बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से गांव रतनपुर में भीम राज मोबाइल वाणी के माध्यम प्रवासी श्रमिकों के बारे में बातचीत कर रहे है,जिसमे संतोष जी का कहना है कि ये मुंबई में रिक्शा चलाते हैं और उनके कार्य के दौरान उन्हें बहुत सी परेशानी होती है। वहां के स्थानीय लोग बिहारी भाइयों को हेय की दृष्टि से देखते है और अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हैं। उन्होंने ने यह भी बताया की, कार्य के दौरान उन्हें भय बना रहता है कि कही किसी जबरन बात छेड़ कर वहां के लोग हमसे लड़ाई न शुरू कर दे, फिर हमे घर वापस आना पड़ सकता है, उनकी मज़बूरी है की वो वहाँ काम करते हैं।
बिहार राज्य के जमुई जिला गिद्धौर प्रखंड से भीम राज मोबाइल वाणी के द्वारा कहते हैं की पर्यावरण और प्रदूषण किसी एक व्यक्ति या समाज और बल्कि पुरे विश्व की समस्या है।इसलिए इसके सामधान के लिए हम सबको मिल कर एक साथ प्रयास करने की जरुरत है।पर्यावरण के दुषित होने के पीछे हमारी सोच में बदलाव का भी अहम भुमिका है। जहाँ पहले हम प्रकृति की पुजा करते थे,वही अब हम इसका दोहन करने लगें हैं।वर्तमान में जो स्थिति है,ऐसे में हमें फिर से परकृति की पुजा का भाव रख कर बचाना जरुरी है।अगर ऐसा नहीं किया गया तो वो दिन दुर नहीं जब स्थिति चिंतनीय नहीं भयावह हो जायेगी।
बिहार राज्य के जमुई जिला गिद्धौर प्रखंड से रंजन कुमार मोबाइल वाणी के द्वारा कहते हैं की कम बारिश होने के कारण राज्य के किसान धान की फसल को बर्बाद होते देखें।अब जब रबी फसल की बुआई का समय आ गया है,तब भी जमीन में कम नमी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में कृषि विषेशज्ञों ने किसानों को रबी की बुआई की जगह दलहन की खेती की सलाह दी है।दलहन खेती में पानी की जरुरत कम पड़ती है,इसलिए किसानो को दलहनी पर ध्यान देना चाहिए।
बिहार राज्य के जमुई जिला गिद्धौर प्रखंड से संजीवन कुमार सिंह बताते हैं की मौरा पंचायत के मध्य विद्यालय के प्रांगण में किसान चौपाल का आयोजन किया गया।जिसमें किसानों को फसल सहायता योजना और सुखारग्रस्त परखंडो में सब्सिडी के लिए किस तरह से आवेदन कर सकते है।इसके साथ ही यह जानकारी दी गयी की कौन-कौन से आवेदक इसे भर सकते हैं
बिहार राज्य के जमुई जिला गिद्धौर प्रखंड से रंजन कुमार मोबाइल वाणी के द्वारा कहते हैं की प्लस टू उच्च विद्यालय के सभागार में अगले महीने आयोजित होने वाली बीएसएससी के लिए वीक्षकों तथा केन्द्राधीक्षकों का संयुक्त प्रशिक्षण शिवर आयोजित की गई। प्रशिक्षण के दौरान जिला शिक्षा पदाधिकारी विजय कुमार हिमांशु ने बताया कि आठ, नौ एवं दस दिसम्बर को जमुई के पांच परीक्षा केन्द्रों पर बीएसएससी की परीक्षा दोनों पालियों में आयोजित की जाएगी जिसके लिए विभाग को सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। परीक्षा के दौरान किसी भी परीक्षार्थी को जूता पहन कर परीक्षा केन्द्र के अंदर प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा। साथ ही परीक्षा में कोई भी परीक्षार्थी किसी प्रकार के इलेक्ट्रोनिक डिवाइस, जेवरात तथा कलम या पेंसिल अपने साथ अंदर नहीं ले जा सकेंगे। आयोग द्वारा परीक्षार्थियों को कलम भी दिया जाएगा। जिसे परीक्षा के बाद वापस ले लिया जाएगा। सभी परीक्षा