बिहार राज्य के जिला नवादा से बिंदु देवी , की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से कमलेश कुमार से हुई। कमलेश कुमार यह बताना चाहते है कि महिलाओं के पास शिक्षा की कमी है। अगर महिलाएं शिक्षित हो जाएगी तो वह अपना अधिकार मांग सकती है। महिलाओ को स्वतंत्रता , आर्थिक , समाजिक अधिकार और भूमि अधिकार मिलना चाहिए। महिला का शिक्षित होने से समाज और देश का विकास होगा। अशिक्षित के कारण हमारा देश पीछे है।

बिहार राज्य के नवादा जिला के नारदीगंज प्रखंड से तारा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से शिक्षा रिमझिम कुमारी से बातचीत किया। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि महिलाओं के लिए भूमि अधिकार बहुत जरूरी है। महिलाओं को भूमि का अधिकार मिलेगा तो वे सशक्त बनेंगी

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बिहार राज्य के नवादा जिला के नारदीगंज प्रखंड से तारा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से शिक्षा मंजू सिन्हा से बातचीत किया। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि शादी के बाद महिला को ससुराल में पड़तरित किया जाता है। अगर महिला को पति के संपत्ति में अधिकार मिलेगा तो महिलाएं सुरक्षित रहेंगी और उन्हें पड़तरित नहीं किया जा सकेगा। साथ ही समाज में महिलाओं का सम्मान भी बढ़ेगा

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बिहार राज्य के नवादा जिला के नारदीगंज प्रखंड से तारा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से अंजलि कुमारी से बातचीत किया। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि महिलाओं के जीवन में शिक्षा बहुत जरूरी है, जिससे की वे अपना काम खुद कर पाएं और किसी पे आश्रित नहीं रहें। महिलाएं शिक्षित होंगी तो वे अपने परिवार का पालन पोषण अच्छे से कर सकती हैं।

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा धान की खेती में अजोला की भूमिका के बारे में जानकारी दे रहे हैं। विस्तारपूर्वक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें .

बिहार राज्य के जिला नवादा के नारदीगंज प्रखंड से बिंदु देवी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से आशा देवी से हुई। आशा देवी यह बताना चाहती है कि महिलाओं को सम्मान नहीं दिया जाता है।उनको अधिकार नहीं दिया जाता है। ससुराल में भी उनको अधिकार नहीं मिलता है। उनको भूमि पर अधिकार नहीं दिया जाता है जबकि उनको भूमि पर अधिकार मिलना चाहिए।

बिहार राज्य के जिला नवादा के नारदीगंज प्रखंड से बिंदु देवी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से विजय कुमार से हुई। विजय कुमार यह बताना चाहते है कि देश आज़ाद हो गया लेकिन महिला अभी भी आज़ाद नहीं है। महिला अभी परिवार के बंधन से स्वतंत्र नहीं हुई है। महिलाओं को पूर्ण रूप से अधिकार नहीं दिया जाता है। महिलाओं को भूमि अधिकार , समाजिक अधिकार , आर्थिक अधिकार से वंचित रखा जाता है। महिला परिवार के बंधन में बंध कर रह जाती है। उनको प्रताड़ित भी किया जाता है।

भारत में भूमि, महिलाओं के सशक्तिकरण और आर्थिक स्वतंत्रता का एक महत्वपूर्ण साधन है। परंतु, सदियों से चली आ रही सामाजिक-सांस्कृतिक रूढ़ियों और कानूनी बाधाओं के कारण महिलाओं की भूमि पर अधिकार सीमित रहा है। यह सीमित पहुंच न केवल महिलाओं के व्यक्तिगत विकास को रोकती है, बल्कि समाज के पुरे विकास को भी रोकती करती है। आज भी महिलाओं के पास पुरुषों की तुलना में भूमि पर बहुत कम अधिकार हैं।यह देखते हुए कि महिलाएं बड़े पैमाने पर कृषि कार्य में लगी हुई हैं और अक्सर घरेलू उपभोग के लिए भोजन की प्राथमिक उत्पादक होती हैं। भूमि पर अधिक नियंत्रण के साथ, महिलाएं अधिक पौष्टिक फसलों, अधिक उत्पादक और टिकाऊ प्रथाओं में निवेश कर सकती हैं . तो दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- महिलाओं के लिए भूमि अधिकारों तक पहुंच में सुधार के लिए कौन से संसाधन और सहायता प्रणालियां आवश्यक हैं? *----- महिलाओं के लिए भूमि अधिकार को हासिल करने में संसाधनों तक सीमित पहुंच कैसे बाधा बनती है?