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जमुई जिले के चारों विधानसभा क्षेत्र मेंजैसे-जैसे मतदान करने का समय नजदीक आ रहा हैं। झाझा का चुनावी माहौल पूरी तरह चुनावी रंग में डूब गया है। सुबह से लेकर देर रात तक गांव-गांव में प्रचार का शोरगुल गूंज रहा है। प्रत्याशी अपने-अपने समर्थकों के साथ टोले-मोहल्लों में घूमकर लोगों से मुलाकात कर रहे हैं। मतदाताओं का दिल जीतने के लिए प्रत्याशी हर संभव मतदाताओं को रिझाने में लगे हुए हैं। कोई प्रत्यासी गले मिल रहे हैं तो कहीं बुजुर्गों के पैर छूकर नतमस्तक होकर आशीर्वाद मांग रहे हैं। जनसमर्थन पाने के लिए प्रत्याशी अपने भाषणों में बड़े-बड़े वादे कर रहे हैं। कोई क्षेत्र में सड़क, बिजली, पानी और स्वास्थ्य सुविधाओं के सुधार की बात कर रहा है, तो कोई युवाओं को रोजगार और किसानों को राहत देने का भरोसा दिला रहा है। महिलाओं के सशक्तीकरण और शिक्षा व्यवस्था में सुधार के दावे भी मंचों से लगातार किए जा रहे हैं। बता दें कि चुनावी माहौल को गर्माने के लिए बड़ी-बड़ी पार्टियां अपने स्टार प्रचारकों को भी मैदान में उतार रही हैं। मंचों से पक्ष और विपक्ष एक-दूसरे पर जमकर निशाना साध रहे हैं। ज्ञात हो कि गांव के चौक-चौराहों, गलियों और बाजारों में प्रत्याशियों के प्रचार वाहनों से दिनभर लाउडस्पीकर पर पार्टी के गीत और नारे गूंजते रहते हैं।
जमुई जिले के विभिन्न नदियों तलाव में कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर श्रद्धालुओं के भीड़ उमड़ गई विस्तार पूर्वक खबर सुनने के लिए ऑडियो क्लिक करें
जमुई जिले भर में पिछले दो दिनों से हो रही बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है किसान की धान की फसल गिर गई है कई क्षेत्रों में जल भराव से फसल सड़ने लगी है बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है विस्तार पूर्व खबर सुनने के लिए ऑडियो क्लिक
जमुई जिले भर में आज बुधवार को सुबह से ही रुक-रुक कर झमाझम बारिश हो रही है विस्तार पूर्वक खबर सुनने के लिए ऑडियो क्लिक करें
उदीयमान सूर्य (उगते सूरज) को अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही छठ महापर्व का समापन हो गया। जमुई जिला समेत पूरे इलाके में लोक आस्था का महापर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। मंगलवार को तड़के चार बजे से ही जगह-जगह बनाए गए घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगे। छठ घाटों पर व्रतियों ने श्रद्धा और आस्था के साथ भगवान भास्कर की उपासना की जमुई शहर से सटे बहने वाली किऊल नदी के तट पर स्थित खैरमा घाट, सतगामा, बिहारी, कल्याणपुर, त्रिपुरारी घाट, गिद्धौर रतनपुर सहित अन्य छठ घाटों पर , उदयमान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए भारी संख्या में व्रती और श्रद्धालु नजर आए। वहीं विभिन्न तालाबों और जिला के अलग-अलग इलाकों में बनाए गए छठ घाटों पर भी व्रतियों की बड़ी तादाद नजर आई। कई छठ व्रतियों ने अपने घर के छत पर ही अर्घ्य दिया। लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर सम्पूर्ण जिला में खासा उत्साह देखने को मिला। छठ व्रतियों ने पवित्र नदी, तालाब, पोखर आदि जल श्रोतों में डुबकी लगाकर बड़े ही आस्था और विश्वास के साथ सूर्यदेव को नमन किया और उन्हें अर्घ्य अर्पित कर मनोकामना पूरा करने का वर मांगा।
लोकआस्था का महापर्व छठ का आज तीसरा दिन है। इस दिन अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया जाता है। जमुई जिला में छठ व्रतियों ने विभिन्न घाटों पर प्रचलित परंपराओं के मुताबिक डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। इस दरम्यान विभिन्न जल श्रोतों पर स्थित छठ घाटों पर आस्था का जन सैलाब उमड़ा। जमुई शहर से सटे बहने वाली किऊल नदी के तट पर स्थित खैरमा घाट, सतगामा, बिहारी, कल्याणपुर, त्रिपुरारी घाट, गिद्धौर रतनपुर सहित अन्य छठ घाटों पर डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए भारी संख्या में व्रती और श्रद्धालु नजर आए। वहीं विभिन्न तालाबों और जिला के अलग-अलग इलाकों में बनाए गए छठ घाटों पर भी व्रतियों की बड़ी तादाद नजर आई। कई छठ व्रतियों ने अपने घर के छत पर ही अर्घ्य दिया। लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर सम्पूर्ण जिला में खासा उत्साह देखने को मिला। छठ व्रतियों ने पवित्र नदी, तालाब, पोखर आदि जल श्रोतों में डुबकी लगाकर बड़े ही आस्था और विश्वास के साथ सूर्यदेव को नमन किया और उन्हें अर्घ्य अर्पित कर मनोकामना पूरा करने का वर मांगा।
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छठ पूजा को लेकर जमुई जिले भर में में उत्साह और श्रद्धा का माहौल है। गांव-गांव में व्रतियों द्वारा तैयारी जोरों पर है। शनिवार को छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं की भीड़ मार्केट में उमड़ पड़ी। लोगों ने पूजा में उपयोग होने वाले सूप, दउरा, फल, गन्ना, नारियल, अदरक और अन्य सामग्रियों की खरीदारी की। बाजार में सुबह से ही महिलाओं और पुरुषों की लंबी कतार देखी गयी
लोक आस्था का महापर्व छठ शनिवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया है। रविवार को खरना है। चार दिवसीय महापर्व के पहले दिन व्रतियों ने गंगा सहित प्रमुख नदियों में स्नान और भगवान भास्कर की पूजा की। व्रतियों ने स्नान के बाद कद्दू, अरवा चावल, चना दाल, आंवले की चटनी आदि से बना प्रसाद ग्रहण किया। साथ ही चार दिवसीय अनुष्ठान का संकल्प लिया। रविवार को खरना के लिए मिट्टी के चूल्हे और आम की लकड़ी के जलावन से अरवा चावल व गुड़ से बनी खीर, रोटी आदि का प्रसाद तैयार करेंगे।
