बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जिले से नेहा कुमारी मेरी पंचायत मेरी शक्ति के माध्यम से यह कहती हैं कि अगर लड़की किसी लड़के के साथ बातचीत करते हुए दिखती है, तो समाज के लोग उसे गलत समझ लेते हैं। साथ ही अगर लड़की बाहर निकलती है, तो लड़के गलत गलत बातें बोलने लगते हैं। इसलिए हमें कभी भी लड़कियों को गलत नहीं समझना चाहिए। बल्कि हमें लड़कियों को शिक्षा हो या व्यवसाय पर सहयोग करनी चाहिए

बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जिला से मोबाइल वाणी के माध्यम से वंदना शर्मा बोल रही हैं की नीलिमा की कहानी के माध्यम से मुख्या जी के पास समुदाय से यौन करने की जो चर्चा है वो अच्छा है प्रस्तुति सुनने के बाद लग रहा है की समुदाय में सुनाने की जरुरत है क्यूंकि समाज में जो सोच और मानसिकता है की सीधे इसे काम को कह देना और स्वीकार करना एक चुनौती है उनको किस तरह से उनकी स्वेच्छा के साथ साथ उनको किस तरह मजबूरन इस काम में धकेला जाता है इस्पे भी जोरो से चर्चा करने की जरुरत है ये तो लोग मानेंगे की काम है तो इसे भी काम के लिए मानने की आवशयकता है क्यूंकि यौनिक काम को बहुत इज्जत पवित्रता और उचाई से जोड़कर समाज में इसे जटिल बना दिया गया है और इसके सम्बन्ध में सामान्य रूप से कहना की ये एक काम है और समाज में लोगों को अभी समझने में समय लगेगा लेकिन हमे अपने मुख्या और सरपंच के साथ चर्चा करने की जरुरत है

बिहार राज्य से अंजलि कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बोल रही हैं की दिव्यांग लोग को हमेशा आगे बढ़ने के लिए हिम्मत और हौसला देना चाहियें उन्हें कभी दिव्यांगता का अनुभव नहीं होने देना चाहियें जैसे की हम एक वयक्ति हैं उसी तरह वो भी एक वैयक्ति हैं जिस तरह हम पढ़ाई करते हैं उसी तरह दिव्यांग भी पढ़ाई कर सकते हैं जिस तरह हमे खुल कर जीने का अधिकार है मनचाहा खाना खाना कपडा पहनना पढ़ाई करना और नौकरी करना उसी तरह दिव्यांग भी कर सकते हैं अगर हम सोचते हैं की दिव्यांग कोई काम नहीं कर सकते हैं तो ये गलत है जैसे की हम सामान्य होकर भी कोई नौकरी नहीं करते हैं और दिव्यांग होकर भी वो नौकरी करते हैं तो लोग हमारी तारीफ ना करके उनकी तारीफ करते हैं तो ऐसे में सामान्य लोग अपने आप को कमजोर और बदनसीब समझते हैं।

बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जिला के मंतुकुदुरिया पंचायत से पूनम कुमारी मेरी पंचायत मेरी शक्ति के माध्यम से यह कहती हैं कि वह जीविका के समुह में जाकर अच्छी अच्छी जानकारियाँ लेती है। उसके बाद वह लड़कियों और महिलाओं के समुदाय में सभी को जानकारी देती हैं। उन्होंने बताया कि अपने समुदाय में बाल विवाह पर रोक लगाने के लिए जानकारी देती हैं। लेकिन कुछ ऐसी महिलाएँ होती है, जो जानकारियों पूर्ण रूप से समझ नहीं पाती हैं। इसके लिए वह महिलाओं को जो नहीं समझ पाए उसे अच्छे से समझाकर जानकारी देती हैं।

बिहार राज्य के जिला मुज़फ़्फ़रपुर के जीएन खुर्द पंचायत से नेहा कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि मेरी पंचायत मेरी शक्ति से जुडी है और आंकाक्षा सेवा सदन से जुडी हुई है। इनका कहना है कि लॉकडाउन की वजह से लड़किया पढ़ नहीं पा रही है। बच्चे स्कुल नहीं जा पा रहे टूशन एंड कोचिंग सारे बंद हो गए थे इतना ही नहीं कुछ जरुरी सामान भी चौक पर से नहीं ला पा रही है। पैसे की भी दिक्कते चल रही है क्योंकि लॉकडाउन लगने से कई लोगो की नौकरिया चली गयी है काम बंद हो गया है।

बिहार राज्य से प्रियंका ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि नीलिमा की कहानी सुनने से उन्हें काफी प्रेरणा मिलती है। इस कहानी से उन्हें सीख मिली की लड़कियों को भी पढ़ने का अधिकार मिलना चाहिए और लड़का - लड़की में भेदभाव नहीं करना चाहिए

बिहार राज्य के वैशाली जिला से जाया ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि नीलिमा की कहानी सुनने से महिलाएं किशोरियां जागरूक हो रही हैं। यह महिलाओं के लिए बहुत अच्छा मंच है। साथ ही इस कार्यक्रम में कोरोना से बचाव की जानकारी भी दी जाती है

बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जिले से निर्मला जीविका मोबाइल वाणी के माध्यम से यह कहती हैं कि उन्हें नीलिमा की कहानी बहुत ही अच्छी लगती है और इस कार्यक्रम में लड़कियों को शिक्षित करने के लिए प्रेरित किया जा रहा यह बहुत ही अच्छा कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि वह अपने आस पास की लड़कियों को कार्यक्रम के माध्यम से शिक्षा के बारे में जानकारी और प्रेरित कर रही है।

बिहार राज्य से सौरभ कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे यही कि ये चाइल्ड लाइन संस्था में सदस्य के रूप में काम करते है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा संचालित कार्यक्रम है। इसके तहत खोए हुए बच्चों का संरक्षण करते है जैसे बाल विवहा ,बाल मजदूरी , बाल शोषण और यौनाचार होता है उनका संरक्षण करते है।

बिहार राज्य से अनीता कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बोल रही हैं की ये पढ़ना चाहती हैं लेकिन इनके माता-पिता इन्हें पढ़ने नहीं देना चाहते हैं बोलते हैं की पढ़ाई को छोड़ दो आगे नहीं करना है