उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि मौसम अचानक मोड़ लेता है इससे आम लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, इसका मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन है। संतकबीर नगर में लगातार दो हफ्ते से बारिश नहीं हुई, कल दो हफ्ते बाद बारिश हुई तो आज कड़ाके की धूप निकली है। धूप में बाहर जाना लोगों के लिए हानिकारक होगा। वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि यह धूप लोगों को बीमार कर सकती है क्योंकि धूप इतनी तेज होती है कि लोग गर्मी को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं गर्मी के चलते आम जन मानस इस धुप में निकल रहे हैं और कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की है जैसे कि रूमाल या छतरी का उपयोग नहीं करेंगे तो वह बीमार पड़ सकते है। इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि पर्यावरण प्रदूषित है और पर्यावरण धीरे-धीरे प्रदूषित हो रहा है जिसके कारण लोग बीमार भी पड़ रहे हैं और कभी धूप, कभी छाया, कभी गर्मी, कभी ठंड बढ़ जाती है जिससे लोग बीमार भी पड़ जाते हैं। इसके कारण अस्पतालों में भीड़ देखी जा रही है। इसलिए सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है कि आप ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं। वृक्षा रोपण होने से धुप की मात्रा कम होगी और बारिश ज्यादा होगी। वृक्ष लगाने से हमे आने वाले दिनों में फायदा मिलेगा और समाज सुखी रहेगा

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उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि वर्तमान में बरसात के मौसम में है और बरसात के मौसम में वृक्षारोपण बहुत उपयोगी है। तो आज हम बात करेंगे कि आप सभी वृक्षारोपण को बढ़ावा दें। इस समय सरकार जिले में वृक्षारोपण को भी बढ़ावा दे रही है। जिले में लगभग उनतीस लाख पेड़ होंगे। ग्राम पंचायतों और अन्य सामाजिक संस्थानों में वृक्षारोपण के बारे में लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि इस समय वृक्षारोपण किया जाना चाहिए। यह फायदेमंद होगा क्योंकि पेड़ हमारे जीवनदाता हैं, अगर पेड़ नहीं होंगे तो हमारा जीवन अधूरा महसूस होगा जैसा कि कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी से कितने लोगों की जान गई है। इसलिए ऐसे पेड़ और पौधे हैं जहां हम एक तरफ ऑक्सीजन देते हैं, दूसरी तरफ लकड़ी, और तीसरी तरफ हम बारिश को भी बढ़ावा देते हैं जहां अधिक वन संपदा है। वर्षा अधिक होती है, इसलिए आप सभी से अनुरोध है कि जहां भी जगह हो, अपने घरों और खेतों के आसपास कम से कम पांच पेड़ लगाएं।

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि अभी को वर्षा हो रही है उसे संरक्षित कैसे करना है। उन्होंने बताया कि अधिक पानी बरसने पर जल को संरक्षित करना जरूरी है क्योंकि पानी ही हमारा जीवन है।यह देखा गया है कि गर्मियों के मौसम में कई स्थानों पर जल स्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है। इसके लिए सबको जगरुक होना होगा कि इस समय बारिश का मौसम चल रहा है बारिश के पानी को कैसे संरक्षित किया जाए। इसके लिए घर के आस पास गड्ढ़े बनाये और और उसमें एक छोटा सा छेद करें ताकि पानी आपके चारों ओर न जाए। लेकिन संरक्षण करते रहें और जब पानी बाहर नहीं जा पाएगा, तो धीरे-धीरे आस-पास का जल स्तर बढ़ेगा और इससे गांव के लोगों को वे सुविधाएं मिलेंगी जिनकी सभी ग्रामीणों को आवश्यकता है। जल संरक्षण के लिए इस समय कदम उठाए जाने चाहिए और इस समय बारिश होने की अच्छी संभावना है। पानी बचाने का सबसे बड़ा मौका बरसात के दिनों में होता है। अपने घर के चारों ओर गड्ढ़े करें उसमें एक छेद करें और उसमें पानी, जो आपकी छत या छप्पर वाले घर से है, उसको पानी के लेबल पर जाने दें।

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उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर जिला से राम प्रकाश सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि सरकार वन विभाग का चयन करती है लेकिन इसे लागू नहीं करती है, फिर पैसा लेती है और काट लेती है, रिश्वत लेती है लेकिन इसे लागू नहीं करती है क्योंकि हरा पेड़ तभी पेड़ बना रहेगा जब मौसम सही होगा।

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बारिश हो या न हो, अत्यधिक धूप के कारण ऐसा लगता है कि शरीर जल जाएगा, सुस्त हो जाएगा,शरीर कपड़े से ढका हुआ है इसलिए भावना थोड़ी कम होती है लेकिन कपड़ा भी ऊपर से जलता हुआ प्रतीत होता है केवल यह स्थिति जो आज भीषण गर्मी का सामना कर रही है प्रकृति के साथ खिलवाड़ करने का परिणाम यह है कि लोग बड़े जंगलों को काट रहे हैं और उनकी खेती कर रहे हैं। टू लाइन फोर लाइन सिक्स लाइन के आसपास के सभी पेड़ों को सरकार ने काट दिया था,सड़क के किनारे कहीं भी दस मिनट तक छाया में खड़े रहने के लिए पर्याप्त धूप नहीं है। सड़कों के बीच में पौधा लगाने वाली सरकार केवल फूलों की पंखुड़ियां लगा रही है, तो इसका मानसून पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। बारिश शुरू होते ही हर कोई आंवला का पेड़, पीपल का पेड़, नीम का पेड़, लेकिन निश्चित रूप से पाँच पेड़ लगाएं, पेड़ लगाएं, देश को बचाएं, जीवन बचाएं, जीवन बचाएं यह मूल मंत्र है।