एमएसीपी योजना अंतगर्त प्रारंभिक विद्यालयों के शिक्षकों के कागजात के सत्यापन के लिए 3 मई को मंगल सेमिनरी में बुलाया गया है। डीपीओ स्थापना के अनुसार, आवेदन पत्रों की समीक्षा के क्रम में यह पाया गया कि उक्त तिथि को सभी प्रकार के शिक्षकों को कागज सत्यापन के लिए बुलाये जाने पर भीड़ अधिक होने की संभावना है। ऐसे में बीईओ को 3 मई को सिर्फ एनआईसी पर प्रकाशित सूची में नॉट वैरिफाइड वाले सूची में शामिल शिक्षकों को उपस्थित होने के लिए सूचित करने को कहा गया है।

15 सितंबर 2018 को नेपाल से तस्करी के लिए कमर में छुपा कर डेढ़ डेढ़ किलोग्राम चरस के साथ धाराएं कोलकाता निवासी दोनों युवकों को स्पेशल कोर्ट ने चरस तस्करी का दोषी करार देते हुए सजा सुनायी है। एनडीपीएस की धारा 20 बी 11 सी व 23 सी के अंतर्गत दोषी मुकर्रर पश्चिम बंगाल के एकबालपुर निवासी 26 वर्षीय शेख अरशद व बकरतरलला निवासी 29 वर्षीय शेख सदाब को 14 वें अपर जिला व सत्र न्यायाधीश सूर्यकांत तिवारी की अदालत ने दो - दो लाख के अर्थदंड तथा 11 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। दोनों अभियुक्तों को एसएसबी के जवानों ने रक्सौल कस्टम कार्यालय के समीप गिरफ्तार कर एनसीबी को सौंप दिया था। विचारण के दौरान एमसीबी के स्पेशल पीपी निर्मल कुमार ने आठ गवाहों का परीक्षण कराकर दलीलें पेश की। अदालत ने उभय पक्षोंको सुनने के बाद जांच रिपोर्ट व उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन कर अपराध के प्रकृति के मद्देनजर फैसला सुनाया है।

कुण्डवा चैनपुर किरोड़ी (घुमंतु बंजारा समाज) समाज के लोगों व घोड़ासहन थाना क्षेत्र के सिंगरहिया गांव के लोगों के बीच  जमकर मारपीट हुई। विवाद की शुरूआत सिंगरहिया गांव के एक युवक की बाइक से एक बच्चे को ठोकर लगने से हुई। ठोकर लगने के बाद कथित रूप से किरोड़ियों ने युवक को पकड़कर जमकर पीट दिया। जिसके बाद दोनों तरफ से जमावड़ा होना शुरू हो गया। इसी बीच सिंगरहिया जा रहे एक बारात को भी किरोड़ी ने रोक कर कथित रूप से पत्थरबाजी कर दी। कुण्डवा चैनपुर पुलिस को रात 8 बजे के करीब सूचना मिली कि दो पक्षों के बीच मारपीट हो रही है। गश्ती पर निकले सअनि सुनील कुमार सिंह पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। सुनील सिंह व पुलिस बल ने लोगों को समझाया तो सिंगरहिया के लोग पीछे हटकर गांव में चले गये। परन्तु किरोडियों का गुस्सा पुलिस को देखकर और भड़क गया। किरोड़ियों ने पारंपारिक हथियारों से पुलिस टीम पर हमला बोल दिया। करोड़ियों ने पुलिस टीम में शामिल सिपाही सुमन कुमार के ऊपर जानलेवा हमला कर दिया। सिपाही के सिर पर रड मारकर सिर फोड़ दिया। वहीं पीठ में बरछी भोंक कर घायल कर दिया।

स्कूल में अब सुरक्षित शनिवार में कोरोना संक्रमण के साथ कुत्ता, बंदर, मधुमक्खी और सांप के काटने से बचाव से जुड़ी जानकारी भी दी जायेगी। इसके लिए एससीईआरटी शिक्षकों को प्रशिक्षित कर रही है। इसके अलावा राज्यभर के डायट व्याख्याताओं को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बता दें कि सुरक्षित शनिवार की शुरुआत 2015 में एक से आठवीं तक की कक्षा में किया गया था। एक से आठवीं के छात्र और छात्राओं को हर शनिवार को आपदा के बारे में जागरूक किया जा रहा है। इसमें मौसम के अनुसार आपदा की जानकारी गतिविधि कराकर की जाती है। अभी तक सुरक्षित शनिवार में 16 तरह तक की आपदाओं के बारे में बताया जाता था, अब इनकी संख्या 18 हो गई है। एससीईआरटी और यूनिसेफ की मानें तो कुत्ता काटने की घटनाएं आए दिन बच्चों या उनके परिजन के साथ हो रही हैं। अब भी इसके इलाज को लेकर कई अंधविश्वास हैं। इसके साथ ही प्राथमिक उपचार के प्रति लोगों में जागरूकता नहीं है। इस कार्यक्रम से बच्चों और परिजनों इसके बारे में जानेंगे और अपना बचाव कर सकेंगे।

