यात्म से अपने आजीविका चलाते हैं। पुनर्वास का अधिकार देता है यह भूमि अधिनियम विधवाओं ,तलाक सुधा और प्रीतक महिलाओं को अलग परिवार होने की मान्यता देता है। इससे महिलाओं के भूमि अधिकार के कारण भी शसक्त होते हैं। यह अधिनियम एकल महिलाओं के अधिकार को मान्यता देता है । मुवावजे में मिलने वाली जमीन से सम्बंधित प्रक्रिया भी समावेशी है क्यूंकि इसमें मुवावजे में मिलने वाली जमीन को प्रभावित परिवार में पति और पत्नी को दोनों ही परिवार में अपना जीवन व्यतीत कर सकती है

उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि महिला सशक्तिकरण के साधन के रूप में भूमि अधिकारों का महत्व बहुत है क्यूंकि यह महिलाओं को वित्तीय सुरक्षा ,आश्रय ,आय और आजीविका के अवसर दिलाती हैं। लेकिन भारत में भूमि से सम्बंधित जो क़ानूनी ढांचा है महिलाओं के लिए भूमि अधिकारों को कितनी गंभीरता से लिया जाता है। जिससे वो समाज सोचता ही नहीं की महिलाओं को भी भूमि अधिकार मिलना चाहिए और वे कौन सी समस्याएं हैं जिन पर हम सवाल नहीं उठाते हैं। इसलिए महिलाओं के भूमि अधिकारों पर पड़ने वाले प्रभाव कितने व्यापक हैं। इसलिए महिलाओं को भूमि पर अधिकार मिलना चाहिए ।

उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि भारत की भूमि कानून महिलाओं को भूमि अधिकार देते हैं लेकिन जिस तरह से लागु किया जाता है उसमे काफी बाधाएं आती हैं। दुनिया भर के लोगों से तुलना करें तो भारत के महिलायें आर्थिक रूप से बहुत ज्यादा पिछड़ी हुयी हैं। महामारी के कारण उनकी स्थिति पहले से बदतर हुयी हैं.दुनियाभर में महिलाओं की भागीदारी और सुरक्षा को महिलाओं को शांति एवं सुरक्षा सिक्युरिटी के स्थान से फिसल कर भारत में महिलाओं के जमीन पर मालिकाना हक़ को लेकर बहुत बड़ा व्यापक मामला चल रहा है

व्यक्तियों को मनरेगा योजना के दायरे में लाने के लिए यह अनिवार्य किया गया है कि प्रत्येक ग्राम पंचायत द्वारा हर माह रोजगार दिवस का आयोजन किया जाए

उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि महिलाओं के प्राचीन और सामाजिक नुकसान की भरपाई करने के लिए यह सुनिश्चित करने के लिए कि हम पुरुषों के प्रति निष्पक्ष रूप से बात करें या निष्पक्ष रूप से कार्य करें। हमारे पास अक्सर ऐसी रणनीतियाँ और उपाय उपलब्ध होने चाहिए जो महिलाओं और पुरुषों को समान आधार पर काम करने से रोके बिना उनके कार्यस्थलों पर समान अधिकार दें। समानता महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए लैंगिक समानता पर निर्भर करती है जो उस माल के संसाधनों और पुरस्कारों के लिए समान रूप से सामाजिक रूप से मूल्यवान अवसर हैं।