उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से विजय पाल चौधरी , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि पक्ष और विपक्ष दोनों का होना जरूरी है। विपक्ष होगा तो सरकार से सवाल पूछ सकती है। इस तरह से सरकार मनमाना तरीकों से काम नहीं कर सकता है।

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से रमजान अली ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि गाँवों से लेकर शहरों तक, दुकानों और बाज़ारों में जहां भी लोग दो साल से इकट्ठा हो रहे हैं, हर जगह हो रही नई सरकार के बारे में चर्चा अब चर्चा कर रही है

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से विजय पाल चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि भारत में 18वी लोकसभा का चुनाव संपन्न होने के बाद मतगणना भी संपन्न हो गया है। और देश की जनता ने अपने दम पर नेताओं का चयन किया।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से अरविन्द श्रीवास्तव , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि नागरिकता एक बहुत अधिक जटिल समस्या है, जो कि खानाबदोश परिवार जनजाति या प्रवासी मजदूर है। लोगों को वोट देने का अधिकार है लेकिन उनके पास कोई ठोस सबूत नहीं है। इस प्रकार, यदि देखा जाए, तो भारत देश में बड़ी संख्या में लोग रह रहे हैं। और इस नागरिकता कानून को पारित करने के लिए कई लोगों ने पहले भी अपनी राय व्यक्त की है और सरकार से अपील की है, लेकिन ये मुद्दे चुनाव के समय उठाए जाते हैं। चुनाव के बाद उन्हें अपना हाल पर छोड़ दिया जाता है और न तो उन्हें कोई सरकारी सुविधा मिलती है और न ही उनके पास कोई पहचान पत्र होता है। यानी, क्योंकि उनकी कोई पहचान नहीं है, उन्हें वहीं रहना पड़ता है जहां वे मजदूरों या प्रवासियों के रूप में काम करते हैं, और उनकी बीमारी या मृत्यु के मामले में, उन्हें इस संबंध में सरकार से कोई सहायता प्रदान नहीं की जाती है, जो नागरिकता का कानून बनने के लिए आवश्यक है क्योंकि वह भी हम ही हैं। हमारे देश का एक हिस्सा है और अगर बड़ी संख्या में देखा जाए तो वे खुद समाज के विकास के काम में लगे हुए हैं और अपनी मजदूरी करके दिन-रात मेहनत करते हैं।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से विजयपाल चौधरी , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि लोकसभा का प्रचार अब थम जाएगी। लोकसभा चुनाव के सातवें चरण के लिए आज प्रचार का अंतिम दिन है।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से विजय पाल चौधरी , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि चार ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधान ने शनिवार को मतदान के दिन मनरेगा मजदूरों की हाज़री लगाकर मास्टर रूल जारी रखा।

भारत में जहां 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव हो रहे हैं। इन चुनावों में एक तरफ राजनीतिक दल हैं जो सत्ता में आने के लिए मतदाताओं से उनका जीवन बेहतर बनाने के तमाम वादे कर रहे हैं, दूसरी तरफ मतदाता हैं जिनसे पूछा ही नहीं जा रहा है कि वास्तव में उन्हें क्या चाहिए। राजनीतिक दलों ने भले ही मतदाताओं को उनके हाल पर छोड़ दिया हो लेकिन अलग-अलग समुदायो से आने वाले महिला समूहों ने गांव, जिला और राज्य स्तर पर चुनाव में भाग ले रहे राजनीतिर दलों के साथ साझा करने के लिए घोषणापत्र तैयार किया है। इन समूहों में घुमंतू जनजातियों की महिलाओं से लेकर गन्ना काटने वालों सहित, छोटे सामाजिक और श्रमिक समूह मौजूदा चुनाव लड़ रहे राजनेताओं और पार्टियों के सामने अपनी मांगों का घोषणा पत्र पेश कर रहे हैं। क्या है उनकी मांगे ? जानने के लिए इस ऑडियो को सुने

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से अरविन्द ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि बस्ती जिले में चुनाव के दौरान प्रधानों ने मतदान को प्रभावित किया। चुनाव आयोग द्वारा मतदान के लिए अपील करने के बाद प्रधानों के कार्यशैली पर सवाल उठ रहा है । लगभग दस से पंद्रह हजार लोगों ने मतदान नहीं किया।ज़िला में मनरेगा फर्जीवाड़ा बना जाँच का विषय । मनरेगा की गलत हज़ारी लगाई गई

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से विजय पाल चौधरी ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि शनिवार को बादल छाए रहने के बाद भी उमस भरी गर्मी रही। इससे मतदाता काफी परेशान रहे

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से विजय पाल चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि लोकसभा चुनाव के छठे चरण का मतदान आज 16 सीटों पर होगा। मतदान सुबह सात बजे से लेकर शाम पांच बजे तक होना है