मोबाइल वाणी और माय कहानी का एक ख़ास पेशकस आपके लिए कार्यक्रम भावनाओं का भवर जहाँ हम सुनेंगे मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने से जुड़ी कुछ जानकारियां , तो आइये, आज की कड़ी में सुनेंगे बुलिंग यानि कि ताकत दिखाके बदमाशी करना क्या होता है और इसका पहचान कैसे किया जाये साथ ही इस समस्या से निपटने के लिए क्या किया जा सकता है इस बारे में । हां तो साथियों, बुलिंग का सामना करना कोई आसान काम नहीं होता है। हमारे समाज में कई ऐसे लोग हैं जो इसका शिकार है. क्या आपने या आपके किसी जानने वाले ने कभी अपने जीवन में बुलिंग का सामना किया है ? आखिर क्या वजह है कि समाज में बुलिंग जैसी समस्या उत्पन्न होती है और क्यों लोग इस समस्या से जूझने के लिए मजबूर होते हैं ? बुलिंग से जूझने में माता पिता की क्या भूमिका हो सकती है ? साथ ही इसी तरह की और भी जानकारी सुनने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें। https://www.youtube.com/@mykahaani
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बलरामपुर बेकिंग न्यूज
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रायबरेली,14 फरवरी को मनाए जाने वाले बसंत पंचमी के अवसर पर आधुनिक रेल डिब्बा कारखाना रायबरेली के वर्कर क्लब में सरस्वती पूजन समिति के बैनर तले चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में कक्षा एक से कक्षा 9 तक के लगभग 300 बच्चों ने प्रतिभाग किया। बच्चों को तीन ग्रुपों में बांटा गया जिसमें कक्षा एक से तीन तक के बच्चों को "कार्टून कैरेक्टर" विषय पर, कक्षा 4 से 6 तक के बच्चों को "हमारा भारत" विषय पर तथा कक्षा 7 से 9 तक के बच्चों को "हमारा एमसीएफ" या "भारतीय रेल" विषय पर चित्रकला के माध्यम से अपना प्रदर्शन करना था। इस प्रतियोगिता में एमसीएफ कर्मियों के बच्चों ने अपने-अपने विषयों पर खूबसूरत चित्र बनाकर उसमें रंग भरे। प्रतियोगिता का परिणाम 14 फरवरी को बसंत पंचमी के दिन घोषित किया जाएगा जिसमें मेधावियों को चीफ गेस्ट द्वारा सम्मानित भी किया जाएगा। चित्रकला प्रतियोगिता के आयोजन में सरस्वती पूजन समिति के सभी सदस्य उपस्थित थे जिसमें आरेडिका के जनसंपर्क अधिकारी अनिल श्रीवास्तव, मनोज कुमार, आशीष श्रीवास्तव, बलबीर, तन्मय, नरेंद्र कुमार संतोष कुमार, पवन, विश्वेश्वर, राजेश कुमार, कैलाश गुप्ता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सरस्वती पूजा समिति की ओर से सभी बच्चों को प्रतियोगिता बाद चॉकलेट, चिप्स, बिस्कुट, पानी आदि दिया गया।
सत्य और ईमानदारी के राह पर चलना गुरु हमें सिखाते है, ..
15 केंद्रों पर 6,497 अभ्यर्थी देंगे समीक्षा अधिकारी की परीक्षा
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2016 में 14% छात्र औपचारिक शिक्षा से बाहर थे जो कि देश में 2023 में भयानक सुधार होने के बाद भी अब मात्र 13.2 फीसद बाहर हैं ... 2016 में 23.4 फीसद अपनी भाषा में कक्षा 2 का पाठ नहीं पढ़ पाते थे आज 2023 में अति भयानक सुधार के साथ ये आंकड़ा 26.4 प्रतिशत है ... देश के आज भी 50 फीसद छात्र गणित से जूझ रहे हैं ... मात्र 8 साल में गणित में हालात बद से बदतर हो गए ... 42.7% अंग्रेजी में वाक्य नहीं पढ़ सकते हैं... अगर आप सरकार से जवाब माँगिए , तो वे कहती है कि वो लगातार बैठकें कर रहे हैं लेकिन असर की रिपोर्ट बताती है कि ये बैठकें कितनी बेअसर हैं... तो विश्व गुरु बनने तक हमें बताइये कि *-----आपके गांव या जिला के स्कूलों की स्थिति क्या है ? *-----वहां पर आपके बच्चों को या अन्य बच्चों को किस तरह की शिक्षा मिल रही है ? *-----और आपके गाँव के स्कूलों में स्कुल के भवन , बच्चों की पढ़ाई और शिक्षक और शिक्षिका की स्थिति क्या है ?