उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से रामप्रकाश ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाएं कई क्षेत्रों में बहुत पिछड़ी हुई हैं जिनमें उन्हें आरक्षण देकर आगे लाने की आवश्यकता है। यह कदम जल्द से जल्द उठाना होगा अन्यथा हमारी महिलाओं को काफी दबा दिया जाता है जिससे नारी शक्ति भी मजबूत होगी।
कुछ महीने पहले की बात है, सरकार ने महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए कानून बनाया है, जिससे उन्हें राजनीति और नौकरियों में आरक्षण मिलेगा, सवाल उठता है कि क्या कानून बना देने भर से महिलाओं को उनका हक अधिकार, बेहतर स्वास्थय, शिक्षा सेवाएं मिलने लगेंगी क्या? *----- शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और आर्थिक अवसरों तक महिलाओं की पहुंच में सुधार के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं *----- महिलाओं को जागरूक नागरिक बनाने में शिक्षा की क्या भूमिका है? *----- महिलाओं को कानूनी साक्षरता और उनके अधिकारों के बारे में जागरूक कैसे किया जा सकता है"
उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से आलोक श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से सुशील से बातचीत की। बातचीत में सुशील ने बताया की सरकार इस महिला अधिकार पर बहुत अच्छी पहल कर रही है जो एक राजनीतिक अधिकार है। राशन कार्ड और शिक्षा के रूप में उनकी पहल हर जगह अच्छी है और अब सरकार ने हर क्षेत्र में हर महिला को तीस प्रतिशत आरक्षण देना भी संभव बना दिया है। यह भी निर्णय लिया गया है कि जहां भी उनका चयन किया जाएगा या अब जो कुछ भी होगा, उन्हें पहले तीस प्रतिशत महिलाओं के लिए आरक्षण दिया जाएगा, तभी इसमें कुछ नया जोड़ा जाएगा या नई भर्तियां की जाएंगी।
उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से आलोक श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से राहुल से बातचीत की। बातचीत में राहुल ने बताया की महिलाएं हमारे देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदन दे रही है। एक महिला को जितना अधिक सम्मान दिया जाता है, आज की तारीख में वह उतनी ही कम है। महिलाओं के बिना पुरुषों का अस्तित्व नहीं है, इसलिए हर महिला को सम्मान दिया जाए, उन्हें पैतृक स्थान पर भी स्थान दिया जाए, महिलाओं को नौकरियों से लेकर हर एक जगह पर महिलाओं को आरक्षण दिया जाए।
उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से आलोक श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से संतराम से बातचीत की। बातचीत में संतराम ने बताया की महिला सशक्तिकरण का मतलब है कि महिलाओं को हर विभाग में 33.46 प्रतिशत आरक्षण है जिसके तहत जो नागरिकता में हैं उन्हें प्रत्येक विभाग से योजना के तहत लाभान्वित किया जाना है। यह सभी लोगों का कर्तव्य बन जाता है , मान लीजिए कि कोई भी महिला विवाहित है और अगर उसके पति का दो साल के भीतर देहांत हो जाता है, तो सरकारी योजना के तहत आने वाले पारिवारिक लाभ और पेंशन से उसे लाभ होगा।
उतर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से राम प्रकश सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया की आज कल देखा जाता सकता है की महिलाओं को रेलवे स्टेशन या बस अड्डे पर टिकट लेने को लेकर आरक्षण दिया जाता है। महिलाओं को अगर समाज में आगे आना है तो उन्हें अपने अपने घरो से बाहर निकलना होगा। महिलाओं को आगे रहना चाहिए और अपने अधिक से अधिक अधिकार प्राप्त करने चाहिए, इसलिए महिलाओं को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
बीते दिनों महिला आरक्षण का बहुत शोर था, इस शोर के बीच यह भी ध्यान रखा जाना चाहिए की अपने को देश की सबसे बड़ी पार्टी कहने वाले दल के आधे से ज्यादा भू-भाग पर शासन होने के बाद भी एक महिला मुख्यमंत्री नहीं है। इन सभी नामों के बीच ममता बनर्जी इकलौती महिला हैं जो अभी तक राजनीति में जुटी हुई हैं। वसुंधरा के अवसान के साथ ही महिला नेताओं की उस पीढ़ी का भी अवसान हो गया जिसने पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय तक महिलाओं के हक हुकूक की बात को आगे बढ़ाया। यह सब ऐसे समय में हो रहा है जबकि देश में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने की बात की जा रही है। एक तरफ महिला नेताओं को ठिकाने लगाया जा रहा है, दूसरी तरफ नया नेतृत्व भी पैदा नहीं किया जा रहा है।
सवाल है कि जिस कानून को इतने जल्दबाजी में लाया जा रहा हैं उसके लागू करने के लिए पहले से कोई तैयारी क्यों नहीं की गई, या फिर यह केवल आगामी चुनाव में राजनीतिक लाभ पाने के दृष्टिकोण से किया जा रहा है।