सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

मनरेगा में भ्रष्टाचार किसी से छुपा हुआ नहीं है, जिसका खामियाजा सबसे ज्यादा दलित आदिवासी समुदाय के सरपंचों और प्रधानों को उठाना पड़ता है, क्योंकि पहले तो उन्हें गांव के दबंगो और ऊंची जाती के लोगों से लड़ना पड़ता है, किसी तरह उनसे पार पा भी जाएं तो फिर उन्हें प्रशासनिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस मसले पर आप क्या सोचते हैं? क्या मनरेगा नागरिकों की इच्छाओं को पूरा करने में सक्षम हो पाएगी?

बनो नई सोच ,बुनो हिंसा मुक्त रिश्ते की आज की कड़ी में हम सुनेंगे महिलाओं के साथ होने वाले दुर्व्यवहार और हिंसा के बारे में।

यह कहानी एक लड़की की साहस और संघर्ष की है, जिसने अत्याचार को मात दिया और नये जीवन की धारा चलाई। मायके का साथ बना उसका सहारा, बेटे को बड़ा किया सच्चाई की पुकार से। उमा ने सिखाया, हिंसा से ना डरो, आगे बढ़ो, सपनों को हकीकत में बदलो। आपको लगता है कि उमा ने अपने जीवन में सही निर्णय लिया था, जब वह अपने परिवार के खिलाफ खड़ी हुई थी? उमा की कहानी आपको कैसे प्रेरित करती है और आपके विचारों में समाज में इस तरह की स्थितियों पर सहायता और बदलाव कैसे लाया जा सकता है?

पोठिया के ग्राम पंचायत मिर्जापुर स्थित पाका मौलाना गांव में जीविका दीदीयों द्वारा आयोजित की गई साप्ताहिक बैठक ,जिसमे कई सामाजिक मुद्दों पर विस्तार से बातचीत हुई , B.K मोनिका कुमारी द्वारा बताया गया है कि उक्त बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से बातचीत हुई जैसे बाल विवाह समाप्त करना आसपास सफाई कर रखना शराबबंदी कानून का पालन करना आदि विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर बातचीत हुई और मोनिका जीविका दीदी द्वारा बताया गया कि उक्त बैठक में कई दर्जन महिलाएं ने भी भाग लिया।

किशनगंज जिले में समाज सुधार अभियान अंतर्गत दहेज प्रथा, बाल विवाह एवं लैंगिक संवेदीकरण विषयों पर जागरूकता का क्रम जारी है। जिला प्रशासन और आइसीडीएस के सौजन्य से प्रखंड मुख्यालय में कला जत्था के कलाकारों द्वारा समाज में व्याप्त कुप्रथा दहेज प्रथा, बाल विवाह और भ्रूण हत्या आदि विषयों पर नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया जा रहा है। इसमें ग्रामीण और महिलाएं बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं।

बिहार राज्य के किशनगंज जिला से सामुदायिक संवाददाता धीरज सिन्हा मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि किशनगंज जिला के ठाकुरगंज प्रखंड के अंतर्गत कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय छत्तरगाछ में राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर विद्यालय के वाडेन नाजमीन नूरी की अगुवाई में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बीईओ कुमकुम मल्लिक व महिला चिकित्सक ने आयोजित कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। विद्यालय के छात्राओं ने कार्यक्रम में नाटक प्रस्तुत किया। बच्चों द्वारा किए गए नाटक ने लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया। दहेज प्रथा, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, नशा मुक्ति पर बालिकाओं ने नाटक के माध्यम से लोगों तक सही संदेश पहुंचाया।

बिहार राज्य के किशनगंज सामुदायिक संवाददाता सुधा आचार्या मोबिए वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि किशनगंज जिला में महिला लीडरों की बैठक में महिलाओं और उपस्थित लोगों ने बाल विवाह मुक्त किशनगंज बनाने का संकल्प लिया।बाल विवाह के खिलाफ जनजागरूकता अभियान चलाकर लोगों को इस मुद्दे के प्रति जागरूक किया जा रहा हैं।बाल विवाह अपराध की श्रेणी में आता है, इससे बच्चों के शारीरिक और मानसिक उत्थान में बाधा आती है। हम सभी को एकजुट होकर इस सामाजिक बुराई के खिलाफ लड़ना है। स्थानीय लोगों से अपील किया की बाल विवाह तथा दहेज प्रथा जैसे कुप्रथा को समझें और प्रशासन का मदद करें।

दिघलबैंक प्रखंड अंतर्गत तुलसिया सहित सभी विद्यालयों में सुरक्षित शनिवार के तहत बाल विवाह बाल शोषण एवं छेड़छाड़ के संदर्भ में बच्चों को दी गई जानकारी आपको बता दें मुख्यमंत्री सुरक्षा कार्यक्रम के तहत सभी विद्यालयों में नाटक के माध्यम से लोगों को जागरूक करते हुए बताया गया कि बाल विवाह बाल शोषण छेड़छाड़ ऐसी अपराध के खिलाफ लोगों को एवं बच्चों को किया जागरूक इस आयोजन में सभी शिक्षक गण रहे मौजूद