उत्तरप्रदेश राज्य के चित्रकूट ज़िला से अरुण यादव ,उद्यमी वाणी के माध्यम से बताते है कि ये एक छोटा सा किराना का दूकान वर्ष 2007 से चला रहे है। जब ये दूकान शुरू कर रहे थे तब पैसों की कमी आ रही थी। इन्होने एआईसीबी जो दृष्टिबाधित को लोन प्रदान कराती है ,वहां से 7 हज़ार रूपए का लोन लिया और दो सौ से तीन सौ का किश्त देते रहे। इसके बाद इनका लोन समाप्त हो गया। ये अब भी दूकान चला रहे है ,इन्हे दिक्कत तो आ रही है पर किसी तरह दूकान चल रहा है।