बिहार राज्य के नवादा जिला के नादिरगंज प्रखंड से तारा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से नेहा कुमारी से साक्षात्कार लिया। नेहा कुमारी ने बताया कि पुराने जमाने से जमीन का मालिक सदा पुरुष ही रहते आ रहे हैं।महिलाओं का अक्सर आर्थिक रूप से पुरुष रिश्तेदारों पर निर्भर रहने के कारण उन्हें संपत्ति से दूर रखा जाता है।हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम (संशोधन) 2005 और सुप्रीम कोर्ट के बाद के फैसलों ने बेटियों को पैतृक संपत्ति में बेटों के बराबर का हक दिया है

बिहार राज्य के नवादा जिला के नादिरगंज प्रखंड से तारा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बबिता कुमारी से साक्षात्कार लिया। बबिता कुमारी ने बताया कि महिलाओं को भूमि अधिकार में हिस्सा देना जरूरी है।भूमि एक महत्वपूर्ण सुरक्षा का स्रोत है।भूमि अधिकार मिलने से महिलाओं को आर्थिक सुरक्षा मिलती है और वो आत्मनिर्भर बनेंगी ।

बिहार राज्य के नवादा जिला के नारदीगंज प्रखंड से नेहा कुमारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम बताया कि इन्होने एक महीने पहले ऑनलाइन गेहूं के बीज के लिए आवेदन किया था। मगर अभी तक नही मिला है

बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से तारा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से नेहा कुमारी से साक्षात्कार लिया। नेहा कुमारी ने बताया कि महिलाओं को भूमि अधिकार में बराबरी का हिस्सा देना जरुरी है। इससे समानता को बढ़ावा मिलता है और उनको आर्थिक शक्ति प्रदान करता है। समुदाय में सामाजिक,आर्थिक विकास को गति मिलती है।पति की सम्पत्ति में समान हिस्सेदारी महिलाओं की विपत्ति सुरक्षा प्रदान करती है और उन्हें आत्मनिर्भर बनाती है।

बिहार राज्य के नवादा जिला के नारदीगंज प्रखंड से मालती देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती हैं कि किसान वाला 6000 रुपया जो मिलना चाहिए वह नहीं मिला है

बिहार राज्य के नवादा जिला से तारा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से छोटी कुमारी से हुई। छोटी कुमारी यह बताना चाहती हैं कि महिलाएं जमीन पर हक़ नहीं ले पाती हैं। अगर महिला के नाम से जमीन है तो भी वह उस जमीन का अच्छे से इस्तेमाल नहीं कर पाती है क्योंकि उनके पास निर्णय लेने की शक्ति नहीं होती है

साल 2024 में राष्ट्रीय महिला आयोग को 25743 शिकायतें मिलीं जिसमें से 6,237 (लगभग 24%) घरेलू हिंसा से जुड़ी थीं. इसी रिपोर्ट के अनुसार 54% शिकायतें उत्तर प्रदेश से आईं, जो घरेलू हिंसा से जुड़ी शिकायतों में उत्तर प्रदेश की प्रमुखता को दिखाता है. उत्तर प्रदेश से 6,470 शिकायतें आई थीं, तमिलनाडु से 301 और बिहार से 584 शिकायतें दर्ज की गई थीं.

ज़िन्दगी के कुछ पलों में लड़को को भी रोने का मन करता है और ऐसे समय में रो लेना कितना ज़रूरी है। पर क्या हमारा समाज इतनी आसानी से लड़कों को रोने की आज़ादी दे दे सकता है ? क्या केबल रोने या न रोने से ही साबित होता है की वो इंसान कितने मज़बूत किरदार का मालिक है ? और क्या इसी एक वाक्य से हम बचपन में ही लिंग भेद का बीज बच्चो के अंदर ने दाल दे रहे है जो पड़े होते होते न जाने कितने और लोगो को अपनी चपेट में ले चूका होता है ! आप के हिसाब से अगर लड़के भी दिलका बोझ हल्का करने के लिए रोयें और दूसरों से नरम बर्ताव करे तो समाज में क्या क्या बदल सकता है ? इस सभी पहलुओं पर अपनी राय प्रतिक्रिया और सुझाव जरूर रिकॉर्ड करें अपने फ़ोन में नंबर 3 दबाकर। और हां साथियों अगर आपके मन में आज के विषय से जुड़ा कोई सवाल हो तो वो भी जरूर रिकॉर्ड करें। हम आपके सवाल का जवाब तलाश कर आप तक पहुंचाने की पूरी कोशिश करेंगे।

गांव आजीविका और हम कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ श्री जीब दास साहू आलू के फसल में लगने वाला झुलसा रोग के बारे में जानकारी दे रहे हैं ।

दोस्तों, गरीबी के खिलाफ भारत की लड़ाई में महिला भूमि अधिकार एक निर्णायक कदम साबित हो सकता है। यह केवल संपत्ति का हस्तांतरण नहीं, बल्कि शक्ति का हस्तांतरण है। तब तक आप हमें बताइए कि , *---- क्या आपको लगता है कि महिलाओं के नाम जमीन होने से परिवार की आय बढ़ती है? अपना अनुभव बताएं। *---- आपके गाँव में महिलाओं को जमीन के कागज़ात मिलने से किस तरह के बदलाव आए हैं? *---- क्या आपके परिवार या समुदाय में ऐसी कोई महिला है, जिसकी ज़िंदगी जमीन मिलने के बाद बदली हो?