इस कार्यक्रम में हम जलवायु परिवर्तन के कारण बदलते मौसम और असमान बारिश के पैटर्न से उत्पन्न हो रहे जल संकट पर चर्चा करेंगे। "मौसम की मार, पानी की तकरार" से लेकर "धरती प्यासी, आसमान बेपरवाह" जैसे गंभीर मुद्दों पर गहराई से विचार किया जाएगा। हम समझेंगे कि कैसे सूखा और बाढ़ दोनों ही हमारे जल संसाधनों को प्रभावित कर रहे हैं, और इन समस्याओं से निपटने के लिए सामूहिक और व्यक्तिगत स्तर पर क्या समाधान हो सकते हैं। हम आपसे जानना चाहते हैं – आपके इलाक़े में पानी की क्या स्थिति है? क्या आपने कोई जल संरक्षण के उपाय अपनाए हैं? या आप इस दिशा में कोई क़दम उठाने की सोच रहे हैं?

साथियों, आपके यहां पानी के प्रदूषण की जांच कैसे होती है? यानि क्या सरकार ने इसके लिए पंचायत या प्रखंड स्तर पर कोई व्यवस्था की है? अगर आपके क्षेत्र में पानी प्रदूषित है तो प्रशासन ने स्थानीय जनता के लिए क्या किया? जैसे पाइप लाइन बिछाना, पानी साफ करने के लिए दवाओं का वितरण या फिर पानी के टैंकर की सुविधा दी गई? अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो आप कैसे पीने के पानी की सफाई करते हैं? क्या पानी उबालकर पी रहे हैं या फिर उसे साफ करने का कोई और तरीका है? पानी प्रदूषित होने से आपको और परिवार को किस किस तरह की दिक्कतें आ रही हैं?

बिहार राज्य के सारण जिला से साक्षी कुमारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए लाखों रुपए विज्ञापन पर खर्च कर रहे हैं इतना ही नहीं स्वच्छता के प्रति करोड़ों रुपए खर्च कर रहे हैं लेकिन धरातल पर स्वच्छता के प्रति कितनी कार्य सही तरीके से होते हैं और उसका अम्ल कैसे होती है और कैसे पैसे की बर्बादी होती है इसका उदाहरण हरिहर क्षेत्र सोनपुर के ऐतिहासिक कालीघाट के पास नारायणी के तट पर वर्षो पूर्व करीब 28 लाख की लागत से बनाया गया मुक्तिधाम बिना उद्घाटन के अपनी बदहाली पर 10 वर्षो से बिलखप रहा है । इसमें विभाग का जो मोटी राशि लगी वह नारायणी नदी में बिना सोचे समझे फेंकने जैसा प्रमाणित हो रहा है । सच तो यह है कि नारायणी नदी व आस पास के स्थलों को प्रदूषित होने से बचने के लिए मुक्तिधाम बनाया गया है । कालीघाट पर आए लाश को जलाने में लकड़ियों की बेदहासा इस्तेमाल तथा इससे निकले धुएं एवं राख से बढ़ने वाला प्रदूषण से सुरक्षा के ख्याल से मुक्तिधाम का निर्माण किया गया है । सोनपुर का मुक्तिधाम जब से यह बना तब से अब तक कितने बार सांसद और विधायक बने लेकिन इन दोनों में किसी का ध्यान इस ओर नहीं गया न हीं नगर पंचायत को। परिणाम स्वरूप आज भी कालीघाट पर जो लाश आती है लकड़ी से ही जलाई जाती है जिससे प्रदूषण जैसे पहले फैलता था वैसे आज भी फैल रहा है।नारायणी नदी प्रदूषित हो रही हैं। जानकार सूत्रों के अनुसार ग्रामीण विकास विभाग और नगर पंचायत सोनपुर के रहनुमाओं की शिथिलता एवं लापरवाही के कारण सोनपुर कालीघाट पर बना मुक्तिधाम उद्घाटन के अभाव में कराह रहा है। इसके निर्माण के लिए दिए गए भूमि वाले भु दाता को भी मलाल है कि जनकल्याण के लिए जमीन तो दे दिए निर्माण पर मोटी राशि भी लगी लेकिन उद्घाटन आज तक नहीं हुआ । यह एक गंभीर लापरवाही है । सच तो यह है कि लोक सेवा आश्रम के व्यवस्थापक संत शिरोमणि विष्णु दास उदासीन उर्फ़ मौनी बाबा मुक्तिधाम के नाम पर करीब 6 कट्ठा जमीन मुफ्त में दिए हैं। जमीन दिए 10 वर्ष से अधिक हो गया लेकिन मुक्तिधाम अब तक के चालू नहीं हुआ इसका भी बाबा को मलाल है ।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

