बिहार राज्य से वीरांगनी कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बोल रही हैं की किसी भी दिव्यांग पर ताना नहीं मारना चाहियें बल्कि उन्हें हौसला देना चाहियें जिससे की वो आगे बढ़ सके और एक दिव्यांग आगे बढ़ेगा तो दूसरे को देख कर उसे भी हौसला मिलेगा और जिस तरह से सभी को अधिकार होता है उसी तरह दिव्यांग को हरेक चीज का अधिकार होना और मिलना चाहियें

बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जिले से साक्षी कुमारी मेरी पंचायत मेरी शक्ति के माध्यम से यह कहती हैं कि उन्हें नीलिमा की कहानी बहुत ही अच्छी लगती है। उन्होंने कहा कि आजकल जिस तरह से समाज में विकलांग लड़की हो या लड़का पुरुष हो या महिला सहायता करने के लिए कोई भी आगे नहीं होता। लेकिन इस कार्यक्रम में विकलांग लड़की की सहायता की जा रही है। वह बहुत ही अच्छा लगता है

बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जिला के मकदूम कोदरिया से अंजलि कुमारी मेरी पंचायत मेरी शक्ति के माध्यम से यह कहती हैं कि उन्हें नीलिमा की कहानी बहुत ही अच्छी लगती है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जाए। जिससे लोगों में इस कार्यक्रम के माध्यम से अच्छी अच्छी सीख मिल सके और लोगों में जागरूकता हो सके

बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जिले से दुर्गा कुमारी मेरी पंचायत मेरी शक्ति के माध्यम से यह कहती हैं कि घर परिवार में यह देखा गया है कि लड़के को लड़की की तुलना में ज्यादा महत्व दिया जाता है। परिवार के सदस्य यह कहते हैं कि जो लड़के कर सकते हैं वह लड़की नहीं कर सकती। यहाँ पर यह भी देखा गया है कि समाज में भी लड़कियों से ज्यादा लड़कों को महत्व दिया जाता है। जबकि लड़की ही अपने और अपने परिवार का नाम रौशन कर रहीं हैं। इसलिए लड़के और लड़कियों में भेद भाव नहीं करनी चाहिए। हमें हर समय लड़कियों का सम्मान करनी चाहिए

बिहार राज्य के मुज़फ़्फ़रपु जिले के मरवण पंचायत से रीता कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से यह कहती हैं कि विकलांग लड़के हो या लड़की हमें इन्हे हर चीजों में हौसला देनी चाहिए। जिससे यह कुछ भी कर सके। हमें कभी भी इनके साथ दुर्व्यवहार नहीं करनी चाहिए। बहुत से लोग विकलांग को दोस्त बनानां नहीं चाहते है

बिहार राज्य से इंदु देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से बोल रही हैं की नीलिमा की कहानी सुनकर अच्छा लगता है और मन पसंद कहानी सुनाती हैं

बिहार राज्य के वैशाली जिला से मोबाइल वाणी के माध्यम से ये बता रही हैं की दिव्यांग लोग को अपना घर परिवार चलाने के लिए बहुत परिश्रम करना पड़ता है और उनके घर में खाने-पिने का भी समस्या होता है

उत्तर प्रदेश राज्य के बरेली जिला से मोबाइल वाणी के माध्यम से ये बोल रही हैं की नीलिमा की कहानी बहुत अच्छी लगी की किस तरह से हमारे समाज में लड़का, लड़की या किसी अन्य जेंडर के साथ भेदभाव होता है जो की नहीं होना चाहियें सभी को अपना सुरक्षित तरह से जीवन जीने का अधिकार है ये नीलिमा की कहानी से सिख मिलती है।

बिहार राज्य से अंजलि कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बोल रही हैं की दिव्यांग लोग को हमेशा आगे बढ़ने के लिए हिम्मत और हौसला देना चाहियें उन्हें कभी दिव्यांगता का अनुभव नहीं होने देना चाहियें जैसे की हम एक वयक्ति हैं उसी तरह वो भी एक वैयक्ति हैं जिस तरह हम पढ़ाई करते हैं उसी तरह दिव्यांग भी पढ़ाई कर सकते हैं जिस तरह हमे खुल कर जीने का अधिकार है मनचाहा खाना खाना कपडा पहनना पढ़ाई करना और नौकरी करना उसी तरह दिव्यांग भी कर सकते हैं अगर हम सोचते हैं की दिव्यांग कोई काम नहीं कर सकते हैं तो ये गलत है जैसे की हम सामान्य होकर भी कोई नौकरी नहीं करते हैं और दिव्यांग होकर भी वो नौकरी करते हैं तो लोग हमारी तारीफ ना करके उनकी तारीफ करते हैं तो ऐसे में सामान्य लोग अपने आप को कमजोर और बदनसीब समझते हैं।

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