बिहार राज्य के भोजपुर जिला के आरा से बलिराम चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है ,कि स्वच्छता मानव समुदाय का एक आवश्यक गुण होता है। यह विभिन्न प्रकार की बिमारियों से बचाव के सरलतम उपायों में से एक है। मानसिक, शारीरिक, बौद्धिक और सामाजिक हर तरीके से स्वस्थ रहने के लिए स्वच्छता बहुत जरूरी होती है। स्वच्छता को मनुष्य को स्वंय करना चाहिए। साफ-सुथरा रहना मनुष्य का प्राकृतिक गुण है। वह अपने और आस-पास के क्षेत्र को साफ रखना चाहता है। वह अपने कार्यस्थल पर गंदगी नहीं फैलने देता। अगर वह सफाई नहीं रखेगा तो मक्खी, मच्छर तथा अन्य हानिकारक कीड़े-मकोड़े आपके घर में प्रवेश करेंगें जिससे अनेक प्रकार के रोग और विषैले कीटाणु घर में चारों तरफ फैल जायेंगे।अगर हम अपने घर और आस-पास के क्षेत्र में साफ-सफाई रखेंगें तो हम बहुत से रोगों के कीटाणुओं को नष्ट कर देंगे।सफाई मनुष्य को अनेक प्रकार के रोगों से बचाती है। साफ-सफाई के माध्यम से मनुष्य अपने आस-पास के वातावरण को दूषित होने से बचा सकता है।
बिहार राज्य के जमुई जिला गिद्धौर प्रखंड से संजीवन कुमार मोबाइल वाणी के द्वारा जानकारी देते हैं की फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के 4103 पदों को भरने के लिए आवेदन आज से शुरू हो गए हैं। इन पदों के लिए आवेदन भरने की अंतिम तिथि 30 मार्च 2019 है। शुल्क भुगतान की अंतिम तिथि 25 मार्च है।ज्यादा जानकारी के लिए उम्मीदवार फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की आधिकारिक वेबसाइट www.fci.gov.in देख सकते हैं।
बिहार राज्य के जमुई जिला से भीम राज ने मोबाइल वाणी को बताया कि बिहार सरकार राज्य मे पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को अपनी सेहत का ख्याल रखने हेतु पांच हजार रुपये दे रही है। यह राशि तीन किस्तों में दी जाएगी है।2020 तक चलने वाली इस योजना के तहत बिहार में 8.88 करोड़ महिलाओं को लाभ देने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना के तहत पहली क़िस्त 1000 रुपये गर्भावस्था के दौरान पंजीयन करने के बाद ,दूसरी क़िस्त बच्चे के जन्म के पंजीकरण व टीकाकरण के लिए और तीसरी किस्त के रूप में दो हजार रुपये खाते में भेजे जाते हैं। इसके लिए आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं को संपर्क करना होता है। ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाइ) बिहार में 15 फरवरी तक तीन लाख 28 हजार 828 माताओं का पंजीकरण किया जा चुका है.
बिहार राज्य के जमुई जिला गिद्धौर प्रखंड से भीम राज मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं की हमारे देश में बोतल बंद पानी का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है।जिससे पर्यावरण और हमारे स्वास्थ्य दोनों को ही हानि पहुँच रही है। हमें इन कंपनियों के कुचक्र से बाहर आने की सख्त जरुरत है
बिहार राज्य के जमुई जिला भीम राज ने मोबाइल वाणी को बताया कि गिद्धौर प्रखंड मुख्यालय सहित ग्रामीण इलाके में सरस्वती पूजा की तैयारी जोरों पर है वहीं सरस्वती पूजा 10 फरवरी को आयोजित होगी इसके लिए कलाकार पूजा पंडाल और सरस्वती प्रतिमा को अंतिम रूप में देने में लगे हैं प्रखंड के विभिन्न इलाके के युवा वर्ग ,स्कूली बच्चे आदि लोग पंडाल को अपने स्तर से भव्य एवं आकर्षक बनाने में लगे हैं। वहीं प्रखंड के कुछ चिन्हित मूर्तिकार मां सरस्वती की प्रतिमा तैयार करने में व्यस्त नजर आ रहा है वैसे तो प्रखंड भर में कई जगहो पर सरस्वती पूजा होती है लेकिन प्रखंड के सार्वजनिक पुस्तकालय, रतनपुर के साहू टोला स्थित बजरंग दल के युवा वर्ग सदस्य उत्साह के साथ पूजा की तैयारी में लगे हुए हैं इलाके भर में बड़ी उत्साह के साथ ग्रामीण, स्कूली बच्चे के अलावा घर के नजदीक 10 - 20 बच्चे मिलकर मां सरस्वती की प्रतिमा बिठा कर पूजा पाठ करते हैं पूजा को लेकर शिक्षक ,संस्थान आदि जगहो पर लोगों द्वारा तैयारी की जा रही है
