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सोनपुर रेलवे स्टेशन के बाहर सड़क मार्ग पर स्थित श्री श्री नर्मदेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में सनातन प्रेमियों का बैठक बुधवार को हुआ. जिसका अध्यक्षता मंदिर के पुजारी राज राम (जय राम) ने किया। बैठक में यह जनकारी मंदिर के पुजारी द्वारा लोगो को मिली कि मुख्य रूप से रेलवे द्वारा पत्रांक W/98 दिनांक 04/12/2024 को एक पत्र मंदिर के दिवाल पर साटा हुआ था कि जिसमें मंदिर को अन्यत्र स्थापित करने का आदेश दिया गया है। रेलवे के आदेश के सन्दर्भ में श्री श्री नर्मदेश्वर महादेव मंदिर प्रागण में सनातन प्रेमियों का बैठक में यह कहा गया कि मंदिर सैकड़ों साल पुराना है और इनसे लाखों श्रद्धालुओं का आस्था जुड़ी हुई है. प्रतिदिन सैकड़ो लोग मंदिर में पहुंचकर बाबा भोलेनाथ एवं अन्य देवी देवताओं के साथ हनुमान जी के प्रतिमा के पूजा अर्चना होती है. अगर रेलवे द्वारा इस मंदिर के तोड़ देने से इस परिस्थिति में लाखों श्रद्धालुओं का भावना आहत होंगी।

मुख्यमंत्री नीतिश कुमार की प्रगति यात्रा के क्रम में समाहरणालय सभागार, छपरा में विभागीय योजनाओं एवं विकास कार्यो से संबंधित समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। जिसमें सोनपुर विधायक डॉ रामानुज प्रसाद ने मुख्यमंत्री के समक्ष क्षेत्र से संबंधित महत्वपूर्ण विषय को उठाया।

स्वतंत्रता सेनानी एवं पूर्व मुख्यमंत्री स्व. रामसुंदर दास की 104 वीं जयंती पर उनके जन्मस्थली सोनपुर के खरिका गांव में आज 9 जनवरी 25 गुरूवार को जयंती समारोह मे उनके प्रतिमा का भी अनावरण किया जाएगा।

भू स्वामी अपने-अपने भूमि के कागजात के साथ पंचायत सर्वें कर्मियों को अंतिम तिथि 25 फरवरी 2025 तक करे जमा सोनपुर अंचल मे 5 जनवरी 25 के बाद पुनः 20 पंचायत में तिथि वार लगेगी शिविर--सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी सोनपुर। बिहार में भूमि विवाद के लेकर आए दिन मारपीट, हत्या,केस मुकदमा जैसी अनेक समस्याओं को निदान करने के लिए बिहार सरकार ने पुरे बिहार मे सर्वे के काम शुरू कर दी है. सर्वे में भु स्वामी अपनी -अपनी भूमि के कागजात व प्रपत्र 1,2,3 भरकर सर्वे कर्मियों के देंगे और सर्व कर्मी उस भूमि के सही से कागजी व भूमि के जांच पड़ताल करने के बाद वजीव हकदारों के नाम से नक्शा के साथ नये खाता,खेसरा खोलेंगे. इसी क्रम में राजस्व भूमि सुधार विभाग के तहत सोनपुर प्रखंड सह अंचल कार्यालय स्थित अंचल अभिलेख भवन में विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त शिविर कार्यालय में सोनपुर प्रखंड के अंतर्गत 23 पंचायत में से 20 पंचायत के 90 गांव में सर्वे का कार्य हो रही है. सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी दीपू कुमार व कानूनगो संदीप कुमार ने 20 पंचायत के मुखिया, सरपंच सहित अन्य जनप्रतिनिधि के साथ बैठक कर राजस्व ग्राम मे हो रहे सर्वे के कार्य में सहयोग करने की अपील की। जिससे सर्वे के काम पूर्ण रूप से सफल हो सके. अंचल क्षेत्र के 20 पंचायत के मुखिया, उप मुखिया,सरपंच,उप सरपंच,जनप्रतिनिधि के साथ बैठक हुई. जिसमें सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी दीपू कुमार एवं कानूनगो संदीप कुमार ने उपस्थित जनप्रतिनिधियों को सर्वे के कार्य की जानकारी देते हुए कहा कि 5 जनवरी 25 के बाद पुनः 20 पंचायत में तिथि वार शिविर लगाकर वहां के भू स्वामियों को जागरुक करते हुए अपने-अपने भूमि के कागजात के साथ प्रपत्र 1,2,3 भरकर जमा करने के लिए अपने-अपने पंचायत के सर्व अमीन को कागजात जमा करेंगे. अब उन्हें ऑनलाइन आवेदन करने की जरूरत नहीं है. सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी दीपू कुमार ने शनिवार को उपस्थित जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया की रैयत अपनी भूमि के घोषणा उद्घोषणा के प्रकाशन के तिथि से 180 कार्य दिवस के भीतर अपना भूमि से संबंधित कागजात जमा कर दे अगर 25 फरवरी 2025 तक रैयत अपने भूमि के कागजात के साथ प्रपत्र 1,2,3 भरकर पंचायत बार में सर्व अमीन को जमा नहीं करते हैं तो भू स्वामी अपनी भूमि से संबंधित कागजात जिला मुख्यालय मे उन्हें जमा करनी होगी.उन्होंने कहाँ कि जिन भूमि पर अगर किसी प्रकार की कागजात नहीं है तो वैसे भूमि को स्वतः बिहार सरकार की भूमि मानी जाएगी. भूमि से संबंधित जैसे आपके पास सरकारी भूमि, गैर मजरूआ भूमि, बासकित पर्चा,दान में दी गई भूमि जैसे भूमि की कागजात जमा करना अनिवार्य है. अगर भूमि का पारिवारिक बंटवारा नहीं हुआ है तो सरकारी स्टांप पेपर पर पंचनामा के आधार पर आपसी सुलह समझौता की तहत अपनी अपनी भूमि की बंटवारा कर ले जिससे आने वाले समय में आपको भूमि से संबंधित समस्याओं से निजात मिलेगी. अगर आपसी बटवारा नहीं करते हैं तो वैसे स्थिति में संयुक्त रूप खाता खुलेंगे. जिन भूमि पर न्यायालय में मुकदमा चल रही या अंचल कार्यालय में भूमि से संबंधित विवादित कागजात हो या जबरन किसी कि अगर भूमि दखल कब्जा किए है या दूसरे के हक हिस्सा के भूमि ले लिए है तो वैसे वाजीव भु स्वामियों के न्यायालय के निर्णय मान्य होगा और उसके नाम से खाता खुलेंगे. किसी तरह की भूमि पर विवाद हो वैसे स्थिति में भी सर्वें तो होगी पर उस समस्या से संबंधित हल निकलने के वाद वाजीव हकदारो के नाम से खाता खेलेगा। जनवरी 2025 के बाद भू स्वामी द्वारा दिए गए आवेदन के आधार पर कागजात की जांच पड़ताल कर भूमि पर पहुंचकर सर्वे आमीन उस भूमि की जांच पड़ताल करेंगे. उन्होंने आम जनता से अनुरोध किया है कि वह अपने-अपने भूमि की सही कागजात जमा करें जिससे सर्वे का काम पूर्ण रूप से सही हो। अगर कोई भी व्यक्ति भूमि से संबंधित गलत जानकारी देते हैं तो ऐसी स्थिति में उन पर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी. बैठक में शामिल सभी जनप्रतिनिधियों ने आश्वासन दिया कि अपने-अपने पंचायत वासियो की भूमि से संबंधित कागजात जमा करने में सहयोग करेंगे जिससे सर्वे के काम पूर्ण हो।

