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बिहार राज्य के जमुई जिला से राजीव जीविका मोबाइल वाणी के द्वारा बताते हैं कि सिकंदरा प्रखंड के मंजोस पंचायत के कोनन ग्राम में जीविका की बैठक में दीदी ने जानकारी दी की पिछले एक साल में गाँव में जीविका के माध्यम से काफी बदलाव आया है।ग्रामीणों में बदलाव और प्रगति दोनों ही देखा गया।यहाँ की गरीब महिलायें जीविका से लोन ले कर रोजगार और अन्य तरह के कार्य कर गरीबी को मुँह तोड़ जवाब दिया है।जिन घरों में गरीबी के कारण अंधकारमय जीवन होता था।वही महिलायें अब जीविका की मदद से अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन व्यतीत कर रही हैं।

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बिहार राज्य के जमुई जिला से विजय कुमार मोबाइल वाणी के द्वारा जानकारी दे रहे हैं कि बिहार में स्कुलों की स्थिति काफी दयनीय है।यहाँ स्कुलों में शिक्षकों की भारी कमी तो है ही इसके साथ ही सरकार द्वारा प्रदत राशि का भी लोग बन्दरबाँट कर लेते हैं।शिक्षकों को मिड डे मिल योजना में लगा दिया गया है ,जिसके कारण शिक्षा पर प्रतिकुल प्रभाव पड़ रहा है।सरकार द्वारा कई तरह की योजनाओं के संचालन के बाद भी स्कुलों में छात्रों की कमी देखने को मिल रही है,जो चिंता का विषय है।राज्य के इंटर स्कुलों में भी शिक्षकों की कमी है ,इन स्कुलों में प्रायोगिक परीक्षा भी सिर्फ नाम के लिए लिए जाते हैं।सरकार शिक्षकों की बहाली भी कर रही है,फिर भी शिक्षा स्तर में कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा है।सरकार को शिक्षा विभाग की ओर ध्यान देने की सख्त जरुरत है

बिहार राज्य के जमुई जिला से विजय कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि किसी भी देश की आर्थिक विकास इस बात पर निर्भर करता है की वहाँ के युवाओँ को रोजगार पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है की नहीं।लेकिन वर्तमान स्थिति पर हम गौर करें तो रोजगार का बाजार सिकुड़ता नजर आएगा।रोजगार के घटते ग्राफ से देश की उन्नति कैसे संभव है।भविष्य में स्थिति और खराब होगी क्युँकि मनुष्यों द्वारा किये जाने वाले कार्यों को रॉबर्ट को सौंपने की तैयारियाँ चल रही है।

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बिहार राज्य के जमुई जिला से विजय कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से अनुभव साझा करते हुए कहते हैं कि एक स्वस्थ और शिक्षित व्यक्ति समाज में शांति और उन्नति कायम कर सकता है।एक स्वस्थ व्यक्ति से अच्छा समाज बनता है।अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्राकृतिक जीवन शैली को अपनाना जरुरी है।जैसे की संतुलित आहार,शुद्ध विचार,और अच्छा व्यवहार।लेकिन हम सब आज भौतिकववादी समाज में आगे बढ़ रहे हैं।जहाँ की जीवनशैली में कृत्रिम खान-पान और दिखावा ज्यादा है।शारीरिक परिश्रम तो अब छुटता ही जा रहा है। पढ़ाई आवश्यक है,लेकिन शारीरिक श्रम और खेल-कुद भी जीवन में जरुरी है।इससे हमें तनाव रहित जीवन जीने में मदद मिलती है।प्रकृति से जुड़े रह कर हम सब कई बिमारियों से दुर रह सकते हैं।