केन्द्रों पर जैमर लगाया जाएगा ताकि परीक्षा केन्द्र पर मोबाइल संचालित नहीं हो सके। मालूम हो कि जमुई के केकेएम कॉलेज, सरस्वती अर्जुन एकलव्य कॉलेज, डीएवी पब्लिक स्कूल मणियडडा, प्लस टू उच्च विद्यालय जमुई, प्लस टू बाजार हाईस्कूल जमुई तथा प्लस टू एसएस बालिका उच्च विद्यालय जमुई में इंटरस्तरीय प्रारंभिक परीक्षा के लिए परीक्षा केन्द्र बनाए गए हैं। इन परीक्षा केन्द्रों पर हजारों की संख्या में परीक्षार्थी परीक्षा देंगे। प्रशिक्षण के दौरान डीईओ ने कहा कि सभी परीक्षा केन्द्रों पर पुन: वीक्षकों के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जाएगा जिसमें परीक्षा से संबंधित नियमों की जानकारी दी जाएगी।
बिहार राज्य के जिला जमुई प्रखंड गिद्धौर से रंजन कुमार गिद्धौर मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि आज स्थानीय भारतीय मजदुर संघ के कार्यालय में मजदुर सदस्यों की एक बैठक बालमुकुंद शाह की अध्यक्षता में की गई। जिसमे संगठन को विस्तार देने ,मजदूरों को हक़ नहीं मिलने पर विचार किया गया। इस बैठक में संघ के प्रदेश उपाध्यक उमा शंकर सिंह एवं जिला मंत्री परमेश्वर यादव ने भाग लिया। बैठक में सह सहमति से निर्णय लिया गया कि भवन एवं पथ निर्माण तथा बीड़ी मजदूरों के साथ हो रहे अन्याय को संघ बर्दाश्त नहीं करेगा
बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से भीमराज मोबाइल वाणी के माध्यम से रतनपुर निवासी नितीश कुमार से बातचीत कर रह यही। जिसमे नितीश जी का कहना है कि ये मुंबई में रिक्शा चलाते है।उनहोंने बताया की महाराष्ट्र के लोग बिहार के लोगों के साथ भेद भाव करते है,उनहोंने यह भी जानकारी दी की वहां के आर टी ओ वाले लोग बिहारी लोगों को बहुत परेशान करते हैं और बेवजह पकड़ कर 13 हज़ार रुपया फाइन लिए। मज़बूरी में उन्हें फाइन भरना पड़ा।और महाराष्ट्र के लोगों के साथ ऐसा दुर्व्यवहार नहीं करते।इसलिए ये सारी गलती वे महाराष्ट्र सरकार की मानते हैं ।
बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से संजीवन कुमार सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से मौरा गांव में अजीत सिंह से प्रवासी मजदूरों के बारे में बातचीत कर रहे हैं जिसमे अजीत सिंह का कहना है कि ये गुजरात में एक कंपनी में आईटीआई लेबल का काम करते हैं। वहाँ के अस्थानीय लोग भी उनके साथ काम करते हैं और वहाँ उनके साथ भेद भाव भी किया जाता है वहां के तीन लोग जो हिंदी भाषी नहीं हैं, वे उन्हें हाय दृष्टि से देखते हैं उनके जो साहब थे वो मध्य प्रदेश के हैं वो हमेशा कहते थे की शुरूआती काम में थोड़ी दिक्कत होती है धीरे-धीरे सब ठीक हो जाएगा। ऐसा कहकर वो उन्हें सांत्वना देते थे।उन्होंने बताया की ड्यूटी के लिए उन्हें सुबह पांच बजे ही उठना पड़ता था क्यूंकि 5 से 6 बजे तक ही कंपनी के कॉलोनी में काम मिलती थी।उन्होंने बताया की वो 8 बजे कंपनी चले जाते थे ,वहाँ जाते ही जो उनके तीन सीनियर लोग थे वो उनके ऊपर मजाक उड़ाते थे। और जब इनकी शिकायत लेकर वो बॉस के पास जाते तो उनके बॉस उन्हें बहला कर वापस कर देते थे। उन्होंने कहा की बिहार में काम नहीं मिलती आईटीआई करने के बाद भी कोई उपाय नहीं मिला। सरकारी में प्रयास करने के बाद भी आरक्षण की वजह से नहीं होता था और प्राइवेट कंपनियां जो हैं वहाँ जान-पहचान के लोगो को ले लिया जाता था। इस वजह से उन्हें गुजरात जाना पड़ा काम के लिए। इन सब की जिम्मेदार सरकार है।
बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से रंजन कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बनाडीह गांव के रवि पंडित से प्रवासी मजदूरों के बारे में बातचीत कर रहे है जिसमे रवि जी का कहना है कि प्रवासी मजदूरों को वहां के रहन सहन भाषा सबकी परेशानी होती है प्रदेश के लोग प्रवासी लोगों को मजदुर की दृष्टि से देखते हैं और उनकी हिंदी भाषी को गलत मतलब देते हैं।इसलिए उन्हें अपना गांव वापस आना पड़ा। उन्हें सरकार द्वारा चलाई गई कोई भी योजना का लाभ नहीं मिलता साथ ही उन्हें एक कमरा दिया जाता है और आठ से दस मजदूरों को रहने पर बाध्य किया जाता है अगर उन्होंने विरोध किया तो मार पीट तक बात आ जाती है, इसलिए प्रवासी लोग शांत रहकर चुपचाप उनकी बातों का पालन करते हैं।वहाँ उन्हें डर कर रहना पड़ता है। क्योंकि उनके साथ छोटे-छोटे बच्चे होते हैं। अगर उनसे ज्यादा बात हुई तो वो लोग मारने पे उतर आते हैं।उनकी हिंदी भाषी को निचा नजर से देखा जाता है।उनके बिहारी होने की वजह से उनको साथ बैठने तक नहीं दिया जाता है। रवि पंडित ने बताया की वो लोग वहाँ भगवान् भरोसे रहते हैं क्यूंकि वहाँ उनका और कोई अपना नहीं होता।साथ ही वहाँ उनके रहने का कोई उचित जगह नहीं होता न ही निश्चित काम।उनहोंने अपने सपने के बारे में भी कहा की, उनका सपना था की वो काम करेंगे और वापस आकर अपने बच्चों की पढ़ाई पूरी करेंगे और साथ ही बूढ़े माँ बाप के सपनो को पूरा करेंगे।परन्तु उनके सपने अधूरे रह गए और वो वहां से जान बचा कर भाग आए अपने गांव।
बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से रंजन कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बनाडीह गांव के राखी जी के साथ मजदूरों के पलायन पर बातचीत कर रहे है। जिसमे राखी जी ने कहा कि प्रवासी लोगों को अनजान शहर में भाषा,रहन,सहन में दिक्कत होती है। वहां के लोग हिंदी भाषा को गलत भाव में लेते हैं और प्रवासी लोगों को मजदुर की दृष्टि से देखा जाता है, साथ बैठने तक की अनुमति नहीं होती।वहां की सरकार किसी भी कल्याणकारी योजना का लाभ प्रवासी लोगों को नहीं देते है। उन्होंने बताया की जबतक वो वहां रहते हैं भय के साथ रहते हैं क्यूंकि उनके साथ उनकी पूरी परिवार होती अगर बात छिड़ गई तो वो मार पर उतर आते हैं।वहां के स्थानीय लोग प्रवासी लोगों को बिहारी कह कर सम्बोधित करते हैं और हमेशा निचा भाव से देखते हैं। राखी ने बताया की वो वहाँ भगवान् भरोसे रहते क्यूंकि वहां न ही रहने की उचित जगह होता है और न ही उचित काम।उन्होंने अपने सपने के बारे में कहा की प्रदेश जाकर काम करेंगे और बच्चों को अच्छी शिक्षा देंगे, साथ ही बूढ़े माँ बाप की सेवा करेंगे और उनके अधूरे सपने को पूरा करेंगे पर उनके यह सपने पुरे नहीं हो पाए।और उन्हें वो शहर छोड़ कर भागना पड़ा। इन सब की जिम्मेदार वो प्रदेश सरकार को समझते हैं। राखी ने यह भी कहा की अपने राज्य सरकार को गुजरात,महाराष्ट्र और असम के सरकार से बात करनी चाहिए कि जो भी मजदुर वहाँ काम करने जाते हैं उनकी पूरी सुरक्षा देनी चाहिए और दोनों सदस्यों में आपसी सहमति होनी चाहिए।