बिहार में हुए विकास को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा कर्पूरी रथ को हरी झंडी दिखाने के बाद यह रथ सोनपुर जेपी सेतु के बजरंग चौक पर रविवार को पहुंचा. इस रथ का नेतृत्व जहानाबाद के पूर्व सांसद एवं अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी के द्वारा किया जा रहा है.

बिहार के सारण जिले मे विश्व प्रशिद्ध सोनपुर मेला मे गाय के दाम पर बिक रही बकरी, यह बकरी दिन व रात मे कुल 6किलो दूध देती है, बकरी 1200/-किलो के भाव से मिलती है. एक बकरी 12 किलो से 30 तक के बकरी है, बकरी के दूध 1000/-किलो बिकती है. तोतापरी, राजस्थानी बकरी के दाम जो गाय के दाम मे बिक्री होती है.

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राजनैतिक सिंद्धांत औऱ प्रक्रियाओं में न्याय सबसे पुरानी अवधारणाओं में से एक है, न्याय के सिद्धांत को लेकर तमाम प्रकार की बातें कहीं गई हैं, जिसे लगभग हर दार्शनिक और विद्वान ने अपने समय के अनुसार समझाया है और सभी ने इसके पक्ष में अपनी आवाज को बुलंद किया है। न्याय को लेकर वर्तमान में भी पूरी दुनिया में आज भी वही विचार हैं, कि किसी भी परिस्थिति में सबको न्याय मिलना चाहिए। इसके उलट भारत में इस समय न्याय के मूल सिद्धामत को खत्म किया जा रहा है। कारण कि यहां न्याय सभी कानूनी प्रक्रियाओं को धता को बताकर एनकाउंटक की बुल्डोजर पर सवार है, जिसमें अपरधियों की जाति और धर्म देखकर न्याय किया जाता है। क्या आपको भी लगता है कि पुलिस को इस तरह की कार्रवाइयां सही हैं और अगर सही हैं तो कितनी सही हैं। आप इस मसले पर क्या सोचते हैं हमें बताइये अपनी राय रिकॉर्ड करके, भले ही इस मुद्दे के पक्ष में हों या विपक्ष में

नए नए आजाद हुए देश के प्रधानमंत्री नेहरू एक बार दिल्ली की सड़कों पर थे और जनता का हाल जान रहे थे, इसी बीच एक महिला ने आकर उनकी कॉलर पकड़ कर पूछा कि आजादी के बाद तुमको तो प्रधानमंत्री की कुर्सी मिल गई, जनता को क्या मिला, पहले की ही तरह भूखी और नंगी है। इस पर नेहरु ने जवाब दिया कि अम्मा आप देश के प्रधानमंत्री की कॉलर पकड़ पा रही हैं यह क्या है? नेहरू के इस किस्से को किस रूप में देखना है यह आप पर निर्भर करता है, बस सवाल इतना है कि क्या आज हम ऐसा सोच भी सकते हैं?