रूपबास तहसील से बबीता को सुरक्षा वाणी मंच से जुड़ के अच्छे लगा
पिंकी, सुरक्षा पैनल से जुडी हुई है और उन्होंने मीटिंग में भाग ली और उनको बोहोत अच्छा लगा
अलवर की सुरक्षा सखि थाना और गाओं के अधिकारी से बाल विवाह को लेकर बातचीत किये है | बाल विवाह को लेकर गांव के लोगों को और भी ज़्यादा जागृत करने की बात हुई है, और पुलिस से अनुरोध किये है ताकि वह पेट्रोलिंग बढ़ाये |
भरतपुर जिले के दांतलौठी गांव की सुरक्षा सखी मीना कुमारी का कहना है की उन्होंने कई ऐसे घर देखे है जिनमे आये दिन घरेलु हिंसा होती है जिससे बच्चो पर बुरा असर पड़ता है , तो ऐसे परिवारों को मीना ने समझाया है की इससे बच्चों पर क्या असर पड़ता है, बच्चे पढ़ नहीं पाते, बच्चों का दिमाग पढ़ाई में नहीं लगता है, अब वह समझ गए है, बच्चों की पढ़ाई अच्छी चल रही है, मेरी भी बच्ची का स्कूल का एडमिशन हो गया है. अब समुदाय का माहौल अच्छा है.
मीना कुमारी के पति गोविंद सिंह ग्राम दांतलौठी तहसील डीग जिला भरतपुर से का कहना है की उन्होंने कई बच्चो का स्कूल में एडमिशन कराया है तथा अभिभावकों को प्रेरित किया है, आजकल हमारे समुदाय में कोई बच्चा ऐसा नहीं है जो स्कूल नहीं जा रहा हो या फिर छोटा बच्चा जो आंगनवाड़ी नहीं जा रहा हो.
भरतपुर जिले के वैर थाने से अंजू का कहना है की उन्होंने अपने समुदाय में बच्चो को लॉक डाउन के समय में अपने घर पर ट्यूशन पढ़ाया है, अभिभावकों को समझाकर बच्चो को बाल विवाह और बाल मजदूरी जैसे खतरों से बचाया है, इसके साथ ही घरेलु हिंसा से महिलाओं को सुरक्षित किया है महिलाओं का ग्रुप बनाकर, और उन्हें नरेगा, स्वयं सहायता समूह से जोड़ा है.
भरतपुर जिले के वैर थाने से अंजू का कहना है की उन्होंने अपने समुदाय में बच्चो को स्कूल में दाखिला करवाया है जो बच्चे स्कूल से ड्राप आउट थे, और ईंट भट्टो तथा अन्य जगहों पर बाल मजदूरी करने वाले बच्चो को बाल मजदूरी से बचाया है और उनके आधार कार्ड (आई डी) बनवाने में मदद की है.
पारो बानो जी का कहना है की सुरक्षा सखी के रूप में जो जानकारी उन्हें मिली है उसके द्वारा उन्होंने बच्चो का स्कूल में दाखिला कराया है.
नौबतपुर से, सेफ्टी पैनल की महिला, अपनी मोहल्ले की किसी 14 साल की लड़की को काम करते जाते देख पूछा पढाई क्यों नहीं कर रही है वह, बच्ची ने बताया कि उसकी पिता गुज़र गए, घर पर खाने का इंतज़ाम करना पढाई से ज़्यादा ज़रूरी है, इसलिए उसको काम करना है | महिला ने उसको पुछा बड़े हो कर क्या बनना चाहती है वह, तोह बच्ची ने कहा उसको पुलिस बनना है | महिला ने समझाया कि पुलिस बनने के लिए पढाई करनी पढ़ती है, बच्ची की माता को भी वही कहा | बच्ची की माँ मान गई पर एक ही बात बार बार पूछ रही थी की, अगर पढाई करेगी तोह खायेगी क्या? महिला को इसके बारे में मदद चाहिए
दुर्गा वैष्णव, कोटा राजस्थान के कुनड़ी थाने की सुरक्षा सखी का कहना है की मैं हॉस्टल में वार्डन भी हूं तो मैं हर लड़की को भी मोटिवेट करती रहती हूं हर लड़की के पास मेरा नंबर है अगर उनको कोई भी प्रॉब्लम हो तो कृपया मेरे नंबर है आप मुझे किसी भी वक्त कॉल कर सकती हैं और मैं उन लड़कियों को जो डिप्रेशन में आ जाती है तो हम उनको मोटिवेट करती हूं जो गरीब बच्चे होते हैं कोई दुकान पर काम करते हैं तो मैं यह चाहती हूं कि मेरी दो चार सुरक्षा सखी को लेकर उन बच्चों से मिलूं और उनके पेरेंट्स से बात करना चाहती हूं ताकि मैं उनके पेरेंट्स को बता सकूं कि आप इनका थोड़ा सा टाइम कम कीजिए और इन बच्चों को पढ़ने दीजिये और इन को आगे बढ़ने दीजिये, मैं सुरक्षा सखी से जुड़ी हो मुझे मौका मिला कि मैं अपने देश की हर बेटियों सुरक्षित कर सकूं और जो पुलिस और हमारा जो सेतु बना हुआ है मैं इस पर खरा उतर सकूं।