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बिहार राज्य के जिला जमुई प्रखंड गिद्धौर से भीम राज ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि गिद्धौर प्रखंड के मुख्यालय कार्यालय में प्रखंड विकास पदाधिकारी चिरंजीव पांडे की देख रेख में स्वच्छ भारत अभियान को लेकर बैठक संपन्न हुआ। इस बैठक की अध्यक्षता गिद्धौर प्रखंड के मेंटर पदाधिकारी संतोष कुमार के द्वारा की गई। उन्होंने सात निश्चय योजना तथा स्वच्छ भारत अभियान के तहत खुले में शौच मुक्त शौचालय निर्माण को लेकर समीक्षा किया और आवशयक निर्देश भी दिए। बीडीओ ने बताया कि प्रखंड को ओडीएफ घोषित करने को लेकर राज्य में तेजी से कार्य किया जा रहा है।
बिहार राज्य के जिला जमुई प्रखंड गिद्धौर से भीम राज ,गिद्धौर मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि गिद्धौर प्रखंड अंतर्गत प्लस टू महाराज चूढ़ विद्यामंदिर गिद्धौर में बिहार सब जूनियर सपोर्ट मिट तरंग प्रतियोगिता का आयोजन विद्यालय के शिक्षक करिशंकांत झा के देख रेख में संपन्न हुआ। इस दौरान प्रतियोगिता में लम्बी कूद ,ऊंची कूद ,दौड़ सहित कई तरह के प्रतियोगिता हुई,जिसमे कई छात्र छात्राओं ने अपनी प्रतिभा दिखाई।
बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से रुदल पंडित मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि सामाजिक संस्थान परिवार विकास चंद्रेश्वरनगर के द्वारा पुर्विघुगुलडीह पंचायत के कुड़ीला गांव में दक्षिण नदी के किनारे पुरे पांच एकड़ में फलदार वृक्षारोपण किया गया। आज से करीब पांच साल पहले यह लगाया गया था,आज सभी पेड़ तैयार हो चुके है। फलों को बेचकर काफी पैसे भी आ रहे है। इस पैसों से समयजक कार्यों में खर्च किया जाता है साथ छठ पर्व में निःशुल्क अमरुद वितरण किया जाता है।
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बिहार राज्य के सारण जिला के दिघवारा प्रखंड से अजय कुमार मोबाइल वाणी को बताया कि बढ़ती गर्मी को देखते हुए सारण जिले के सभी सरकारी स्कूलों को आगामी दो जुलाई तक बंद रखने का निर्देश दिया है। इस बीच जिले के कुछ निजी स्कूलों को खोलने की सूचना मिली है ऐसे में उन निजी स्कूलों के संचालकों पर करवाई की जा सकती है। डीएम ने कहा कि सरकारी एवं निजी दोनों ही स्कूलें बंद रहेगी।
बिहार के जिला सिकंदरा से ज्योति कुमारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि हमारे बड़े-बुजुर्ग हमेशा कहते हैं कि अपने सोच और अपने सपने हमेशा ऊंचे रखने चाहिए। ऊंची सोच रखने वाले व्यक्ति को सफलता भी उसी अनुपात में मिलती है। ऐसे कई महापुरुष हमारे आस-पास हैं जिन्होंने अपनी कामयाबी को अपना अलग मुकाम बनाया ,उनकी सफलता में उनके सपनों की खास भूमिका रही है ,इसलिए यह आवशयक है कि हमारी सोच के साथ-साथ हमारे हौसले भी बुलंद हों। यह एक ऐसा सूत्र है ,जिसके दम पर हम बड़े से बड़े लक्ष्य को चुटकियों में पा सकते हैं।किसी भी लक्ष्य का साहस अगर मन में हो तो सफलता हमारे कदम अवश्य चुनती है।अतः हमें समय का सदुपयोग करते हुए खुद को आसमान की उचाईयों तक ले जाना चाहिए।
