बिहार राज्य के नालंदा जिला से संतोष कुमार मंडल मोबाइल वाणी के माध्यम से चेहरे पर आए मुहाँसे को दूर करने का उपाय बता रहे है।मुहाँसो के ऊपर खीरे का रस दिन में 2 से 3 बार लगाने से राहत मिलती है। चेहरे पर 10 से 15 मिनट तक शहद लगाकर रखने से चेहरे पर चमक भी रहती है। धृतकुमारी , बेसन और हल्दी लगाने से भी मुहाँसो से छुटकारा मिल सकता है।

बिहार राज्य के नालंदा जिला से अमित कुमार सविता ने मलेरिया बीमारी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत नालंदा ज़िले के बिहार शरीफ की रजनी कुमारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि कूड़े-कचरे वाली जगहों, ठहरे हुए पानी,और आस-पास गन्दगी के कारण उसमें मच्छर पनपता है और मलेरिया बीमारी फैलता है। इस बीमारी से बचने के लिए हमें सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग जरूर करना चाहिए। और शाम के समय या कभी भी खुले में कहीं बैठने पर मच्छर भगाने वाली अगरबत्तियों का प्रयोग अवश्य करना चाहिए।और अपने आस-पास कीटनाशक का छिड़काव अवश्य करना चाहिए। मलेरिया बीमारी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत नालंदा ज़िले के सरकार के द्वारा बहुत से कार्यक्रम चलाये जा रहे है। जैसे की कूड़े-कचरे को खुले में नहीं फेंकना चाहिए। नगर-निगम के द्वारा हर गली में कूड़े-कचरे को फेकने के लिए डस्टबिन की व्यवस्था की गयी है।साथ ही समय-समय पर दवाई का छिड़काव भी किया जाता है।

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बिहार राज्य के नालंदा जिला से संतोष कुमार मण्डल ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि मलेरिया एक परजीवी रोगाणु होते है। और यह मादा एनोफेलीज मच्छर के काटने से होता है। किसी व्यक्ति को इस मच्छर के काटने पर, इसके परजीवी रक्त में घुल कर व्यक्ति को बीमार बना देता है।मलेरिया के जीवाणु इंसान के लाल रक्त पर हमला कर अपने जीवाणुओं की संख्या में बढ़ोत्तरी करते रहते है।और बढ़ोत्तरी में मलेरिया बीमारी किसी भी इंसान को पकड़ लेता है। इससे बचने के लिए हमें सोते वक़्त मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करना चाहिए।घर के अंदर खिड़कियों पर जाली लगना चाहिए और घर के कीड़े मरने वाली दवा का प्रयोग ध्यान से करना चाहिए। गंन्दगी वाले जगहों और ठहरे हुए पानी वाले स्थानों पर जाने से बचना चाहिए।

बिहार राज्य के नालंदा जिला से संतोष कुमार मण्डल ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि किसी भी व्यक्ति को बुखार आने की कई वजहें हो सकती है। इसकी जानकारी हमें खून की जांच से मिल सकती है।इसीलिए बुखार आने पर सबसे पहले अपने खून की जांच करानी चाहिए। अगर किसी को भी मलेरिया बुखार के लक्षण दिखाई देते है, तो मच्छरों से बचने का उपाय शुरू कर देना चाहिए। मलेरिया मादा एनोफेलीज मच्छर के काटने से होता है।इसलिए जहाँ तक हो सकें इसे पैदा ना होने दें। इससे बचने के लिए घर के अंदर तथा आस-पड़ोस में पानी का जमाव कई दिनों तक ना होने दें।जमें हुए पानी पर कीटनाशक का छिड़काव ज़रूर करें।बने हुए भोजन को हमेशा ढँक कर रखना चाहिए। मच्छरों को भगाने के लिए समय-समय पर कीटनाशक का छिड़काव करते रहना चाहिए। गर्मियों के मौसम में कूलर के पानी को हमेशा साफ़ करना चाहिए। और बारिश और सर्दियों के मौसम में कूलर के अंदर पानी को जमने ना दे। इससे बचने के लिए हमें सोते वक़्त मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करना चाहिए।मच्छरों को भगाने वाली क्रीम का भी प्रयोग उचित हो सकता है।और अपने आस-पास के लोगो को मलेरिया के बारे में सूचित करें। अगर किसी भी व्यक्ति को यह बीमारी हुई हो, तो तुरंत से अस्पताल जाकर इसका इलाज़ कराना चाहिए।और साथ ही नगर पालिका को सूचित कर अपने इलाके में कीटनाशक का छिड़काव कराये

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नालंदा जिले से संतोष कुमार मंडल जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि मलेरिया फ़ैलाने वाले मच्छर मादा एनाफिलीज नामक मच्छर होती है जो गंदे पानी में पनपती है वही पर मादा मच्छर अपना अंडा छोड़ती है। और एक मच्छरो की फ़ौज तैयार करती है । इस मच्छर के काटने से मलेरिया होने की संभावना होती हैं। इस मच्छर से बचने के लिए गन्दी वाले इलाको से दूर रहना चाहिए,और पानी को ढक के रखे। मलेरिया होने पर सबसे पहले ठण्ड लगकर बुखार आता है और पुरे शरीर में कंपन आ जाती है।

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