कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की स्वीकारोकती के बाद सवाल उठता है, कि भारत की जांच एजेंसियां क्या कर रही थीं? इतनी जल्दबाजी मंजूरी देने के क्या कारण था, क्या उन्होंने किसी दवाब का सामना करना पड़ रहा था, या फिर केवल भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला है। जिसके लिए फार्मा कंपनियां अक्सर कटघरे में रहती हैं? मसला केवल कोविशील्ड का नहीं है, फार्मा कंपनियों को लेकर अक्सर शिकायतें आती रहती हैं, उसके बाद भी जांच एजेंसियां कोई ठोस कारवाई क्यों नहीं करती हैं?

कोई भी राजनीतिक दल हो उसके प्रमुख लोगों को जेल में डाल देने से समान अवसर कैसे हो गये, या फिर चुनाव के समय किसी भी दल के बैंक खातों को फ्रीज कर देने के बाद कैसी समानता? आसान शब्दों में कहें तो यह अधिनायकवाद है, जहां शासन और सत्ता का हर अंग और कर्तव्य केवल एक व्यक्ति, एक दल, एक विचारधारा, तक सीमित हो जाता है। और उसका समर्थन करने वालों को केवल सत्ता ही सर्वोपरी लगती है। इसको लागू करने वाला दल देश, देशभक्ति के नाम पर सबको एक ही डंडे से हांकता है, और मानता है कि जो वह कर रहा है सही है।

सिमडेगा

ठेठईटांगर प्रखंड की ताराबोगा पंचायत के कुरूमडेगी गांव का बिजली ट्रांसफार्मर जल जाने से पूरे गांव के लोग एक माह से अंधेरे में रह रहे हैं

झारखंड राज्य के जिला सिमडेगा से सुनीता देवी सिंदेगा मोबाइल वानी में आपका स्वागत करता हूं । थाथ तंगा ताराबोगा पंचायत के क्रुमदेगी गांव में ट्रांसफॉर्मर पिछले एक महीने से जल रहा है । ट्रांसफॉर्मर जलने से ग्रामीण अंधेरे में जी रहे हैं , जिससे ग्रामीणों की समस्याएं बढ़ गई हैं , खासकर स्कूली बच्चों की पढ़ाई बंद की जा रही है । सिंह ने कहा कि बिजली नहीं होने के कारण गांवों के सत्तर घरों में अंधेरा हो गया है और इस संबंध में विभाग को एक आवेदन प्रस्तुत किया गया है ।

रामरेखा धाम तक हो रहे सड़क निर्माण कार्य में अनियमितता का आरोप झारखंड पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष एनोस एक्का ने लगाया उनका कहना है कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा जा रहा है फुल निर्माण के लिए पानी में ही पत्थर जोड़े की जा रही है

एडीआर संस्था ने अपनी एक और रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में राजनीतिक पार्टियों की कमाई और खर्च का उल्लेख है। यह रिपोर्ट बताती है कि कैसे राजनीतिक पार्टियां अपने विस्तार और सत्ता में बने रहने के लिए बड़े पैमाने पर खर्च करती हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक देश के सबसे बड़े सत्ता धारी दल ने बीते वित्तीय वर्ष में बेहिसाब कमाई की और इसी तरह खर्च भी किया। इस रिपोर्ट में 6 पार्टियों की आय और व्यय के आधार पर तैयार किया गया है। इसमें भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, सीपीआई एम और बीएसपी और एनपीईपी शामिल हैं। दोस्तों, *---- आपको क्या लगता है, कि चुनाव लडने पर केवल राजनीतिक दलों की महत्ता कितनी जरूरी है, या फिर आम आदमी की भूमिका भी इसमें होनी चाहिए? *---- चुनाव आयोग द्वारा लगाई गई खर्च की सीमा के दायेंरें में राजनीतिक दलों को भी लाना चाहिए? *---- सक्रिय लोकतंत्र में आम जनता को केवल वोट देने तक ही क्यों महदूद रखा जाए?

Transcript Unavailable.

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झारखण्ड राज्य के जिला सिमडेगा से ऋषव कुमार , पूल न होने के कारण लोगो की होती है परेशानी जिसकी वजह से लोगो को 1 किलोमीटर घूम के जाना पड़ता है