सारण जिले से अजय कुमार की रिपोर्ट। खबरें स्वास्थ्य विभाग से।।।राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर जिले भर में चला जागरूकता अभियान, मच्छर जनित रोगों से बचाव के लिए सामूहिक प्रयास का संकल्प छपरा। राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर जिले में मच्छर जनित रोगों, विशेषकर डेंगू के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों एवं जिला मलेरिया कार्यालय में व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आम जनता को डेंगू के लक्षण, बचाव तथा उपचार के बारे में सूचित कर उन्हें सतर्क एवं सजग बनाना था। इस वर्ष डेंगू दिवस की थीम “देखें, साफ करें, ढकें: डेंगू हराने के उपाय करें” रखी गई, जिसके माध्यम से लोगों को यह संदेश दिया गया कि डेंगू जैसी गंभीर बीमारी से लड़ाई केवल स्वास्थ्यकर्मियों की नहीं, बल्कि पूरे समाज की है। डेंगू से बचाव की जानकारी दी गई जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने इस अवसर पर कहा कि डेंगू एक गंभीर मच्छर जनित वायरल बीमारी है, जो एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से होती है। यह मच्छर दिन में काटता है और साफ जमा पानी में पनपता है। उन्होंने बताया कि डेंगू के प्रमुख लक्षणों में तेज बुखार, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, त्वचा पर चकत्ते एवं कमजोरी शामिल हैं। इस मौके पर जिला वेक्टर रोग सलाहकार सुधीर कुमार, वीडीसीओ पंकज तिवारी, वीडीसीओ सतीश कुमार, वीबीडीएस मारूति करूणाकर, सोनम कुमारी, मीनाक्षी कुमारी, राकेश कुमार, विनोद कुमार समेत अन्य मौजूद थे। बचाव के लिए दिए गए यह सुझाव डीएमओ डॉ. दिलीप सिंह ने कहा कि डेंगू से बचने का सबसे प्रभावी तरीका है मच्छरों की संख्या पर नियंत्रण और उनके प्रजनन स्थलों को नष्ट करना। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे: • अपने घरों और आसपास की साफ-सफाई सुनिश्चित करें। • पानी जमा न होने दें, विशेषकर कूलर, फूलदान, पुराने टायर, बाल्टी आदि में। • पानी के सभी बर्तनों को ढककर रखें। • पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें। • मच्छरदानी एवं रिपेलेंट का उपयोग करें। स्वास्थ्यकर्मियों को दिलाया गया संकल्प कार्यक्रम के समापन के अवसर पर सभी स्वास्थ्यकर्मियों, सीएचओ, आशा कार्यकर्ताओं और अन्य स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों को अपने-अपने कार्यक्षेत्र में जाकर डेंगू के प्रति लोगों को जागरूक करने तथा साफ-सफाई के प्रति सतर्कता फैलाने का संकल्प दिलाया गया। यह भी तय किया गया कि वे लोगों को डेंगू से जुड़े मिथकों से अवगत कराकर वास्तविक जानकारियों से अवगत कराएंगे। सामूहिक भागीदारी की आवश्यकता डॉ. सिंह ने जोर देकर कहा कि डेंगू जैसी बीमारी को केवल सतर्कता और सामुदायिक भागीदारी से ही रोका जा सकता है। उन्होंने स्वास्थ्यकर्मियों को अपने क्षेत्र में सक्रियता से काम करने के लिए प्रेरित किया और कहा कि समाज के सभी वर्गों को इस अभियान में जोड़ना अत्यंत आवश्यक है।

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बिहार राज्य के सरन जिले के अजय कुमार ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया की पच्चीस अप्रैल को मलेरिया दिवस के अवसर पर जाँच शिविर का आयोजन किया गया

हम सभी रोज़ाना स्वास्थ्य और बीमारियों से जुड़ी कई अफवाहें या गलत धारणाएं सुनते है। कई बार उन गलत बातों पर यकीन कर अपना भी लेते हैं। लेकिन अब हम जानेंगे उनकी हकीकत के बारे में, वो भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद से, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में। याद रखिए, हमारा उद्देश्य किसी बीमारी का इलाज करना नहीं, बल्कि लोगों को उत्तम स्वास्थ्य के लिए जागरूक करना है।सेहत और बीमारी को लेकर अगर आपने भी कोई गलत बात या अफवाह सुनी है, तो फ़ोन में नंबर 3 दबाकर हमें ज़रूर बताएं। हम अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञों से जानेंगे उन गलत बातों की वास्तविकता, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में।

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नदियों का जल स्तर घटने के बाद जगह-जगह गड्ढों में जल जमाव के कारण डेंगुं और मलेरिया फैलने की संभावना क देखते हुए साफ़-सफाई की माँग की गई। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

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