सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...
बिहार राज्य के नवादा ज़िला के नारदीगंज प्रखंड से बिंदु देवी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से विवेक कुमार से हुई। ये बताते है कि प्रदान संस्था के द्वारा महिलाओं के लिए कार्य हो रहा है ,इसमें महिला बहुत उत्साहित है ।खेती के लिए महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है ,जिसमे महिला समय निकाल कर प्रशिक्षित हो रही है लेकिन महिला सामाजिक और आर्थिक रूप से कमज़ोर पड़ जा रही है। अगर महिला को पुरुष के बराबर अधिकार मिले तो महिला के साथ देश का विकास होगा
बिहार राज्य के नवादा ज़िला के नारदीगंज प्रखंड से बिंदु देवी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से विवेक कुमार से हुई। ये बताते है कि नारदीगंज प्रखंड में प्रदान संस्था है जो महिलाओं को अधिकार दिया जा रहा है ।प्रशिक्षण के माध्यम से महिला बहुत जागरूक हो रही है ,महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए साक्षरता देना ज़रूरी है। जब से प्रदान संस्था आया है तो खेती में अलग तकनीक से खेती करवाया जा रहा है और महिला को जागरूक किया जा रहा है। महिलाओं को सामाजिक और कानूनी तौर से पूरा अधिकार नहीं मिलता है और उनका शोषण होता है। तो ऐसे में कैसे देश का विकास होगा
बिहार राज्य के नवादा ज़िला से बिंदु देवी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से अशोक कुमार से हुई। ये बताते है कि महिलाओं को स्वतंत्रता मिल गया है पर महिलाओं को पूरी तरह से अधिकार नहीं मिल रहा है। आर्थिक कमज़ोरी के कारण वो प्रताड़ित होती है । अगर महिलाओं को कानूनी अधिकार मिलेगा तो वो पूर्ण रूप से स्वतंत्र हो जाएगी। महिला का विकास होगा तो देश का विकास होगा। बाल बच्चों को शिक्षित करने में महिला का भूमिका होता है।
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा धान की खेती में अजोला से क्या क्या लाभ होते हैं उसके बारे में जानकारी दे रहे हैं। विस्तारपूर्वक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें .
बिहार राज्य के जिला नवादा के नारदीगंज प्रखंड से तारा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से रिंकी कुमारी से हुई। रिंकी कुमारी यह बताना चाहती है कि महिलाओं का शिक्षित होना महत्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए, यदि महिलाएं शिक्षित हैं, तो उन्हें अपने बेटों और अपने परिवारों को शिक्षित करना चाहिए। अर्थात्, शिक्षा आपको जागरूक करती है, आपको सिखाती है, और फिर शिक्षित होने से, वह सभी तरह के काम कर सकती है , जैसे कि जहाज़ उड़ाना या पानी वाला जहाज़ चलाना। इसलिए आजकल महिलाओं के लिए शिक्षित होना महत्वपूर्ण है। लड़कियाँ लड़कों की तुलना में अधिक काम कर रही हैं, इसलिए मैं सरकार से लड़कों और लड़कियों के बीच भेदभाव को दूर करने के लिए कहना चाहती हूँ।
बिहार राज्य के जिला नवादा के नारदीगंज प्रखंड से तारा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से रिंकी कुमारी से हुई। रिंकी कुमारी यह बताना चाहती है कि अभी भी ऐसी महिलाएं हैं जो सड़क पर निकलती हैं और उन्हें सुरक्षा नहीं मिलती है, जैसे कि अगर वे कहीं जाती हैं तो उनका अपहरण हो जाता है, फिर अगर वे नौकरी करती हैं तो हम अलग-अलग तरह के सवाल उठाते हैं। और जैसे कुछ लड़के नौकरी कर सकते हैं, वैसे ही लड़कियाँ भी कर सकती हैं।लड़के और लड़कियां बराबर होते हैं। अभी लोग पुराने रीती - रिवाज से चल रहे है ।
बिहार राज्य के नवादा ज़िला से बिंदु की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से विभा से हुई। विभा यह बताना चाहती है कि अगर महिला शिक्षित हुई तो वह अपना घर चला सकती है। महिला शिक्षित होकर विकास कर सकती है। वह अच्छे समाज बनाने में मदद कर सकती है। शिक्षा बहुत जरूरी है। वह शिक्षित होकर अपने बच्चों को पढ़ा सकती है।
भारत जैसे देश में महिलाओं की स्थिति का थोड़ा सा अंदाजा इन आंकड़ों से भी लग सकता है। आजादी के महज चार सालों बाद साल 1951 में भारत की कुल साक्षरता दर केवल 18.3 फीसदी थी, इसमें से महिलाओं की साक्षरता दर 9 फीसदी से भी कम थी। वहीं, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के डाटा के अनुसार साल 2021 में देश की औसत साक्षरता दर 77.70 प्रतिशत थी जिसमें पुरुषों की साक्षरता दर 84.70 प्रतिशत, जबकि महिलाओं की साक्षरता दर 70.30 प्रतिशत थी। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि आजादी के बाद से अब तक महिलाओं की साक्षरता दर में वृद्धि हुई है। दोस्तों, *----- आपको क्या लगता है कि महिलाओं के प्रति हो रहे भेदभाव की क्या वजह हैं, "*----- महिलाओं के पास भी भूमि अधिकार हों! इस नज़रिए से हमारे कानूनों और नीतियों में आपको क्या कोई कमियां नज़र आती हैं? *----- महिलाओं को भूमि का अधिकार मिले , इसे हासिल करने के लिए हमारे कानूनों के नीतियों में ऐसे कौन से बदलाव होने चाहिए जिससे महिलाओं के लिए भूमि अधिकार पाना कुछ आसान बन सके?"
जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है?