बिहार राज्य के जिला नवादा के नारदीगंज प्रखंड से बिंदु देवी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से विजय कुमार से हुई। विजय कुमार यह बताना चाहते है कि देश आज़ाद हो गया लेकिन महिला अभी भी आज़ाद नहीं है। महिला अभी परिवार के बंधन से स्वतंत्र नहीं हुई है। महिलाओं को पूर्ण रूप से अधिकार नहीं दिया जाता है। महिलाओं को भूमि अधिकार , समाजिक अधिकार , आर्थिक अधिकार से वंचित रखा जाता है। महिला परिवार के बंधन में बंध कर रह जाती है। उनको प्रताड़ित भी किया जाता है।

भारत में भूमि, महिलाओं के सशक्तिकरण और आर्थिक स्वतंत्रता का एक महत्वपूर्ण साधन है। परंतु, सदियों से चली आ रही सामाजिक-सांस्कृतिक रूढ़ियों और कानूनी बाधाओं के कारण महिलाओं की भूमि पर अधिकार सीमित रहा है। यह सीमित पहुंच न केवल महिलाओं के व्यक्तिगत विकास को रोकती है, बल्कि समाज के पुरे विकास को भी रोकती करती है। आज भी महिलाओं के पास पुरुषों की तुलना में भूमि पर बहुत कम अधिकार हैं।यह देखते हुए कि महिलाएं बड़े पैमाने पर कृषि कार्य में लगी हुई हैं और अक्सर घरेलू उपभोग के लिए भोजन की प्राथमिक उत्पादक होती हैं। भूमि पर अधिक नियंत्रण के साथ, महिलाएं अधिक पौष्टिक फसलों, अधिक उत्पादक और टिकाऊ प्रथाओं में निवेश कर सकती हैं . तो दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- महिलाओं के लिए भूमि अधिकारों तक पहुंच में सुधार के लिए कौन से संसाधन और सहायता प्रणालियां आवश्यक हैं? *----- महिलाओं के लिए भूमि अधिकार को हासिल करने में संसाधनों तक सीमित पहुंच कैसे बाधा बनती है?

बिहार राज्य के जिला नवादा के नारदीगंज प्रखंड से तारा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से पूजा से हुई। पूजा यह बताना चाहते है कि पुरुष और महिला के साथ एक जैसा व्यवहार होना चाहिए। आज महिला घर से बाहर सुरक्षित नहीं है। महिलाओं को आरक्षण मिलना चाहिए।

बिहार राज्य के जिला नवादा के नारदीगंज प्रखंड से तारा , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि महिलाओं के कई अधिकार होते है जैसे की मानव अधिकार इनमे हिंसा और -भेद भव से मुक्त होने का अधिकार है। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के सर्वोत्तम प्राप्त मानक का आनंद लेने का अधिकार, शिक्षित होने का अधिकार और संपत्ति का अधिकार,आदि । महिलाओं को शिक्षित होने का अधिकार है। महिलाओं को भी मतदान करने का अधिकार है। अब ऐसा कोई विभाग नहीं है जहां महिलाओं की नौकरी न हो, जैसे कि महिलाएं ब्लॉक स्तर, जिला स्तर, राज्य स्तर जैसे हर क्षेत्र में आगे हैं।

बिहार राज्य के जिला नवादा के नारदीगंज प्रखंड से तारा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से दीपक कुमार से हुई। दीपक कुमार यह बताना चाहते है कि अगर महिलाओं को गुजारा भत्ता नहीं मिल रहा है या संपत्ति का अधिकार नहीं मिल रहा है तो इसके लिए कोर्ट में इस तरह के मामलों का सुनवाई किया जाता है। अगर पति कमा रहे है और पत्नी अलग रह रही है और उनको गुजारा भत्ता नहीं दे रहे है। तो दिया जाना चाहिए क्योंकि कानून भी यही कहता है की इस स्तिथि में पत्नी को गुजारा भत्ता मिलना चाहिए। कितना भत्ता दिया जाना चाहिए यह निर्णय कोर्ट लेती है। महिलायें कोर्ट में अपील कर सकती है ताकि उनको गुजारा भत्ता मिल सके। संपत्ति का अधिकार का सुनवाई भी कोर्ट में ही होता है। अगर महिला को संपत्ति में अधिकार नहीं दिया जा रहा है तो उनको कोर्ट में अच्छे वकील के साथ जाना चाहिए।

बिहार राज्य के जिला नवादा के नारदीगंज प्रखंड से तारा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से दीपक कुमार से हुई। दीपक कुमार यह बताना चाहते है कि अगर महिलाओं को अधिकार नहीं मिलता है तो उनको कोर्ट में या फिर थाना में जा कर आवेदन देना चाहिए। एक फैमिली कोर्ट भी होता है जहाँ महिला जा कर आवेदन कर सकती है ।

इन कहानियों की मदद से आप अपने बच्चों की बोलने, सीखने और जानने की समझ बढ़ा सकते है। ये कहानी आपको कैसी लगी? क्या आपके बच्चे ने ये कहानी सुनी? इस कहानी से उसने कुछ सीखा? क्या आपके पास भी कोई नन्ही कहानी है? हमें बताइए, फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।

बिहार राज्य के नवादा जिला के नारदीगंज प्रखंड से तारा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से पूनम कुमारी से बातचीत किया। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि महिलाओं को संपत्ति में अधिकार मिलना चाहिए। इसके लिए सरकार को प्रावधान करने की आवश्यकता है

बिहार राज्य के नवादा जिला के नारदीगंज प्रखंड से तारा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से पूनम कुमारी से बातचीत किया। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि महिलाओं को पुरुष के बराबर अधिकार मिलना चाहिए। महिलाओं को आरक्षण तो मिला है लेकिन उन्हें बराबरी का दर्जा नहीं दिया जाता है। पंचायत में महिला को आज भी पुरुष के बराबर खड़े रहने का अधिकार नहीं दिया जाता है। महिलाओं को उनका अधिकार मिलेगा तो देश का विकास होगा।

बिहार राज्य के नवादा जिला के पकरीबरावां प्रखंड से संगीता कुमारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से महेश प्रसाद से बातचीत किया। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि आज के समय में महिलाओं के बीच में गरीबी को दूर करने के लिए उन्हें छोटा ऋण उपलब्ध कराना चाहिए। ऋण की सहायता से वे छोटा सा रोजगार कर सकती हैं। इससे महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी और सशक्त भी बनेंगी