सिसवन प्रखंड क्षेत्र के बघौना चंवर में बुधवार की खेतों में लगे गेहूं की फसल मे आग लग गई. देखते ही देखते आग से करीब 3 बीघा से अधिक क्षेत्र में लगे गेहूं के फसल जलकर राख हो गए.आग लगने की सूचना जैसे ही किसानों को मिली. किसान दौड़ते हुए खेत पर पहुंचे और आग पर काबू पाने का कोशिश करने लगे लोग जक तक आग पर काबू पाते तबतक करीब तीन बिघा गेहूं की फसल राख हो चुका था.

हमारी सूखती नदियां, घटता जल स्तर, खत्म होते जंगल और इसी वजह से बदलता मौसम शायद ही कभी चुनाव का मुद्दा बनता है। शायद ही हमारे नागरिकों को इससे फर्क पड़ता है। सोच कर देखिए कि अगर आपके गांव, कस्बे या शहर के नक्शे में से वहां बहने वाली नदी, तालाब, पेड़ हटा दिये जाएं तो वहां क्या बचेगा। क्या वह मरुस्थल नहीं हो जाएगा... जहां जीवन नहीं होता। अगर ऐसा है तो क्यों नहीं नागरिक कभी नदियों-जंगलों को बचाने की कवायद को चुनावी मुद्दा नहीं बनाते। ऐसे मुद्दे राजनीति का मुद्दा नहीं बनते क्योंकि हम नागरिक इनके प्रति गंभीर नहीं हैं, जी हां, यह नागरिकों का ही धर्म है क्योंकि हमारे इसी समाज से निकले नेता हमारी बात करते हैं।

सिवान जिला के रघुनाथपुर प्रखंड के चकरी पंचायत में बंदरों के आतंक से ग्रामीण परसन देखे जा रहे हैं इस क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना था कि आए दिन बंदरों के झुंड के झुंड आकर घर के ऊपर रखे हुए अनाज के बड़ों को फड कर तहस नहस कर बर्बाद कर देते हैं साथ के साथ घर के आसपास लगाए गए साग सब्जी एवं फल के पौधों को भी तोड़कर तहस-नस कर रहे हैं जिसे नुकसान हो रहा है महिलाओं और बच्चों को देखते ही काटने के लिए दौड़ पढ़ते हैं

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विश्व वन्यजीव दिवस जिसे आप वर्ल्ड वाइल्डलाइफ डे के नाम से भी जानते है हर साल 3 मार्च को मनाया जाता है जिसका मुख्य उद्देश्य है की लोग ग्रह के जीवों और वनस्पतियों को होने वाले खतरों के बारे में जागरूक हो इतना ही नहीं धरती पर वन्य जीवों की उपस्थिति की सराहना करने और वैश्विक स्तर पर जंगली जीवों और वनस्पतियों के संरक्षण के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य या दिवस मनाया जाता है.विश्व वन्यजीव दिवस के उद्देश्य को पूरा करने के लिए है हर वर्ष एक थीम निर्धारित की जाती है जिससे लोगो में इसके प्रति ज्यादा से ज्यादा जागरूकता को बढ़ावा मिले . हर वर्ष की तरह इस वर्ष 2024 का विश्व वन्यजीव दिवस का थीम है " लोगों और ग्रह को जोड़ना: वन्यजीव संरक्षण में डिजिटल नवाचार की खोज" है। "तो आइये इस दिवस पर हम सभी संकल्प ले और वन्यजीवों के सभी प्रजातियों और वनस्पतियों के संरक्षण में अपना योगदान दे।

बिहार के सिवान जिला से दरौदा की रिपोर्ट: प्रखंड क्षेत्र में नीलगायों के आतंक से ग्रामीण परेशान देखे जा रहे हैं क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना था कि आए दिन नीलगाईयों द्वारा झुंड के झुंड आकर खेतों में लगे फसलों को खाकर तथा उसे तहस-नस का बर्बाद कर दे रही है जिसे काफी नुकसान हो रहा है रहेनुकसान को देखते हुए ग्रामीण परेशान है

बिहार के सिवान जिला के रघुनाथपुर की रिपोर्ट: प्रखंड के चकरी पंचायत में बन्दरो के आतंक से ग्रामीण परेशान देखे जा रहे हैं इस क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना था कि आए दिन बंदरों के झुंड आकर घर के ऊपर रखे हुए सामानों को तहस-नस कर खराब कर बर्बाद कर देते हैं जिसे ग्रामीणों को काफी नुकसान होता है बच्चों को देखते हैं काटने के लिए दौड़ पढ़ते हैं नुकसान को देखते हुए ग्रामीण परेशान देखे जा रहे हैं

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सिवान जिला के रघुनाथपुर प्रखंड क्षेत्र में वानरों के आतंक से ग्रामीण परेशान देखे जा रहे हैं ग्रामीणों का कहना था की आए दिन बंदरों के झुंड के झुंड आकर घर के ऊपर रखे हुए सामानों को फाड़कर तहस-नस का बर्बाद कर देते हैं जिसे काफी नुकसान हो रहा है तथा घर के आसपास लगाए गए पेड़ पौधे साथ सब्जी के पौधों को भी नुकसान पहुंचाते हैं

जंगली जानवरों की आतंक से किसान परेशान