उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से राम प्रकाश सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि जल बहुत ही दूषित हो गया है पीने लायक पानी नहीं है। गांव गांव पानी सप्लाई लगा है लेकिन अभी तक लोगों तक पानी नहीं पहुंचा है। सरकारी विभागों में, अस्पतालों में, पुलिस थानों में, तहसीलों में, प्रखंड स्तर तक, सरकारी विभागों ने जल निगम स्थापित किया है, अपने स्वयं के रेफ्रिजरेटर स्थापित किए हैं, लेकिन पीने के पानी में सुधार नहीं हुआ है।पानी उपलब्ध नहीं है, हर कोई बोतल खरीदकर पानी पीता है, इसलिए सरकार का जो मिशन चल रहा है वह विफल हो रहा है। सरकार को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। हमे अगर शुद्ध पानी पीना है तो गर्म करके पीना चाहिए नहीं तो यह शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है क्योंकि गंदे पानी से कई बीमारियां हो सकती हैं

साथियों, आपके यहां पानी के प्रदूषण की जांच कैसे होती है? यानि क्या सरकार ने इसके लिए पंचायत या प्रखंड स्तर पर कोई व्यवस्था की है? अगर आपके क्षेत्र में पानी प्रदूषित है तो प्रशासन ने स्थानीय जनता के लिए क्या किया? जैसे पाइप लाइन बिछाना, पानी साफ करने के लिए दवाओं का वितरण या फिर पानी के टैंकर की सुविधा दी गई? अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो आप कैसे पीने के पानी की सफाई करते हैं? क्या पानी उबालकर पी रहे हैं या फिर उसे साफ करने का कोई और तरीका है? पानी प्रदूषित होने से आपको और परिवार को किस किस तरह की दिक्कतें आ रही हैं?

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ध्वनि प्रदूषण बन रही समाज के लिए एक अभिशाप वस्तुओं से ध्वनि प्रदूषण बहुत फैल रहा है, जिससे समाज में हृदय रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यह देखा गया है कि आने वाले समय में हृदय रोग के रोगियों की संख्या में काफी वृद्धि होगी यदि प्रदूषण पैदा करने वाले डीजे और अन्य उपकरणों को गिराना बंद नहीं किया जाता है।

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