कोई भी राजनीतिक दल हो उसके प्रमुख लोगों को जेल में डाल देने से समान अवसर कैसे हो गये, या फिर चुनाव के समय किसी भी दल के बैंक खातों को फ्रीज कर देने के बाद कैसी समानता? आसान शब्दों में कहें तो यह अधिनायकवाद है, जहां शासन और सत्ता का हर अंग और कर्तव्य केवल एक व्यक्ति, एक दल, एक विचारधारा, तक सीमित हो जाता है। और उसका समर्थन करने वालों को केवल सत्ता ही सर्वोपरी लगती है। इसको लागू करने वाला दल देश, देशभक्ति के नाम पर सबको एक ही डंडे से हांकता है, और मानता है कि जो वह कर रहा है सही है।

दहेज में परिवार की बचत और आय का एक बड़ा हिस्सा खर्च होता है. वर्ष 2007 में ग्रामीण भारत में कुल दहेज वार्षिक घरेलू आय का 14 फीसदी था। दहेज की समस्या को प्रथा न समझकर, समस्या के रूप में देखा जाना जरूरी है ताकि इसे खत्म किया जा सके। तो दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- दहेज प्रथा को लेकर आपके क्या विचार है ? *----- आने वाली लोकसभा चुनाव में दहेज प्रथा क्या आपके लिए मुद्दा बन सकता है ? *----- समाज में दहेज़ प्रथा रोकने को लेकर हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है और क्यों आज भी हमारे समाज में दहेज़ जैसी कुप्रथा मौजूद है ?

देश में इस समय माहौल चुनावी है और राजनीति हावी है। यह चुनाव अहम है क्योंकि पिछले कुछ साल भारतीय राजनीति के लिए अप्रत्याशित रहे हैं। इस दौरान ऐसा बहुत कुछ हुआ जो पहले लोकतंत्र के लिए अनैतिक कहा जाता था।

स्वयंसेविकाओं ने पर्यावरण संरक्षण संदेश एवं मतदाता जागरूकता रैली निकाल लोगों को किया जागरुक

चुनाव से बचने हेतु कर्मचारियों ने दी थी बिमारी की सूचना, मेडिकल बोर्ड ने स्वास्थ्य की परिक्षण

गुजरे जमाने के मशहूर समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया कहते थे अगर देश को सही रास्ते पर चलाना है तो मजबूत विपक्ष का आवश्यकता है, वर्ना सरकार निरंकुश हो जाएगी। जिसको हम आज की वर्तमान परिस्थितियों में देख और महसूस कर सकते हैं। देश की एक प्रमुख और सबसे बड़े विपक्षी दल का बैंक खाता सीज कर दिया गया है, जबकि चुनाव की तारीखों की घोषणा हो चुकी है, हां अगर सरकार की मंशा ही है कि उसके अलावा देश के बाकी राजनीतिक दल चुनाव ही न लड़ें तो फिर बात ही अलग है।

बस्ती में छठवें चरण में 25 मई को होगा मतदान

प्रचार सामग्री के प्रकाशन में मुद्रक का विवरण अनिवार्य

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से विजय पाल चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि चुनाव की तारीख की घोषणा के बाद शाम को ही आचार संहिता लागू हो गई और प्रशासन ने शहरों में पार्टियों के होर्डिंग्स को हटाना शुरू कर दिया है । चुनाव पांच चरणों में होंगे और वोटों की गिनती 4 जून को होगी ।

लोक सभा चुनाव घोषणा के पहले प्रशासन मतदान तैयारियों को चुस्त दुरुस्त करने में जुटा