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आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण लड़कियां पढ़ नहीं पाती
80 वर्ष के बाद भी दादा जी को मिल रहा है मात्र ₹400 ही परंतु हर महीने नहीं दो-तीन महीने के बाद ही मिलता है जिसके कारण दादा जी को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है इनका कहना है कि ₹400 से बढ़कर ₹1500 कर देना चाहिए ताकि हम लोगों को.............
बिहार राज्य के जमुई जिले की निर्मला देवी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया की उनको राशन नहीं मिलता है
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बिहार राज्य के जिला जमुई से मुख्तेश्वर पांडेय , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि लड़कियों को स्कूल में आवश्यक सुविधाएं नहीं मिल रही हैं , जिससे वे स्कूल नहीं जा पा रही हैं । हालाँकि लड़की घर के काम में व्यस्त होने के कारण नियमित रूप से स्कूल नहीं जा पाती है , लेकिन एक और कारण है कि स्कूल में लड़कियों के लिए शौचालय नहीं है । शौचालय की सुविधा न होने के कारण लड़कियां भी स्कूल नहीं जाती हैं । हर कोई जानता है कि लड़कियों को कुछ समय के लिए अपनी व्यक्तिगत समस्याओं से निपटना पड़ता है । स्कूल में शौचालय की व्यवस्था सही नहीं है । और यह लड़कियों को सबसे अधिक प्रभावित करता है , इसलिए यह आवश्यक हो जाता है कि स्कूल प्रबंधक इन सभी बातों पर ध्यान दें ताकि गाँव की बेटियाँ सुविधाओं की कमी के कारण स्कूल न जाएं ।
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हिट एंड रन कानून की बात आते ही ड्राइवर में मचा खलबली अगर चालक द्वारा कोई घटना होती है तो चालक को 10 साल की सजा और सात लाख रुपए का जुर्माना भुगतान करना होगा जो यह बात ड्राइवर को मनाना नहीं है अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें और पूरी जानकारी सुने
बिहार राज्य के जिला जमुई से मुख्तेश्वर पांडेय , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि हिट एंड रन के मामले में वाहन चालकों पर लगाए गए कानूनी प्रावधानों से उपजे संकट पर बाते चल रही है जो कहीं न कहीं सही भी लगता है। इस मामले में सरकार कह रही है की यदि वाहन चालाक किसी व्यक्ति को ठोकर मारकर भागता है तो उसे सात लाख और दस साल की सजा सुनाई जाएगी। वाहन चालकों को कहा जा रहा है कि दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को हॉस्पिटल तक पहुंचाया जाये। और इसी बात को लेकर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने हड़ताल कर दी। इसका परिणाम यह हुई की जरूरी सेवायें ठप हो गई। खाने पिने की चीज़े से लेकर पेट्रोल आदि कि सप्लाई बंद हो गई और इसका असर आम लोगों पर पड़ रहा है। एसा इसीलिए हुआ की इस सम्बन्ध में कानून बनाने से पहले लोगों की राय नहीं लिया गया। सरकारों को भी सोच समझ कर कानून बनाना चाहिए।