रातीम बनो, यह बोल रहे है की स्कूल जाते वक़्त लड़कियों को काफी परेशानियां होती है, इन चीज़ों के बारे में वह बात करना चाहते है हम से

अजीत कौर, सुरक्षा सखि, यह बोल रहे है की लड़कियां स्कूल में अच्छा रिजल्ट कर रहे है पर फिर भी समाज के वजह से आगे नहीं बढ़ पा रहे है | वह यह कह रहे है की, समाज में लोग लड़कियों को भिन्ना काम करने से रोक रहे है, बातें बोल रहे है इसलिए काबिलियत रहने पर भी लड़कियां आगे नहीं बढ़ पा रहे है | वह चाहते है की हम मिलकर लड़कियों के लिए यह समाज को लड़कियों के लिए सुरक्षित बनाये |

महिला यह कह रहे है की, आजकल औरतें भिन्ना फील्ड में बोहोत तरक्की कर रहे है अपने दम और काबिलियत पर | पर जो घर के बुज़ुर्ग पुरुष होते है वह टोकती है, उत्साह नहीं देते हैं, गलत बातें बोलते है, और रोकथाम लगते है | यह सारी चीज़ों के वजह से औरतें सही मायने में आगे नहीं बढ़ पाते | स्कूल में अच्छा रिजल्ट, स्पोर्ट्स में अच्छा करने पढ़ भी लड़कियां अपने हिसाब से कोई फील्ड नहीं चुनन पाती है | लोगों के बातें बार बार सुनने पर औरतों को संकोच होती है, जिस वजह से वह अपने हिसाब से अपने रास्ता नहीं चुनन पाते है |

सुरक्षा वाणी का यह नंबर मैंने अपने गांव में सभी महिलाओं और लड़कियों को शेयर कर दिया है, इसे पाकर वह बहुत खुश है, इस मंच की आवाज को सुनती भी है और समझती भी हु है.

अलवर जिले के सदर थाना के शालीमार से सुरक्षा सखी निशा जी का कहना है की उनके एरिया में कुछ लडके कुछ दिनों से महिला और और उसकी बेटी के साथ बत्तमीजी कर रहे थे, वह पहले से ही उस पर नजर बनाये हुए थे, महिला के पति नहीं है और आज तो उन लडको ने उस लड़की का हाथ पकड़ा और फ्लैट में जाकर महिला और उसके साथ में बत्तमीजी किया, तो मैंने तुरंत सदर थाना में पुलिस को सूचित किया और पुलिस आयी और उन लडको को पकड़कर ले गयी है, अब यह महिला और बच्ची सुरक्षित है. मुझे बहुत संतुष्टि मिली है.

दिनेश बोल रहे है की उनको बच्चों और औरतों की सुरक्षा के बारे में जानकारी चाइये

स्नेहलता कवर का कहना है की उनके पड़ोस में गिरिराज नाम का एक व्यक्ति रहता है, रोज झगड़ा करता है और परेशान करता है, गिरिराज और उसकी पत्नी दोनों मारने की धमकी देते है और कहते है की तुम्हारी एक पैर टूटी है दूसरी भी तोड़ देंगे।

नदबई पंचायत समिति के बछामदी से पूनम का कहना है की सुरक्षा सखी से जुड़कर बहुत ही अच्छा लग रहा है और इन मुद्दों पर काम करना चाहती है, इनमे उनकी रूचि है. उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है इससे जुड़कर

सुरक्षा सखि जब ट्रेनिंग करवाने के लिए लष्मणगढ़ गई थी, वह से उनको खबर मिला की किसु औरत पर घरेलू हिंसा हो रही है | विक्टिम के पति रोज़ दारू पी कर घर वापस आती है और बीवी के मरते है, साथ ही साथ बच्चों को इन हालातों से नुक्सान पहुँच रही है | सुरक्षा सखि ने पहले बच्चे से बाटी करि, फिर मोहल्ले वालों से | फिर मोहल्ले वालों की मदद ले कर सुरक्षा सखि ने विक्टिम के पति के साथ बात करी | बोहोत समझने के बात, हालातों पे बदलाव आया है और अब वह परिवार बेहतर है |

महिला को घर से बहार निकाल दिया गया है, वह अपने छोटी सी बच्चे के साथ अकेले रोड पर रह रही है | उनके पास किराये देने की पैसे नहीं है, वह मदद चाहते है |