उत्तरप्रदेश राज्य के महोबा जिला से अमलेश मेरी पंचायत मेरी शक्ति के माध्यम से यह कहती हैं कि नीलिमा की कहानी में जिस प्रकार से माहवारी को लेकर समझाया गया वह बहुत ही अच्छा है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के माध्यम से लड़कियों को माहवारी को लेकर बोलने झिझक थी। वह भी खत्म हो गई और इस कार्यक्रम के माध्यम से लड़कियों में हौसला मिला है। उन्होंने यह भी बताया कि लॉकडाउन के कारण लड़कियों को माहवारी से कितनी परेशानी हुई। जिससे वह कपडे का पैड बनाकर इस्तेमाल किया

उत्तरप्रदेश राज्य के महोबा जिला से अमृता नायक मेरी पंचायत मेरी शक्ति के माध्यम से यह कहती हैं कि लॉकडाउन के कारण पैड न मिलने से कपड़े का इस्तेमाल किया और सभी लड़कियों को भी कपड़े का पैड बनाकर इस्तेमाल करने को कहा

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उत्तरप्रदेश राज्य से श्रद्धा मेरी पंचायत मेरी शक्ति के माध्यम से यह कहती हैं कि लॉकडाउन होने के कारण उनकी शिक्षा में बहुत दिक्कत हो रही है और साथ ही स्कूल भी बंद हो चूका है

उत्तरप्रदेश राज्य से ममता मेरी पंचायत मेरी शक्ति के माध्यम से यह कहती हैं कि लॉकडाउन में उनके बच्चों की पढाई सही से नहीं हो पा रही है और कोई भी काम भी नहीं हो पा रहा है

कोरोना वायरस और लॉकडाउन ने लोगों के काम, एक दूसरे से मिलने जुलने को इस प्रकार रोक दिया है। मनो जैसे चलती गाड़ी के पहिये ख़राब होने पर वह रुक जाता है और चिड़चिड़ापन होने के कारण हम कुछ भी कर बैठते है। ठीक उसी प्रकार यह कोरोना वायरस के कारण जो यह लॉकडाउन किया गया है। जिससे लोग मानसिक तनाव के शिकार होते जा रहे है। कामो का बंद होना और एक दूसरे से मिलना जुलना बंद होना यह एक मानसिक तनाव को आमंत्रण करता है। जिसके चलते लोग गलत कदम उठा रहे है और अपने परिवारों से बात विचार नहीं कर पा रहे है। इसलिए हमें यह जरुरी है कि आप जब किसी को भी मानसिक तनाव में देखें तो उनके साथ बैठकर उनसे बात करें और उनकी मानसिक तनाव को दूर करने की कोशिश करें। अगर हम ऐसा करते हैं और लोगों को एक दूसरे के तनाव दूर करने के लिए मदद करने को कहते है, तो हम ऐसा करके कई लोगों की जान भी बचा सकते हैं

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कोरोना वायरस और लॉकडाउन ने लोगों के काम, एक दूसरे से मिलने जुलने को इस प्रकार रोक दिया है। मनो जैसे चलती गाड़ी के पहिये ख़राब होने पर वह रुक जाता है और चिड़चिड़ापन होने के कारण हम कुछ भी कर बैठते है। ठीक उसी प्रकार यह कोरोना वायरस के कारण जो यह लॉकडाउन किया गया है। जिससे लोग मानसिक तनाव के शिकार होते जा रहे है। कामो का बंद होना और एक दूसरे से मिलना जुलना बंद होना यह एक मानसिक तनाव को आमंत्रण करता है। जिसके चलते लोग गलत कदम उठा रहे है और अपने परिवारों से बात विचार नहीं कर पा रहे है। इसलिए हमें यह जरुरी है कि आप जब किसी को भी मानसिक तनाव में देखें तो उनके साथ बैठकर उनसे बात करें और उनकी मानसिक तनाव को दूर करने की कोशिश करें। अगर हम ऐसा करते हैं और लोगों को एक दूसरे के तनाव दूर करने के लिए मदद करने को कहते है, तो हम ऐसा करके कई लोगों की जान भी बचा सकते हैं

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