उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से सायरा बानू ने मोबाइल वाणी के माध्यम से अरुण से साक्षात्कार लिया। अरुण ने बताया कि महिलाओं को भूमि के अधिकार मिलना चाहिए और कानून में बदलाव हो। महिलाओं का शिक्षित होना बहुत जरूरी है, शिक्षित महिला अपना काम सही से करेंगी। शिक्षा के आभाव में ग्रामीण क्षेत्र की महिलायें पिछड़ी हुई है, इसलिए शिक्षा बहुत जरुरी है
उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से शशांक से बातचीत की। बातचीत में शशांक ने बताया कि हमारे कानून की नीतियों में बदलाव किये जाने चाहिए जिससे महिलाओं के लिए भूमि अधिकार प्राप्त करना थोड़ा आसान हो जाना चाहिए। संपत्ति का बंटवारा होना है तो महिला और पुरूष दोनों में बंटवारा होगा। अगर महिलाओं के बीच विभाजन नहीं होगा, तो किसी के बीच विभाजन नहीं होगा, कानून में ऐसा प्रावधान होना चाहिए। इस तरह से यह और आसान बनाया जा सकता है कि महिलाओं को अच्छी जमीन मिले और उन्हें कानूनी प्रक्रिया के दौरान किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े। इसके लिए उन्हें जागरूक होना बहुत जरूरी है
उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से सायरा बानो मोबाइल वाणी के माध्यम से सौरभ से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि
उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से सायरा बानो मोबाइल वाणी के माध्यम से सकिल से बातचीत की। बातचीत में सकिल ने बताया कि महिलाओं को भूमि का अधिकार मिलना चाहिए और इसे प्राप्त करने के लिए कानूनों और नीतियों में बदलाव किए जाने चाहिए।महिलाओं को शिक्षा मिलनी चाहिए ताकि उन्हें भूमि अधिकार मिल सकें। भूमि का अधिकार मिलने से वे खेती कर सकती हैं ,कोई रोजगार भी कर सकती हैं जिससे बाल बच्चे की परवरिश कर सकती हैं
उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से अंकुश से साक्षात्कार लिया। अंकुश ने बताया कि जमीन खरीदते समय पुरषों को जमीन अपने नाम से लेने में ज्यादा पैसा लगता है।इसलिए ना चाहते हुए भी घर की किसी भी स्त्री जैसे - मम्मी या वाइफ के नाम जमीन लेना होगा , क्योंकि ऐसा करने पर कम पैसा लगेगा।
उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से शबाना से साक्षात्कार लिया। शबाना ने बताया कि महिलाओं के लिए भूमि में अधिकार बहुत जरुरी है। ऐसा होने से परिवार में उनकी इज्जत बढ़ जाती है। वो फसल या सब्जी उगा कर कमा सकती है और अपना भविष्य अच्छा कर सकती है। महिला को जागरूक होना बहुत जरुरी है
उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से गोपाल से बातचीत की। बातचीत में गोपाल ने बताया कि महिलाओं के लिए भूमि अधिकार प्राप्त करना आसान हो, इसके कानूनों में बदलाव करना चाहिए। उन्होंने बताया कि जब लड़की शादी कर के जाएगी वहां पे संपत्ति पिता के नाम पर होती है। जब वे बेटे के नाम पर हो जाता है ऐसे में बच्चे अपने जन्मदाता के बारे में भी नहीं सोचते। इसके लिए बंटवारा करते समय एक चौथाई हिस्सा पिता के नाम पर भी होना चाहिए
उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से निधि से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि हमारे कानून की नीतियों में बदलाव होने चाहिए। ताकि महिलाओं के लिए भूमि अधिकार प्राप्त करना थोड़ा आसान हो जाए और उनके लिए अच्छा साबित हो ताकि उनके पास भी भूमि हो और उसका स्वामित्व हो. सबसे महत्वपूर्ण है कि वे शिक्षित हों, अगर वे शिक्षित रहते हैं, तो ही वे कोई निर्णय लेंगे कि मुझे भी भूमि पर अधिकार मिलना चाहिए। सरकार ऐसी योजना निकालनी चाहिए ताकि महिलाओं के नाम पर बैनामा होने पर कम पैसे लगे। महिलाओं के पास यदि जमीन हैं तो वे कोई व्यवसाय कर सकती हैं और अपने बच्चों को पाल सकती हैं
उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से रिचा से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि महिलाओं को भूमि न मिलने का मुख्य कारण शिक्षा है, यह सिर्फ इतना नहीं है कि शिक्षा केवल महिलाओं के लिए आवश्यक है, शिक्षा पुरुषों के लिए भी उतनी ही आवश्यक है जितनी महिलाओं के लिए। जब दोनों वर्ग शिक्षित हों। फिर दोनों वर्ग एक-दूसरे की जरूरतों को समझेंगे और चर्चा करेंगे कि मुझ पर जितनी जिम्मेदारी है, उन्हें उतनी ही मिल रही है जितनी मुझे मिल रही है उन्हें समानता का अधिकार मिलना चाहिए . अधिकार नहीं मिल पाने का पहला कारण सामाजिक और सांस्कृतिक बाधाएं हैं कई स्थानों पर पारंपरिक मान्यताएं और पितृसत्तात्मक राज्य होते हैं जिनके कारण महिलाओं को संपत्ति नहीं मिल पाती है। महिलाएं जबतक अविवाहित होती हैं तब तक मायके में रहती हैं। तो भाइयों का वहां अधिकार है, वे कहते हैं कि पिता की संपत्ति है, फिर भाई का अधिकार है, और जब वे ससुराल जाती हैं वहां उनके ससुर का अधिकार होता है उसके बाद उनके बेटे या पति का अधिकार होगा। जब उनकी अपनी संपत्ति होगी, उन्हें भूमि में हिस्सा मिलेगा, उन्हें समान अधिकार मिलेंगे, तब वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो सकते हैं। आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण, महिलाएं जमीन खरीदने या अपने नाम पर पंजीकरण करने में असमर्थ हैं। उनके पास कोई संपत्ति नहीं है, उनके पास अपने दम पर कुछ करने में सक्षम होने के लिए कोई वित्तीय सहायता नहीं है, उन्हें समान अधिकार होने की आवश्यकता है क्योंकि जब तक उनके पास कुछ नहीं है, वे कहते हैं, हम तब तक व्यवसाय शुरू नहीं कर सकते जब तक कि हमारे पास कुछ संपत्ति न हो।भूमि दस्तावेजों और पंजीकरण की प्रक्रिया जटिल है, ताकि महिलाएं अक्सर पीछे रह जाएं, जैसे कि प्रौद्योगिकी है, प्रौद्योगिकी का उपयोग करें, इसलिए जब महिलाएं शिक्षित नहीं हैं, तो प्रौद्योगिकी क्या है? वे नहीं जानते कि कैसे संवाद करना है, वे नहीं जानते कि कैसे संवाद करना है, वे नहीं जानते कि क्या कहना है, वे नहीं जानते कि क्या कहना है, वे नहीं जानते कि क्या कहना है जिसके लिए शिक्षित होना आवश्यक है और यह शिक्षा न केवल महिलाओं के लिए बल्कि पुरुषों के लिए भी आवश्यक है। इससे आर्थिक मदद मिलेगी और वे आत्मनिर्भर बनने में सक्षम होंगे।
उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से सायरा बानो मोबाइल वाणी के माध्यम से जैनम से बातचीत की। बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि महिलाओं को भूमि अधिकार प्राप्त करने के लिए कानून में बदलाव होने चाहिए ताकि उन्हें भूमि का अधिकार मिल सके. उनका कहना है कि अच्छे से जीवन जीने के लिए महिलाओं को भूमि अधिकार मिलना चाहिए साथ ही भूमि अधिकार मिलने से वे खेती कर सकते हैं और अच्छा जीवन जी सकते हैं