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जिला जमुई के गिद्धौर प्रखंड से, दुखन राम जी मोबाइल वाणी के माध्यम से जे.एस.बी चिमनी भट्टे के मज़दूर एवं महिलाओं से साक्षात्कार ले रहे है,जिसमे मजदूरों का कहना है कि वे एक महीने से इस भट्टे में काम कर रही है। एक साल में इन्हे छः महीना काम मिलता है। एक हजार ईट बनाने पर छः सौ रुपया दिया जाता है। मालिक मजदूरों के साथ अच्छा व्यवहार करते है। चिमनी भट्टा में काम पूरा हो जाने के बाद मजदूरी का काम करते है। बच्चो को नहीं पढ़ाते है क्यूंकि जो पैसा कमाते है वह खाने-पीने में खर्च हो जाता है।

जिला जमुई के गिद्धौर प्रखंड से, दुखन राम जी मोबाइल वाणी के माध्यम से चिमनी भट्टे के मज़दूर मालिंद्र जी से साक्षात्कार ले रहे है,जिसमे मालिंद्र जी का कहना है कि वे इस भट्टे में सात माह से काम कर रहे है। एक साल में सात महीना काम मिलता है, और बाकि दिन घर-गृहस्थी वाला काम करते है। मालिक मजदूरों के साथ अच्छा व्यवहार करते है, साथ ही एक हजार ईट बनाने पर पांच सौ रुपया दिया जाता है

जिला जमुई के गिद्धौर प्रखंड से, दुखन राम जी मोबाइल वाणी के माध्यम से चिमनी भट्टे के मज़दूर संजय जी से साक्षात्कार ले रहे है,जिसमे संजय जी का कहना है कि वे एक महीने से इस भट्टे में काम कर रही है। एक साल में इन्हे छः महीना काम मिलता है। चिमनी भट्टा में काम पूरा हो जाने के बाद मजदूरी का काम करते है। एक हजार ईट बनाने पर छः सौ रुपया दिया जाता है। चिमनी भट्टा मालिक मजदूरों के साथ अच्छा व्यवहार करते है, साथ ही जरुरत पड़ने पर मालिक द्वारा पैसा भी दिया जाता है।