हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। दोस्तों, उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे। हो जाइए तैयार, हंसने-हंसाने के लिए...
दोस्तों, भारत के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा जारी एक रिपोर्ट से यह पता चला कि वर्तमान में भारत के करीब 6.57 प्रतिशत गांवों में ही वरिष्ठ माध्यमिक कक्षा 11वीं और 12वीं यानी हायर एजुकेशन के लिए स्कूल हैं। देश के केवल 11 प्रतिशत गांवों में ही 9वीं और 10वीं की पढ़ाई के लिए हाई स्कूल हैं। यदि राज्यवार देखें तो आज भी देश के करीब 10 राज्य ऐसे हैं जहां 15 प्रतिशत से अधिक गांवों में कोई स्कूल नहीं है। शिक्षा में समानता का अधिकार बताने वाले देश के आंकड़े वास्तव में कुछ और ही बयान करते हैं और जहां एक तरफ शिक्षा के क्षेत्र में उन्नति समाज की प्रगति का संकेत देती है, वहीं लड़कियों की लड़कों तुलना में कम संख्या हमारे समाज पर प्रश्न चिह्न भी लगाती है? वासतव में शायद आजाद देश की नारी शिक्षा के लिए अभी भी पूरी तरह से आजाद नहीं है। तब तक आप हमें बताइए कि * ------क्या सच में हमारे देश की लड़कियाँ पढ़ाई के मामले में आजाद है या अभी भी आजादी लेने लाइन में खड़ी है ? * ------आपके हिसाब से लड़कियाँ की शिक्षा क्यों नहीं ले पा रहीं है ? लड़कियों की शिक्षा क्यों ज़रूरी है ? * ------साथ ही लड़कियाँ की शिक्षा के मसले पर आपको किससे सवाल पूछने चाहिए ? और इसे कैसे बेहतर बनाया जा सकता है ?
राजधानी के विकासखंड माल की ग्राम पंचायत सैदपुर में सामुदायिक शौचालय 2 साल से अधिक समय से बंद पड़ा है क्योंकि इस शौचालय में आज तक टैंक में कनेक्शन नहीं किया गया है जिससे यह शौचालय अभी तक चालू नहीं हो सका है।
राजधानी के तहसील मलिहाबाद क्षेत्र की नहरो में संडीला ब्रांच से पानी आता है इसलिए यदि संडीला ब्रांच की सफाई नहीं की गई है या उसमें से सिल्ट नहीं हटाई गई है तो माइनरोंमाइनमम्मे में पानी कैसे पहुंचेगा। इस पर विचार किए बिना ही सफाई कर दी और रजबहों की भी सफाई पूरी तरह से नहीं कराई।
राजधानी के विकास खंड माल अंतर्गत माल दुबग्गा रोड से मुसरिहन खेड़ा जाने वाले संपर्क मार्ग पर कई वर्ष से लेपन कार्य नहीं किया गया है जिससे इस मार्ग से डामर और गिट्टी गायब हो चुकी है सिर्फ पत्थर दिखाई पड़ते हैं यह मार्ग गौरैया मार्ग तक जाता है अधिकारी इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं इसलिए सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है।
सुनिए एक प्यारी सी कहानी। इन कहानियों की मदद से आप अपने बच्चों की बोलने, सीखने और जानने की समझ बढ़ा सकते है।ये कहानी आपको कैसी लगी? क्या आपके बच्चे ने ये कहानी सुनी? इस कहानी से उसने कुछ सीखा? क्या आपके पास भी कोई नन्ही कहानी है? हमें बताइए, फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।
जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है।आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.
भारतीय संसद के इतिहास में न विपक्ष का हंगामा नया है और न उनका सदन से निष्कासन, हाल के सालों में इस तरह के निलंबन की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं, इसमें भी निलंबन उनका होता है जो सदन में अपनी बात पुरजोर तरीके से रखकर सरकार का विरोध करते हैं। लोकतंत्र और संसद जो सहमति और असहमति का मिला जुला रूप हैं, उसमें इस तरह की कार्रवाईयों का क्या औचित्य है?
नहरों की सफाई के लिए अक्टूबर में बंद किया गया पानी 21 दिसंबर को छोड़ा जाएगा जो अगले तीन दिनों में संडीला ब्रांच में मलिहाबाद क्षेत्र की शाखों में पहुंच जाएगा जिससे किसानों को रवी की फसल में सिंचाई के लिए सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। यह जानकारी उपखंड अधिकारी राहुल वर्मा ने दी।
केंद्रीय राज्य मंत्री कौशल किशोर एवं उनकी पत्नी विधायक जय देवी कौशल ने चुनाव को देखते हुए मलिहाबाद तहसील ग्राउंड में जागरूकता सम्मेलन का आयोजन किया ,जिसमें उपस्थित भाजपा नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने प्रशासन पर कई तरह के गंभीर आरोप लगाए जिसमें विशेष कर उप जिलाधिकारी मलिहाबाद प्रमुख थी। यहां उपस्थित कई प्रधानों एवं भाजपा नेताओं सहित आम जनता ने कहा कि विधायक और सांसद का नाम सुनते ही एसडीएम किसी भी व्यक्ति को अपने चैंबर से बाहर भगा देती हैं और उसकी बात नहीं सुनती। इस बात को लेकर सांसद ने खुद स्वीकार किया कि वह अब एसडीएम से बात नहीं करते हैं क्योंकि एसडीएम अपनी मर्जी से ही काम करती है।