बिहार राज्य के सोहनकरपुर पंचायत से सुष्मिता देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से बोल रही हैं की इनके गाओ में लड़का-लड़की में भेदभाव नहीं होता है और ना ही दीदी लोग करना चाहती हैं अपने बेटा या बेटी को स्कूल और कोचिंग में पढ़ने के लिए भेजती हैं ये सब सुनकर अच्छा लगता है

बिहार राज्य के शुभंकर पंचायत से मोबाइल वाणी के माध्यम से सुषमा देवी बता रही हैं की कहानी सुनकर अच्छा लगा और मीटिंग में जब भी जाते हैं कुछ नया सीखने को और आगे बढ़ने को मिलता है।

बिहार राज्य से मोबाइल वाणी के माध्यम से ये बोल रही हैं की कहानी से हमे ये सिख मिलती है की महिला , पुरुष के साथ ट्रांसजेंडर का भी सम्मान करना चाहियें यदि कोई भी जेंडर किसी दूसरे जेंडर को पसंद करता है तो हमे उनके साथ बुरा वयवहार नहीं करना चाहियें।

बिहार राज्य से अंजलि कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं की मेरी पंचायत मेरी शक्ति कार्यक्रम से पांच साल से जुडी हुई हैं और बोल रही हैं की दिव्यांग लोग को कभी भी अकेलापन महसूस नहीं होने देना चाहियें और वो जो करना चाहते हैं हमें उन्हें पूरा सहयोग करना चाहियें और जो भी उनमे कमी है उसे पूरा करना चाहियें और दिव्यांग को भी हक़ और हिम्मत के साथ जीने का अधिकार होना चाहियें

बिहार राज्य से काजल कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से कविता के द्वारा उन माता-पिता को कहना चाहती हैं की जो लड़कियों पर हिंसा करते हैं यदि लडकियां ही ना रही तो तुम कहाँ से आओगे, माँ की दुलार ,पिता के सर का ताज कहाँ से लाओगे

बिहार राज्य से वीरांगनी कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बोल रही हैं की किसी भी दिव्यांग पर ताना नहीं मारना चाहियें बल्कि उन्हें हौसला देना चाहियें जिससे की वो आगे बढ़ सके और एक दिव्यांग आगे बढ़ेगा तो दूसरे को देख कर उसे भी हौसला मिलेगा और जिस तरह से सभी को अधिकार होता है उसी तरह दिव्यांग को हरेक चीज का अधिकार होना और मिलना चाहियें

बिहार राज्य से अंजलि कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बोल रही हैं की दिव्यांग लोग को हमेशा आगे बढ़ने के लिए हिम्मत और हौसला देना चाहियें उन्हें कभी दिव्यांगता का अनुभव नहीं होने देना चाहियें जैसे की हम एक वयक्ति हैं उसी तरह वो भी एक वैयक्ति हैं जिस तरह हम पढ़ाई करते हैं उसी तरह दिव्यांग भी पढ़ाई कर सकते हैं जिस तरह हमे खुल कर जीने का अधिकार है मनचाहा खाना खाना कपडा पहनना पढ़ाई करना और नौकरी करना उसी तरह दिव्यांग भी कर सकते हैं अगर हम सोचते हैं की दिव्यांग कोई काम नहीं कर सकते हैं तो ये गलत है जैसे की हम सामान्य होकर भी कोई नौकरी नहीं करते हैं और दिव्यांग होकर भी वो नौकरी करते हैं तो लोग हमारी तारीफ ना करके उनकी तारीफ करते हैं तो ऐसे में सामान्य लोग अपने आप को कमजोर और बदनसीब समझते हैं।

बिहार राज्य के मकदूम कोदरिया पंचायत से मोबाइल वाणी के माध्यम से आँचल कुमारी बता रही हैं की ये मीटिंग में जाती हैं जहां बहुत तरह की जानकारी और सिख मिलती है लड़की क्या नहीं कर सकती है लड़की सब कुछ कर सकती है

बिहार राज्य के मकदूम कोदरिया पंचायत से मोबाइल वाणी के माध्यम से ख़ुशी कुमारी बोल रही हैं की नीलिमा दीदी की कहानी सुनने में बहुत अच्छी लगती है और इससे बहुत सिख मिली है और बदलाव भी हुआ है।

बिहार राज्य से मोबाइल वाणी के माध्यम से नेहा कहती हैं की लड़का-लड़की में भेदभाव ज्यादातर महिलाएं ही करती हैं की लड़कियों को ये नहीं करना चाहियें वो नहीं करना चाहियें और और लड़के सब कर सकते हैं।