सोनपुर मेले और नगर क्षेत्र में पॉलिथीन व थर्मोकोल के उपयोग करने वाले दुकानदारों पर प्रशासन ने मंगलवार को छापामारी शुरू की जिससे दुकानदारों में हड़कंप मच गया । बता दे की बिहार सरकार ने पॉलिथीन एवं थर्मोकोल से होने वाले नुकसान को लेकर खरीद- बिक्री पर पाबंदी लगा दी है लेकिन फिर भी पॉलिथीन एवं थर्मोकोल की खरीद बिक्री हो रही है । जहां बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण विभाग पटना दिग्विजय सिंह सहायक वैज्ञानिक पदाधिकारी, प्रयोगशाला सहायक अधिकांश गुप्ता ,ठोस अवशिष्ट पदाधिकारी खुशी राज ने पटना से सोनपुर पहुंचकर नगर पंचायत कार्यपालक पदाधिकारी रंजीत कुमार के नेतृत्व में छापामारी कर सोनपुर मेले में सड़क मार्ग के किनारे समोसा, लिट्टी, चाऊमीन, छोला,जलेबी दुकान सहित अन्य सामग्री के बिक्री करने वाले वैसे दुकानदारों के यहां छापामारी कर पॉलिथीन एवं थर्मोकोल को बरामद करते हुए दुकानदारों पर ₹100 से लेकर ₹500 तक के जुर्माना लगाया है । नगर कार्यपालक पदाधिकारी रंजीत कुमार ने बताया कि इस छापामारी में 300 पीस थर्मोकोल,8 किलो पोलोथिन जबकि जुर्माना लगभग 4 हजार रुपये की बसूली किया गया ।। सोनपुर मेले या नगर क्षेत्र में कोई भी दुकानदार अगर पॉलिथीन या थर्मोकोल का उपयोग करते पकड़े जाएंगे तो उस पर जुर्माना लगाया जायेगा है। थर्मोकोल और पॉलिथीन की छापामारी की भनक अन्य दुकानदारों के लगते हैं दुकानदारों में हड़कंप मच गया । दुकानदार अपने-अपने थर्मोकोल व पॉलिथीन के छुपाने में लगे रहे ।इस छापामारी में नगर जेई मनोरंजन कुमार ,पंकज कुमार सिविलइंजीनियरिंग ,प्रधान सहायक नितेश कुमार, राहुल राज एवं स्थानीय पुलिस बल मौजूद रहे।ज़्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें।

दीपावली मानते समय ध्यान दे की धवनी प्रदूषा ना हो खुशियां मनाएं

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दीपावली दियों से या धमाकों से? अबकि दीवाली पर हमें यह सोचना ही होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि हमारे शहरों की हवा हमारे इस उत्साह को शायद और नहीं झेल पा रही है। हवा इतनी खराब है कि सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। भारत की राजधानी दिल्ली इस मामले में कुछ ज्यादा बदनाम है। दुनिया के सबसे अधिक प्रदूषित जगहों में शामिल दिल्ली में प्रदूषण इतना अधिक है कि लोगों का रहना भी यहां दूभर हो रहा है।

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प्रखंड कार्यालय परिसर सोनपुर में अस्थाई वन विभाग द्वारा पौधा बिक्री काउंटर खोला गया । जिसका विधिवत शुभारंभ सोनपुर बीडीओ डॉक्टर सुदर्शन कुमार ने किया । इस मौके पर वन विभाग के रेंज ऑफिसर सुषमा कुमारी एवं वन रक्षी विशाल कुमार सिंह,अमित कुमार, लाली राय सहित अन्य वन विभाग के कर्मी मौजूद रहे । विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

बिहार के सारण ज़िले के सोनपुर प्रखंड से रीना कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से एक दीदी पर्यावरण संरक्षण के लिए कुछ उपाय बताई है। उनका कहना है की सर्वे से बताया जा रहा है की धरती से पानी ख़तम हो जायेगा, इसलिए पानी संरक्षण के लिए सभी को ज़रूरत आने पर ही नल चालू करना चाहिए वरना नल को बंद करके रखना चाहिए ताकि पानी बर्बाद ना हो। इसके साथ वो सलाह दी है की प्रदूषण काम करने के लिए हमे ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाना चाहिए और कम से कम वाहन का इस्तेमाल करना चाहिए।