नाम किरण कुमारी ,उम्र 25 साल ,पिन कोड 271205
उम्र तैंतीस साल , पिन कोड 271205
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कुछ महीने पहले की बात है, सरकार ने महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए कानून बनाया है, जिससे उन्हें राजनीति और नौकरियों में आरक्षण मिलेगा, सवाल उठता है कि क्या कानून बना देने भर से महिलाओं को उनका हक अधिकार, बेहतर स्वास्थय, शिक्षा सेवाएं मिलने लगेंगी क्या? *----- शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और आर्थिक अवसरों तक महिलाओं की पहुंच में सुधार के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं *----- महिलाओं को जागरूक नागरिक बनाने में शिक्षा की क्या भूमिका है? *----- महिलाओं को कानूनी साक्षरता और उनके अधिकारों के बारे में जागरूक कैसे किया जा सकता है"
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की 2021 की रिपोर्ट बताती है कि दुनिया भर में आर्थिक समानता में महिलाओं की संख्या 58 फीसदी है। लेकिन पुरुषों के बराबर आने में उन्हें अभी सदियां लग जाएंगी। 156 देशों में हुए इस अध्ययन में महिला आर्थिक असमानता में भारत का स्थान 151 है। यानी महिलाओं को आर्थिक आजादी और अचल संपत्ति का हक देने के मामले में एक तरह से हम दुनिया में सबसे नीचे आते हैं। दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं के जीवन का बड़ा समय इन अधिकारों को हासिल करने में जाता है, अगर यह उन्हें सहजता से मिल जाए तो उनका जीवन किस तरह आसान हो सकता है? *----- महिलाओं के लिए भूमि अधिकारों तक पहुंच में सुधार के लिए कौन- कौन से संसाधन और सहायता की आवश्यकता हैं?
उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बलरमपुर से राजा बाबू मिश्रा , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि राह चलती महिलाओं की इज़्ज़त करनी चाहिए। जो सुरक्षा महिला अपने भाई और पिता के साथ महसूस करती है वही सुरक्षा उनको लोगों के बीच भी लगनी चाहिए। जिस तरह से हम अपने बहनों का इज़्ज़त करते उसी तरह दूसरों की बहनो का इज़्ज़त करनी चाहिए। हर किसी को इज़्ज़त पाने का अधिकार है। आज हम पूरी तरह से आज़ाद नहीं है। लड़की को पढ़ाना चाहिए। बाल विवाह , दहेज़ प्रथा, बाल मजदूरी को रोकना चाहिए।