उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के.सी ने चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से राम प्रकाश त्रिपाठी पाठक से बातचीत को। बातचीत में उन्होंने बताया कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार देना आवश्यक है, लेकिन जब मायके में कोई उत्तराधिकारी नहीं है साथ ही यदि उसका शादी हो गया है तो पिता की सम्पत्ति में अधिकार देना उचित नहीं है। उसका अधिकार उसके पति के माध्यम से दिया जाना चाहिए, न कि उसके पिता के माध्यम से,।

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से आलोक श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि लड़कियों को अधिकार मिलना चाहिए, यह सरकार द्वारा चलाया जाने वाला अभियान है वो बिलकुल सही है। लेकिन लड़कियों को शादी से पहले अधिकार नहीं मिलना चाहिए और शादी के बाद अपने ससुर के अनुसार चलना चाहिए। ससुर अधिकार देता है या नहीं, यह उस पर निर्भर करता है। हम जिस संस्कृति में रहते हैं, उसके अनुसार चलना चाहिए, चाहे वह हमारी बेटी हो या बहू हो। इस अधिकार को शहरो में लोग अधिक मानते है , परन्तु समाज में साथ चलने वाले इसका विरोध करते है। आजकल लड़कियों द्वारा पहनी जाने वाली पोशाक का विरोध करते हैं। ये संस्कारों के तहत नहीं आता है, इसलिए लोग ऐसे अधिकारों का विरोध कर रहे हैं। समाज पढाई का विरोध नहीं करता है और न ही नौकरी का ,बेशक वे ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि हमारी संस्कृति कहती है कि अपनी सीमा के भीतर रहें और इसे रहने दें, लेकिन जब लोग सीमा पार करते हैं, तो, तो कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के. सी. चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से हमारे श्रोता प्रदीप मिश्रा से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि जिस परिवार में सिर्फ बेटियाँ ही है वहां अधिकार देना सही है, लेकिन जिस परिवार में बेटी और बेटा दोनों है वहां भूमि का अधिकार देना उचित नहीं है। कानून की मदद से अगर अधिकार लेना भी चाहे , तो भाई बहन के रिश्ते में दरार आ सकती है

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के. सी. चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से हमारे श्रोता उमा शंकर चौधरी से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि महिलाओं को आपकी तरह संपत्ति का अधिकार देना बुरा नहीं है। अगर एक पिता के दो संतान है तो दोना का हर उस संपत्ति में बराबर का है। बेटी के शादी के बाद जब वह अपने घर जाती है तो अगर उसका पति लालची निकला तो उसे संपत्ति का अधिकार देना उचित नहीं है। इससे भाई बहन के रिश्तो के बीच खटास भी आ सकता है और यह मनमुटाव जानलेवा भी शाबित हो सकता है। इस स्थिति में उनके लिए संपत्ति का अधिकार देना उचित नहीं है,लेकिन दोनों बच्चे एक ही गर्भ से पैदा हुए हैं तो अधिकार तो दोनों का ही उस संपत्ति पर बराबर का है

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से रामप्रकाश सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि हमारे देश में आरक्षण मिलने के बाद भी महिलायें लाभ नहीं ले पा रही है, इसका कारण शिक्षा है। अगर महिलायें शिक्षा में आगे होती तो आरक्षण का पूरा फायदा उठा सकती थी। आज महिलाओं को हर विभाग में काम करते देखा जा रहा है, फिर भी आज कई महिलाएं है जो शिक्षा से बहुत पीछे है। महिलाओं को हमेशा सोचना चाहिए और बच्चों को पढ़ाया जाना चाहिए। बच्चों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। गाँव में अक्सर देखा जाता है की महिला प्रधान को आगे आने नहीं दिया जाता है