राज्य के सभी प्रखंडों में कम से कम एक सुधा का दूध बिक्री केंद्र (होल डे मिल्क बूथ) खोला जाएगा। पशुपालन विभाग ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है। कॉम्फेड के माध्यम से इस योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा। अभी राज्य के बमुश्किल आधे प्रखंडों में ही सुधा का स्थायी बूथ है। बिहार में अभी 458 सुधा का होल डे मिल्क बूथ है। लेकिन हर प्रखंड में बूथ नहीं है। हालांकि, रिटेलर (खुदरा बिक्री केंद्र) के माध्यम से लोगों को सुधा का दूध या अन्य उत्पाद मिल रहे हैं। पिछले दिनों हुई समीक्षा बैठक में पाया गया कि सुधा का बूथ अभी भी शहरी इलाकों में अधिक है। यह जिला-अनुमंडल स्तर पर है पर आधे से अधिक प्रखंडों में नहीं है। इसे देखते हुए विभाग ने 600 होल डे मिल्क बूथ खोलने का निर्णय लिया है। इसके तहत हर प्रखंड में कम से कम एक बूथ हो जाएंगे। बूथ खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 49 का निर्माण करने के लिए टेंडर जारी हो गया है। बूथ निर्माण के बाद उसके संचालन का जिम्मा राज्य के बेरोजगार युवकों और जीविका समूह को दिया जाएगा। राज्य में खुदरा विक्रय केंद्रों की संख्या भी बढ़ेगी। चौथे कृषि रोड मैप के तहत बिहार में 28 हजार 500 रिटेल खोलने का निर्णय लिया गया है।

केसरिया नगर पंचायत के नया बाजार निवासी व युवा समाजसेवी आशीष जायसवाल के कार्यशैली की  प्रशंसा करते हुए रितु जायसवाल ने कहा कि इनके नेतृत्व में केसरिया का चहुंमुखी विकास होगा। आसन्न नगर पंचायत के चुनाव में मुख्य पार्षद पद के लिए आशीष जायसवाल को समर्थन देने की अपील उन्होंने केसरिया वासियों से की। श्रीमती जायसवाल ने माला पहनाकर आशीष जायसवाल को विजय श्री का आशीर्वाद दिया। वहीं हरसिद्धि के पूर्व विधायक राजेंद्र कुमार राम ने आशीष जायसवाल को केसरिया नगर पंचायत के मुख्य पार्षद पद का सबसे उपयुक्त उम्मीदवार बतलाया। उन्होंने कहा कि चुनाव जीत कर आशीष समाज के सभी वर्ग के लोगों को साथ लेकर चलेंगे। उन्होंने भ्रष्टाचार एवं अपराध मुक्त केसरिया के निर्माण के लिए युवा समाजसेवी आशीष जायसवाल को समर्थन देने का आग्रह लोगों से किया।

जलवायु परिवर्तन का गहरा असर खेती पर पड़ रहा है। किसान उसको लेकर परेशान हैं। खेती पर लागत बढ़ती जा रही और उत्पादन घटता जा रहा है। रबी, खरीफ और गरमा तीनों फसलों पर प्रभाव पड़ा है। तीनों सीजन वाली फसल लगने की अवधि में 30 से 40 दिन की बढ़ोतरी हो गई। रबी फसल की बुआई 20 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच होनी चाहिए, लेकिन अब 20 नवंबर से बुआई शुरू हो रही है जो दिसंबर तक होती है। 30 मार्च से 15 अप्रैल तक रबी की फसल में गेहूं कटनी शुरू हो जाती है। मध्य फरवरी से गर्मी शुरू होने के कारण गेहूं सूखने लगता है। इससे गेहूं का दाना सिकुड़ जाता है। इसका असर यह हो रहा कि उत्पादन कम हो रहा और गेहूं की गुणवत्ता अच्छी नहीं हो रही है। इससे गेहूं के उत्पादन में कहीं-कहीं 50 फीसदी तक की कमी हो रही है। मसूर और चना के साथ भी यही हो रहा है। खरीफ फसल की बुआई 20 जून तक हो जानी चाहिए, लेकिन पानी की किल्लत के कारण 25 जुलाई तक बुआई शुरू हो रही है। फसल की कटाई नवंबर के पहले सप्ताह तक होनी चाहिए लेकिन यह अंतिम नवंबर तक चला जा रहा है। इससे रबी फसल लेट हो जा रही है। गर्मा फसल की बुआई की अवधि 15 फरवरी से 15 मार्च तक है लेकिन अप्रैल तक हो रही है। सब्जी फसल पर भी इसका असर देखा जा रहा है। किसान बोरिंग पर निर्भर हो चुके हैं।