बिहार राज्य के जमुई जिला से विजय कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि देश में श्रमबल भागीदारी दर में महिलाओं का हिस्सा पिछले तेरह वर्षों के दौरान तेजी से गिरा है। यह कामकाजी उम्र की महिलाओं की कुल संख्या की तुलना में वैसी महिलाओं का अनुपात है, जो पारिश्रमिक पाते हुए रोजगार कर रही हैं। इस अनुपात में आयी गिरावट दरअसल एक अरसे के दौरान आयी है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 15 वर्ष से 24 वर्ष की महिलाओं के लिए यह अनुपात 1994 में जहां 35.8 प्रतिशत था, वहीं यह गिरते हुए 2012 तक 20.2 प्रतिशत पर पहुंच गया और उसके बाद भी लगातार इसमें कमी आती ही जा रही है। दूसरी ओर अन्य देशों में यह अनुपात 88 प्रतिशत की ऊंचाई का स्पर्श कर रहा है। गौरतलब यह भी है कि भारत में यह गिरावट महिलाओं के भिन्न-भिन्न उम्रवर्गों के साथ ही पूरे महिला श्रमबल में भी सामने आयी है।
बिहार राज्य के जमुई जिला से संजीवन कुमार जी मोबाइल वाणी के माध्यम मलेरिया बीमारी से गर्मियों के दिनों में कैसे बबचा जाये इस सम्बन्ध कहते हैं कि मलेरिया मच्छर जनित बीमारी है। इसका प्रभाव दुनियाभर में है।मलेरिया से विश्व में प्रतिवर्ष 50 करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित होते हैं।इसमें से लगभग 20 लाख लोगों की मौत हो जाती है।हालांकि, जरा सी सावधानी बरतें तो इससे बचाव संभव है। अगर मलेरिया हो भी जाए तो घबराएं नहीं, इसका इलाज संभव है।यह बीमारी मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से फैलता है। यह गरीबों के लिए अभिशाप साबित रहा है।गरीब व्यक्ति मच्छरों के चपेट में जल्द आ जाते हैं। साथ ही उनके इलाज की व्यवस्था भी समुचित नहीं होती, जिससे उनकी मौत हो जाती है।तेज बुखार आना,सर्दी-जुकाम होना,चक्कर आना,सांस फूलना आदि। मादा एनोफिलीज मच्छर जब किसी व्यक्ति को काटता है तो उसके परजीवी शरीर के लाल रक्त कोशिकाओं में प्रवेश कर जाते हैं। वहां पर उनकी संख्या तेजी से बढऩे लगती है, जिससे प्रभावित व्यक्ति के शरीर में तेजी से खून की कमी होने लगती है। इसके अलावा पीडि़त व्यक्ति का बुखार काफी बढ़ जाता है।अगर बीमारी जल्द पकड़ में नहीं आए तो मरीज के लिए जानलेवा साबित होती है।मादा एनोफिलीज मच्छर प्राय: 10 फीट तक की ऊंचाई तक उड़ पाते हैं। इसलिए मच्छर मारने वाली दवाओं का छिड़काव घरों में 10 फीट तक करना चाहिए। बाहरी वातावरण में मच्छर पैदा होने वाले स्थानों पर इसका छिड़काव समय-समय पर जरूर करते रहना चाहिए। मच्छरों पर नियंत्रण से इस बीमारी से बचा जा सकता है।सिविल सर्जन का कहना है कि मच्छरदानी का उपयोग मलेरिया से बचने का सबसे बेहतर उपाय है। इसके अलावा मच्छर भगाने वाली दवाओं का उपयोग भी लाभकारी होता है।साथ ही जल जमाव वाले इलाके में कीटनाशी का छिड़काव होने से मच्छरों पर नियंत्रण स्थापित करने में मदद मिलती है। अगर एक बार मलेरिया की बीमारी हो गई तो उसके लिए लंबे समय तक दवाओं का सेवन करना पड़ता है।