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से रामप्रकाश सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलायें नल से पानी लाती है, किसी किसी प्रदेश में ऐसा है की वहां लोग कुएँ से पानी लाते है। पहले यह देखा गया है कि कुएँ से पानी लाया जाता था और पानी को सुरक्षित रखा जाता था। लेकिन के आजा के ज़माने में जब से नल सबके घर घर में है तब से पानी सुरक्षित नहीं रखा जाता है ।जब कुएँ से पानी भरना पड़ता था, तो वह उसे सुरक्षित रखा जाता था ताकि पानी ज्यादा न गिरे और गिरने पर कौन नहीं भरेगा, इसलिए वे पानी को सुरक्षित रखते थे, लेकिन आज के समय में पानी की बर्बादी एक आम बात है।

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के सी चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं को भूमि अधिकार दिए जाने चाहिए। यह देखा गया है कि लोग महिलाओं को भूमि और संपत्ति का अधिकार देने से कतराते हैं, जबकि लड़कियां और लड़के दोनों एक साथ पैदा होते हैं, सरकार और समाज दोनों को समान अधिकार देने की बात करता है लेकिन धीरे-धीरे जैसे ही समय के साथ परिवर्तन होता है लोग लड़कियों को संपत्ति का अधिकार देने से कतराते हैं। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। समाज में रोजगार शिक्षा में महिलाओं को समान दर्जा दिया जा रहा है, तो महिलाओं को भी संपत्ति का अधिकार होना चाहिए। यह महत्वपूर्ण है कि अगर महिलाओं को संपत्ति का अधिकार मिलता है, तो वे सशक्त होंगी। सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं और विभिन्न प्रकार की जानकारी प्रदान कर रही है। लेकिन सम्पत्ति के अधिकार के संबंध में समाज में जो पिछड़ेपन देखा जा रहा है, उसे दूर करने की आवश्यकता है। इसे दूर करने के लिए सभी लोग महिलाओं की मदद करें और महिलाओं को संपत्ति का अधिकार दें। महिलाओं को इसके लिए जागरूकता अभियान भी चलाना चाहिए और जागरूकता अभियान चलाकर अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए और पुरुष वर्ग से अपनी मांग को पूरा करना चाहिए। इसके लिए शिक्षा जरूरी है क्यूंकि महिलाएं शिक्षित होंगी तो अपने हक की लड़ाई लड़ सकती हैं

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के. सी. चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से हमारे श्रोता राम दयाल से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि अगर माता पिता के केवल बेटियाँ हैं, तो ठीक है, क्युकी अगर भाई होगा तो भाई बहन के रिश्ते के बीच दरार आ सकती है। बहनो के साथ मार पीट भी हो सकता है। महिलाओं को अगर संपत्ति का अधिकार दिया जाता है तो, ये आगे चलकर समस्या पैदा कर सकती है

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि क्षेत्र के कई लोगों का मानना है कि कुछ लोगों का कहना है कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार दिया जाना चाहिए, लेकिन कुछ लोगों का कहना है कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए। इसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं, लेकिन अगर महिलाओं को संपत्ति का अधिकार नहीं दिया जाएगा, तो महिलाओं का सशक्तिकरण कैसे होगा, महिलाओं को पुरुषों के बराबर का दर्जा कैसे मिलेगा। यह चिंता की बात है कि सरकार का कहना है कि महिलाओं को समान अधिकार दिए जा रहे हैं, लेकिन आज भी महिलाएं बहुत पीछे हैं। लोग देने के लिए अनिच्छुक हैं, ऐसा नहीं होना चाहिए, महिलाओं को संपत्ति का अधिकार देने के लिए सभी को समान रूप से आगे आना चाहिए, और महिलाओं को भी इसके बारे में जागरूक होने की आवश्यकता है ताकि वे अपने अधिकारों के लिए लड़ सकें।

उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से हमारे श्रोता से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि महिलाओं को सम्पति का अधिकार मिलना चाहिए। इससे महिलाओं में मजबूती आएगी और वे सशक्त होंगी