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आपके अनुसार महिलाओं को एक मंनोरंजन या लेनदेन के सामान जैसा देखने की मानसिकता के पीछे का कारण क्या है ? आपके अनुसार महिलाओं को एक सुरक्षित समाज देने के लिए क्या किया जा सकता है ? और किसी तरह के बदसलूकी के स्थिति में हमें उनका साथ किस तरह से देना चाहिए ?
हमारे समझ में आज भी यौन शोषण के बारे में एक अनचाही चुप्पी साध ली जाती है और पीड़ित व्यक्ति को ही कहीं न कहीं हर बात के लिए जिम्मेदर बना देने की प्रथा चली आ रही है। पर ऐसा क्यों है? साथ ही इस तरह के सामाजिक दबावों के अतिरिक्त और क्या वजह होती है जिसके लिए आज भी कई सारे यौन शोषण के केस पुलिस रिपोर्ट में दर्ज नहीं होते हैं ? समाज में फैले यौन शोषण के मानसिकता के लिए कौन और कैसे जिम्मेदार है ? और समाज से इस मानसिकता को हटाने के लिए तुरंत किन - किन बातों पर अमल करना जरुरी है ?
नाम सुनीता कुमारी ,उम्र 28 वर्ष ,पिनकोड 275202
श्यामलाल राम ,उम्र-60 वर्ष,पिनकोड-275202
नाम - उपेंद्र कुमार ,उम्र 35 वर्ष
मोबाइल वाणी और माय कहानी का एक ख़ास पेशकस आपके लिए कार्यक्रम भावनाओं का भवर जहाँ हम सुनेंगे मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने से जुड़ी कुछ जानकारियां. तो चलिए आज की कड़ी में सुनते हैं कि लड़कियों और महिलओं के साथ सम्मानपूर्वक वर्ताव सही मायने में कैसा होना चाहिए।साथ ही आप बताएं कि आपके अनुसार महिलाओं को एक मंनोरंजन या लेनदेन के सामान जैसा देखने की मानसिकता के पीछे का कारण क्या है ? आपके अनुसार महिलाओं को एक सुरक्षित समाज देने के लिए क्या किया जा सकता है ? और किसी तरह की बदसलूकी के स्थिति में हमें उनका साथ किस तरह से देना चाहिए ? साथ ही इसी तरह की और भी जानकारी सुनने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें। https://www.youtube.com/@mykahaani
दिल्ली के संत नगर से राजेश कुमार पाठक मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है की पहले के समय में ऐसा नहीं होता था , लोग महिलाओं के चरित्र पर ऊँगली नहीं उठाते थे। लेकिन आज के समय में महिलाओं के साथ अत्याचार हो रहा है। ऐसे में महिलाओं का आगे बढ़ पाना बहुत मुश्किल है
उत्तर प्रदेश राज्य के ग़ाज़ीपुर जिला से राजेश कुमार पाठक ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि भारत सावित्री, अनुसूया, दुर्गा, लक्ष्मी, पार्वती जैसी वीरांगनाओं का देश है। दुर्भाग्यवश वर्तमान समय में इस देश में तीन साल की बच्ची भी सुरक्षित नहीं है।"बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ" जैसे नारे लग रहे हैं, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं है। हम भाग्यशाली हैं क्योंकि हम सुरक्षित हैं। हमारे देश का हर बच्चा कन्हैया हैऔर हर बेटी हमारी राधा है। बेटियों को डरने की जरूरत नहीं है,बल्कि समाज में घूमते महिषासुरों को दुर्गा बन कर नष्ट करना है।