परंपरागत गेंदे के लिए आदर्श तापमान 18 से 26 डिग्री सेल्सियस तक है। नया प्रभेद 42 डिग्री सेल्सियस तापमान तक में फूल देता है। यह गहरा नारंगी रंग का भरा और गठा हुआ है। गेंदा की खुशबू और उसकी खूबसूरती के लिए अब साल भर का इंतजार नहीं करना होगा। बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) सबौर ने स्थानीय मिट्टी और वातावरण के अनुकूल गर्मी में फूल देने वाली गेंदे की किस्म विकसित की है। बीएयू के पीआरओ डॉ. आरके सोहाने ने बताया कि भागलपुर सहित आठ जिलों गया, जमुई, औरंगाबाद, मधुबनी, हाजीपुर, कटिहार, पूर्णिया में दो वर्षो तक इसकी प्रायोगिक खेती की जा चुकी है। इतना ही नहीं देश के 21 केंद्रों पर इसका प्रत्यक्षण किया जा रहा है। ताकि इसे राष्ट्रीय स्तर पर रिलीज किया जा सके। पांच वर्षो के प्रयास से विकसित हुए इस प्रभेद को फिलहाल बीआरएम 113 कोड दिया गया है। प्रभेद जारी होने के बाद इसे नाम दिया जाएगा। नए प्रभेद का ईजाद युवा वैज्ञानिक डॉ. श्यामा कुमारी और डॉ. चंदन राय ने पुष्प विभाग के अध्यक्ष डॉ. रणधीर कुमार की देखरेखमें किया है। 42 डिग्री सेल्सियस पर भी खिलेंगे फूल परंपरागत गेंदे के लिए आदर्श तापमान 18 से 26 डिग्री सेल्सियस तक है। नया प्रभेद 42 डिग्री सेल्सियस तापमान तक में फूल देता है। यह गहरा नारंगी रंग का भरा और गठा हुआ है। बिचड़ा तैयार होने में 35 दिन लगते हैं। कुल 70-75 दिन में फूल तैयार हो जाता है। प्रति हेक्टेयर 800 ग्राम बीज की खपत होती है और 100 से 120 क्विंटल उत्पादन होता है। फरवरी के पहले सप्ताह में इसे लगाया जाता है। परंपरागत गेंदे के लिए आदर्श तापमान 18 से 26 डिग्री सेल्सियस तक है। नई किस्म 42 डिग्री सेल्सियस तापमान तक में फूल देती है। बिचड़ा तैयार होने में 35 दिन लगते हैं। कुल 70-75 दिन में फूल तैयार हो जाता है।

जीवधारा बजार के व्यवसायी चोरों के आतंक से दहशत में हैं। एक माह के अंदर दर्जन भर दुकानों का ताला व ऐलवेस्टर तोडकर लाखों की हुई चोरी बताया जाता है कि एक माह के अंदर पंकज कुमार पान दुकान, राधामोहन साह मिठाई दुकान,  सुजीत राम पान दुकान, चंदन जायसवाल के राशन दुकान, ललन साह के इलेक्ट्रॉनिक्स दुकान व घर, उमेश साह के भूजा दुकान, रामदेव साह के मिल दुकान, अनिल गिरी के साइबर कैफे में और मुकेश होटल तथा संतोष होटल में अलग-अलग तरीके से कहीं ताला तोड़कर तो कही खिडकी का रड निकाल कर तो कही एल्वेस्टस तोडकर चोरी को अंजाम दिया है। इन सारी घटनाओं की सूचना पुलिस को दी जाती रही है। परन्तु पुलिस चोर को पकड़ने से कोसों दूर है।

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