बिहार की सबसे बड़ी त्रासदी प्राकृतिक आपदाएं बारिश के मौसम में बिहार के अधिकांश जिले पर आया हर साल बाढ़ की चपेट में आकर तबाह हो जाते हैं इस वर्ष बिहार में बाढ़ की तबाही और त्रासदी की नौबत नहीं आई तो सुखाड़ किसानों के सिर पर चढ़ गया हमारे बिहार राज्य में 38 में से 26 जिले सूखा की चपेट में आ गई
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बिहार राज्य के जमुई जिला से भीम राज गिद्धौर मोबाइल वाणी के द्वारा जानकारी देते हैं की वर्ष 2019 में 6 जनवरी को पहला सूर्य ग्रहण लगेगा जो ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। यह ग्रहण भारत में मुख्यतः नहीं दिखाई देगा,जबकि यह ग्रहण उत्तर पूर्व एशिया प्रशांत महासागर आदि महादेशों में दिखाई देगा।वहीं जनवरी माह में ही दूसरा चंद्र ग्रहण 21 तारीख को लगेगा।यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं पड़ेगा ।
बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से रंजन कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाले अधिकांश लोग मजदूरी खेती कर पाना तथा अपने परिवार का भरण पोषण करने का प्रयास करते हैं। इनके यहाँ के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती है। गिद्धौर प्रखंड के जितने भी पंचायत हैं सभी पंचायत के गांव में खेती भगवान् भरोसे होता है।हर वर्ष खेती को किसान,मेहनत ,मजदूरी,पूंजी लगाकर करते हैं और जब समय पर वर्षा नहीं होती तो फसल मर जाते हैं,ऐसा होने के कारण किसान कर्ज की दलदल में फंस जाते हैं और परिवार को घर पर छोड़ बाहर देश चले जाते हैं। रंजन जी ने बताया की जब बिहार के मजदुर प्रदेश जाते हैं, तो उन्हें मजदूरी करने के लिए किसी ठेकेदार का सहारा लेना पड़ता है। जब बिहार के लोग बाहर काम करने जाते, तो वहाँ उनका कोई नहीं होता, उनके साथ सबसे बड़ी समस्या होती है खाने और पिने की। इसलिए मजदुर किसी भी काम को करने के लिए तैयार हो जाते हैं। रंजन जी ने यह भी बताया कि दूसरे देश के लोग हमारे यहां के मजदूरों को कम मजदूरी पर काम करवाते हैं और अधिक समय तक काम देता है। इसलिए यहां के ठेकेदार और फैक्ट्री मालिक स्थानीय लोगो को नहीं रख कर प्रवासी लोगों को काम पर रखना पसंद करती है।रंजन जी ने यह भी बताया कि हमारे यहाँ के मजदुर पलायन इसलिए करते हैं क्यूंकि हमारे राज्य में आए मनरेगा एवं नरेगा के द्वारा भी उन्हें कोई काम नहीं मिल पा रहा है।दिन प्रतिदिन जनसँख्या बढ़ती जा रही है और जमीन छोटे छोटे टुकड़े में विभक्त होती चली जा रही है। जिसके कारण किसानो को खेती करने में असुविधा होती है। सरकार द्वारा अनुदान फसल बिमा योजना का लाभ किसानो तक नहीं पहुंचता है। जिसके कारण किसान अपनी खेती बारी छोड़ दूसरे राज्य में काम के लिए पलायन कर जाते हैं।साथ ही रंजन ने यह भी बात रखी की देश की गतिविधि सुधारने में किसानों का बहुत बड़ा हाथ होता है और सरकार उसी किसान को अनदेखा करता है। किसानों को हमारे देश में अन्न दाता भी कहा जाता है क्यूंकि जब तक किसान अपनी मेहनत और लगन से खेती नहीं करेंगे ,तब तक अच्छी खेती नहीं हो पाएगी और भारतीय लोग क्या खाएंगे। किसान अपने खून पसीने बहा कर दूसरों के लिए भोजन तैयार करते है। जिसे देखने वाला कोई नहीं है।