जमुई जिलेभर में पछुआ हवा चलने के कारण सर्दी का प्रकोप बढ़ गया है ।बीते 24 घंटे में सुबह-शाम ठंडी पछुआ हवा चलने के कारण कनकनी में वृद्धि हुई। जिससे लोगों को दिनभर कंपकंपी का अहसास होता रहा। मौसम विभाग के अनुसार अधिकतम तापमान मैं गिरावट दर्ज की गई जो सामान्य से नीचे है। तापमान में आए इस बदलाव ने आम जनजीवन पर असर डाला है। वहीं मंगलवार की सुबह में कुहासा से वाहन चालकों को परेशानी हुई है। सुबह जिले में घना कुहासा छाया रहा।

जमुई जिले भर में पिछले दो दिनों से हो रही बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है किसान की धान की फसल गिर गई है कई क्षेत्रों में जल भराव से फसल सड़ने लगी है बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है विस्तार पूर्व खबर सुनने के लिए ऑडियो क्लिक

जमुई जिले भर में आज बुधवार को सुबह से ही रुक-रुक कर झमाझम बारिश हो रही है विस्तार पूर्वक खबर सुनने के लिए ऑडियो क्लिक करें

जमुई जिले में बारिश से दुर्गा पूजा मेले की रौनक फीकी पड़ गई। इसी दौरान अचानक तेज बारिश और आकाशीय बिजली चमकने लगी। बारिश और बिजली से बचने के लिए श्रद्धालु इधर-उधर छिपने को मजबूर हो गए, जिससे पूजा पंडालों में सन्नाटा छा गया। बारिश के कारण सड़कों पर लगी अस्थाई दुकानें, ठेले और चाट-पकौड़ी व चौमिन बेचने वाले दुकानदार ग्राहकों के अभाव में मायूस दिखे। एक ओर इस तेज बारिश ने लोगों को उमस और भीषण गर्मी से राहत दी, वहीं दूसरी ओर दुर्गा पूजा की रौनक फीकी पड़ गई। श्रद्धालु पूरे जोश और उल्लास के साथ माता की आराधना करने निकले थे, लेकिन मौसम की मार ने पूरे उत्सव के माहौल को ठंडा कर दिया। महानवमी पर हुई इस बारिश ने न केवल श्रद्धालुओं को परेशानी में डाला, बल्कि व्यापारियों की उम्मीदों पर भी पानी फेर दिया।

गिद्धौर प्रखंड में दुर्गा पूजा धूमधाम से हो रही है विस्तार पूर्व खबर सुनने के लिए ऑडियो क्लिक करें

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जमुई जिले भर में सावन के पहले सोमवार से झमाझम बारिश हो रही है। श्रावण मास के पहले सोमवार पर यह बारिश किसानों और श्रद्धालुओं दोनों के लिए लाभदायक साबित हो रही है। जिले के मंदिरों में बारिश के बावजूद शिव का जलाभिषेक करने पहुंच रहे हैं। स्थानीय किसान सुरेश कुमार वर्मा, रामनिवास यादव और शुभम ने बताया कि यह बारिश धान की रोपाई के लिए बेहद फायदेमंद है। जिन किसानों की धान रोपाई अभी बाकी है, उन्हें भी अब खेतों में काम करने का अवसर मिलेगा। किसानों का कहना है कि श्रावण मास के सोमवार पर प्रतिवर्ष बारिश का होना एक शुभ संकेत माना जाता है। इस वर्ष भी यह परंपरा बरकरार रही है