दोस्तों, क्या आपको भी लगता है कि महिलाओं को उनके अधिकार दिए जाने चाहिए, घर परिवार के आर्थिक मसलों पर उन्हें शामिल किया जाना चाहिए, जो पुरुष अपना तनख्वाह और खेती की कमाई अपनी पत्नियों को सौंप देते हैं और इसको सशक्तिकरण मानते हैं वह क्यों महिलाओं को संपत्ति का आधा हिस्सा उन्हें देकर कहें कि परिवार को चलाने बच्चों का पढ़ाने और आगे बढ़ने में मदद करने के लिए आवश्यक निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं। *-----महिलाओं के गरीबी के चक्र को तोड़ने में आर्थिक अवसरों और सामाजिक सुरक्षा उपायों तक पहुंच कैसे बढ़ाई जा सकती है? *-----महिलाओं के लिए रोजगार के अवसरों को कैसे बढ़ाया जा सकता है? *-----महिलाओं के जीवन में गरीबी पर काबू पाया जा सके, इसमें सरकार, व्यवसाय और नागरिक समाज की क्या भूमिका है?

माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों के लिए बच्चों के इशारों को समझना बहुत ज़रूरी है। कार्यक्रम सुनिए और बताइए,आप अपने छोटे बच्चे के इशारों से उसकी ज़रूरत को कैसे समझते हैं?

बिहार राज्य के नवादा ज़िला के नारदीगंज से तारा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से मीना देवी से हुई। ये कहती है कि ये खेती बाड़ी और पशुपालन से रोजी रोटी अच्छे से चला रही है। अब जीविका से जुड़कर सशक्त हो गई है। तमाम कार्यों की जानकारी हुई ,बैंक की जानकारी हुई और हर काम अच्छे से कर लेती है। अब बोलने में भी सशक्त है। बैंक के कार्यों की अच्छे से जानकारी हो गई ,महिलाओं का खाता खुलाने और केवाईसी करवाने में भी ये सहायता करती है

बिहार राज्य के नवादा ज़िला के नारदीगंज से तारा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से किरणबाला सहाय से हुई। ये कहती है कि ये आशा के कार्य के लिए आवेदन दी और इसी के माध्यम से वो घर से बाहर कदम रखी। शुरूआती दौर में समस्या होती थी ,महिलाएँ बुरा व्यवहार करती थी। परिवार में भी बोला जाता था कि दिनभर घर से बाहर रहने पर घर कार्यों में बाधा आती है। लेकिन धीरे धीरे ये घर के अंदर और बाहर की जिम्मेदारियाँ अच्छे से निभाने लगी

बिहार राज्य के नवादा ज़िला के नारदीगंज से तारा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से प्रतिमा कुमारी से हुई। ये कहती है कि जब भी ये घर से बाहर निकलती है तो इनका परिवार इनपर गुस्सा करता है ,कहा जाता है कि महिलाएँ घर में ही शोभा देती है। लेकिन अब बाहर निकल रही है तो हर कार्य की जानकारी मिल रही है कि किस तरह बैंक में प्रखंड में काम होता है

बिहार राज्य के नवादा ज़िला के नारदीगंज से तारा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से शांति देवी से हुई। ये कहती है कि महिलाओं को घर में बहुत दबाव बनाया जाता है कि वो आगे नहीं बढ़ पाए और बाहर जाकर काम नहीं कर पाए। अगर महिला घर से बाहर निकलती है तब ही असल जिंदगी के बारे में जानकारी हासिल कर पाती है। शांति के साथ भी ऐसा ही हुआ था ,परिवार वाले इन पर दबाव बनाते है

बिहार राज्य के जिला नवादा के नारदीगंज प्रखंड से तारा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से रूबी देवी से हुई। रूबी देवी यह बताना चाहती है कि महिलाओं को जमीन पर अधिकार मिलना चाहिए। जिस तरह से पुरुषों का जमीन पर अधिकार होता है, उसी तरह से महिलाओं का भी जमीन पर अधिकार होना चाहिए। जमीन का रशीद का होना जरूरी है।

बिहार राज्य के जिला नवादा के नारदीगंज प्रखंड से तारा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से रूबी देवी से हुई। रूबी देवी यह बताना चाहती है कि महिला जब काम करना चाहती थी तो उनको घर में दबाव दिया जाता था। पड़ोस के लोग बोलते थे की वह कहाँ जाती है और आती है लेकिन उनलोगों की बातों पर वह ध्यान नहीं देती है। महिला आज सभी काम कर रही है

बिहार राज्य के जिला नवादा के नारदीगंज प्रखंड से तारा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से अंजू कुमारी से हुई। अंजू कुमारी यह बताना चाहती है कि पहले घर से निकलने कोई नहीं देता था।अब वह बाजार , ऑफिस भी जाने लगी है और पैसा कमा कर अपने बच्चों को भी खिला सकती है। पहले घर से निकलने पर बहुत दबाव बनाया जाता था की वह देखो वो कहाँ जा रही है

बिहार राज्य के जिला नवादा के नारदीगंज प्रखंड से तारा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से अंजली कुमारी से हुई। अंजली कुमारी यह बताना चाहती है कि महिलाओं को भी जमीन पर अधिकार होना चाहिए पहले पुरुष को ही जमीन पर अधिकार दिया जाता था लेकिन अब महिला को भी अधिकार मिलना चाहिए। जमीन का रशीद होने पर आवासीय , आय प्रमाण पत्र बनाये जाते है। अगर जमीन का कागज़ नहीं रहेगा तो कोई और भी जमीन को छीन सकता है।